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Karnataka: कलबुर्गी में RSS की प्रचार सामग्री हटाई गई, भाजपा ने जताई नाराजगी; सरकार बोली- अनुमति नहीं ली गई थी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बंगलूरू
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Sat, 18 Oct 2025 04:25 PM IST
सार
कर्नाटक के कलबुर्गी जिले में आरएसएस के पथ संचलन कार्यक्रम से पहले प्रचार सामग्री हटाए जाने पर विवाद भड़क गया है। भाजपा ने मंत्री प्रियांक खरगे पर हमला बोला तो खरगे ने पलटवार करते हुए कहा कि आरएसएस ने अनुमति नहीं ली थी।
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प्रियांक खरगे, मंत्री, कर्नाटक
- फोटो : ANI
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विस्तार
कर्नाटक के कलबुर्गी जिले के चित्तापुर तालुक में आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) की प्रचार सामग्री हटाए जाने के बाद सियासी संग्राम छिड़ गया है। भाजपा ने राज्य मंत्री प्रियांक खरगे पर तीखा हमला बोला है, जबकि मंत्री का कहना है कि आरएसएस ने कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं ली थी। मामला अब भाजपा बनाम कांग्रेस की एक नई जंग में बदल गया है।
शनिवार को चित्तापुर तालुक में आरएसएस के झंडे, फ्लेक्स, बैनर और पोस्टर प्रशासन द्वारा हटा दिए गए। यह कार्रवाई उस वक्त हुई जब आरएसएस की ‘पथ संचलन’ रैली आयोजित होने वाली थी, जिसे उसकी शक्ति प्रदर्शन की तरह देखा जा रहा था। बताया जा रहा है कि कांग्रेस सरकार ने हाल ही में सार्वजनिक स्थलों और सरकारी परिसरों में कार्यक्रम आयोजित करने के लिए अनुमति की नई शर्तें लागू की हैं।
भाजपा ने कार्रवाई पर उठाए सवाल
इस घटना के बाद भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर तीखा वार किया। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि क्या चित्तापुर भारत में है या खरगे परिवार का गणराज्य? भाजपा का कहना है कि आरएसएस को कार्यक्रम की अनुमति थी और नगरपालिका को विज्ञापन कर भी जमा किया गया था। बावजूद इसके, रात में प्रचार सामग्री हटाई गई।
ये भी पढ़ें- नक्सली संगठन का प्रमुख बताकर करता था जबरन वसूली, फर्जी कंपनियों की मदद से पत्नियां ठिकाने लगाती थीं पैसा
प्रियांक खरगे का पलटवार
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए आईटी और बीटी मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा कि आरएसएस ने केवल कार्यक्रम की सूचना दी थी, अनुमति नहीं ली थी। उन्होंने कहा, “मुझे भी बिना अनुमति पोस्टर लगाने पर जुर्माना लगा था। फिर आरएसएस क्यों अपवाद बने?” इसके साथ ही उन्होंने तंज कसते हुए पूछा कि क्या आरएसएस का झंडा भारत का राष्ट्रीय ध्वज है? वे झंडा अवैध रूप से लगा रहे थे और अब हमें दोष दे रहे हैं।
पुलिस से शिकायत की तैयारी
प्रियांक खरगे ने दावा किया कि एक भाजपा कार्यकर्ता ने उन्हें धमकी दी कि आरएसएस स्वयंसेवक उनके घर में घुसकर उन्हें मारेंगे। उन्होंने कहा कि इस धमकी की शिकायत वे पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से करेंगे। उधर, भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस सरकार आरएसएस की गतिविधियों को रोकने की कोशिश कर रही है।
ये भी पढ़ें- 'सरकार की सलाह के बिना हुई वार्ताकार की नियुक्ति', CM ममता ने पीएम मोदी से रद्द करने की मांग की
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया क्या बोले?
मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि उन्हें पूरी जानकारी नहीं है, लेकिन वे रिपोर्ट मंगवाएंगे। उन्होंने साफ किया कि किसी भी संगठन को सार्वजनिक स्थान पर कार्यक्रम के लिए अनुमति लेनी ही होगी। उन्होंने यह भी कहा कि यह नियम 2013 में तत्कालीन भाजपा मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर ने ही लागू किया था। उन्होंने सवाल उठाया कि तब किसी ने विरोध क्यों नहीं किया। सिद्धारमैया ने कहा कि हमारा निशाना किसी संगठन पर नहीं, नियम सब पर समान हैं। भाजपा हमेशा राजनीति करती है, गरीबों के लिए कभी काम नहीं करती।
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शनिवार को चित्तापुर तालुक में आरएसएस के झंडे, फ्लेक्स, बैनर और पोस्टर प्रशासन द्वारा हटा दिए गए। यह कार्रवाई उस वक्त हुई जब आरएसएस की ‘पथ संचलन’ रैली आयोजित होने वाली थी, जिसे उसकी शक्ति प्रदर्शन की तरह देखा जा रहा था। बताया जा रहा है कि कांग्रेस सरकार ने हाल ही में सार्वजनिक स्थलों और सरकारी परिसरों में कार्यक्रम आयोजित करने के लिए अनुमति की नई शर्तें लागू की हैं।
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भाजपा ने कार्रवाई पर उठाए सवाल
इस घटना के बाद भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर तीखा वार किया। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि क्या चित्तापुर भारत में है या खरगे परिवार का गणराज्य? भाजपा का कहना है कि आरएसएस को कार्यक्रम की अनुमति थी और नगरपालिका को विज्ञापन कर भी जमा किया गया था। बावजूद इसके, रात में प्रचार सामग्री हटाई गई।
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प्रियांक खरगे का पलटवार
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए आईटी और बीटी मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा कि आरएसएस ने केवल कार्यक्रम की सूचना दी थी, अनुमति नहीं ली थी। उन्होंने कहा, “मुझे भी बिना अनुमति पोस्टर लगाने पर जुर्माना लगा था। फिर आरएसएस क्यों अपवाद बने?” इसके साथ ही उन्होंने तंज कसते हुए पूछा कि क्या आरएसएस का झंडा भारत का राष्ट्रीय ध्वज है? वे झंडा अवैध रूप से लगा रहे थे और अब हमें दोष दे रहे हैं।
पुलिस से शिकायत की तैयारी
प्रियांक खरगे ने दावा किया कि एक भाजपा कार्यकर्ता ने उन्हें धमकी दी कि आरएसएस स्वयंसेवक उनके घर में घुसकर उन्हें मारेंगे। उन्होंने कहा कि इस धमकी की शिकायत वे पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से करेंगे। उधर, भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस सरकार आरएसएस की गतिविधियों को रोकने की कोशिश कर रही है।
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मुख्यमंत्री सिद्धारमैया क्या बोले?
मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि उन्हें पूरी जानकारी नहीं है, लेकिन वे रिपोर्ट मंगवाएंगे। उन्होंने साफ किया कि किसी भी संगठन को सार्वजनिक स्थान पर कार्यक्रम के लिए अनुमति लेनी ही होगी। उन्होंने यह भी कहा कि यह नियम 2013 में तत्कालीन भाजपा मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर ने ही लागू किया था। उन्होंने सवाल उठाया कि तब किसी ने विरोध क्यों नहीं किया। सिद्धारमैया ने कहा कि हमारा निशाना किसी संगठन पर नहीं, नियम सब पर समान हैं। भाजपा हमेशा राजनीति करती है, गरीबों के लिए कभी काम नहीं करती।