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Data Protection Bill: अश्विनी वैष्णव ने डेटा सुरक्षा बिल संसदीय आईटी समिति को नहीं भेजा, कार्ति का बड़ा हमला

पीटीआई, नई दिल्ली। Published by: Jeet Kumar Updated Fri, 03 Mar 2023 04:41 PM IST
सार

आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि संचार और आईटी पर स्थायी समिति ने डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2022 के मसौदे को मंजूरी दे दी है। समिति के एक सदस्य के रूप में, मैं स्पष्ट रूप से बताना चाहूंगा कि विधेयक को मंजूरी नहीं दी गई है।

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Karti Chidambaram said  Ashwini Vaishnaw did not send Data protection bill to parliamentary IT panel
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने डेटा सुरक्षा बिल को औपचारिक रूप से संसदीय आईटी समिति को नहीं भेजा है। उन्होंने अश्विनी वैष्णव पर हमला बोलते हुए उनके बयान को झूठा करार दिया। साथ ही कार्ति चिदंबरम के पार्टी सहयोगी और संसदीय आईटी पैनल के पूर्व प्रमुख शशि थरूर ने बिल पर व्यापक परामर्श की मांग की।

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अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को कहा था कि संचार और सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति ने डेटा संरक्षण कानून के संशोधित मसौदे के लिए कुछ नहीं किया। आगे उन्होंने कहा कि डेटा संरक्षण पर संशोधित विधेयक की एक उन्नत प्रति समिति के साथ साझा की गई थी। बता दें कि नौकरशाह से राजनेता बने वैष्णव वर्तमान में आईटी पोर्टफोलियो संभालते हैं। 
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वैष्णव की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए, कांग्रेस के लोकसभा सांसद और आईटी पैनल के सदस्य कार्ति चिदंबरम ने कहा कि आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि संचार और आईटी पर स्थायी समिति ने डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2022 के मसौदे को मंजूरी दे दी है। समिति के एक सदस्य के रूप में, मैं स्पष्ट रूप से बताना चाहूंगा कि विधेयक को मंजूरी नहीं दी गई है।

उन्होंने कहा कि मसौदा विधेयक नवंबर 2022 में सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया गया था और दिसंबर में नागरिकों की निजता और डेटा सुरक्षा पर चर्चा के दौरान समिति ने मसौदा विधेयक पर प्रारंभिक चर्चा भी की थी। चिदंबरम ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि संसदीय प्रक्रिया में यह अनिवार्य है कि सदन में पेश किए जाने के बाद अध्यक्ष या सभापति इसकी जांच के लिए समिति को सिफारिश कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि डीपीडीपी बिल को औपचारिक रूप से समिति को नहीं भेजा गया है और इसलिए अश्विनी वैष्णव द्वारा दावा किया गया जो असत्य है। वैष्णव ने मुंबई में बोलते हुए कहा था कि मैं कुछ अच्छी खबरें साझा करना चाहता हूं कि आईटी और संचार पर संसदीय स्थायी समिति इस विधेयक को संसद में ले जाने से पहले, उन्होंने एक बड़ी स्वीकृति दी है।

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