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CPIM: माकपा के महासचिव बनने वाले एमए बेबी पहले अल्पसंख्यक नेता, जानिए उनके बारे में
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मदुरै
Published by: नितिन गौतम
Updated Mon, 07 Apr 2025 10:59 AM IST
सार
एमए बेबी माकपा की सर्वोच्च निर्णायक निकाय पोलितब्यूरो के सदस्य रहे हैं। वह खुद को पार्टी का आज्ञाकारी सैनिक बताते हैं। महासचिव बनने के बाद मीडिया से बातचीत में एमए बेबी ने माना कि पार्टी कमजोर हुई है, लेकिन अब पार्टी को मजबूती देने के लिए हर कार्यकर्ता को एकजुट होने की जरूरत है।
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दिवंगत सीताराम येचुरी के साथ एमए बेबी
- फोटो : एएनआई
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विस्तार
माकपा की रविवार को 24वीं ऑल इंडिया पार्टी कांग्रेस बैठक हुई। इस बैठक में एमए बेबी को माकपा का नया महासचिव नियुक्त किया गया। पार्टी के शीर्ष पद पर पहुंचने वाले एमए बेटी अल्पसंख्यक वर्ग के पहले नेता हैं। एमए बेबी माकपा महासचिव बनने वाले केरल के दूसरे नेता हैं। बेबी से पहले सीपीआईएम के दिग्गज नेता ईएमएस नंबूदरीपाद भी महासचिव पद पर रह चुके हैं। प्रकाश करात का भी ताल्लुक केरल से है और वे साल 2005 से लेकर 2015 तक पार्टी के महासचिव पद पर थे, लेकिन वे तब माकपा की दिल्ली यूनिट से जुड़े हुए थे।
अशोक धावाले से मिली थी चुनौती
सीताराम येचुरी के निधन के बाद से ही माकपा का महासचिव पद खाली था। इस पद की रेस में एमए बेबी के साथ ही ऑल इंडिया किसान सभा के अध्यक्ष अशोक धावाले का नाम भी शामिल था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं सूर्य कांत मिश्रा, नीलोत्पल बसु, मोहम्मद सलीम और रामचंद्र डोमे ने अशोक धावाले के नाम का समर्थन किया था। हालांकि बाद में एमए बेबी का पलड़ा भारी पड़ा और वे नए महासचिव नियुक्त किए गए। नए महासचिव के चुनाव के बाद पार्टी के पूर्व महासचिव और वरिष्ठ नेता प्रकाश करात ने कहा कि 'कांग्रेस ने भविष्य के लिए एक राजनीतिक रूपरेखा तैयार की है और पार्टी को आगे ले जाने के लिए आवश्यक संगठनात्मक कदम उठाए हैं। उस आधार पर, इसने एक नया नेतृत्व, एक नई केंद्रीय समिति, एक नया पोलित ब्यूरो और एक नया महासचिव चुना है।'
एमए बेबी माकपा की सर्वोच्च निर्णायक निकाय पोलितब्यूरो के सदस्य रहे हैं। वह खुद को पार्टी का आज्ञाकारी सैनिक बताते हैं। महासचिव बनने के बाद मीडिया से बातचीत में एमए बेबी ने माना कि पार्टी कमजोर हुई है, लेकिन अब पार्टी को मजबूती देने के लिए हर कार्यकर्ता को एकजुट होने की जरूरत है। बेबी ने पार्टी की विभिन्न संगठनात्मक समितियों और संगठनों को मजबूत करने की बात कही है।
ये भी पढ़ें- L2-Empuraan: 'अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला', माकपा सांसद ने राज्यसभा में उठाया फिल्म 'एल2: एम्पुरान' का मुद्दा
कौन हैं एमए बेबी
केरल के प्रक्कुलम में साल 1954 में पीएम एलेक्जेंडर और लिली एलेक्जेंडर के घर एमए बेबी का जन्म हुआ। बेबी के राजनीतिक करियर की शुरुआत सीपीआईएम की छात्रा शाखा केरल स्टूडेंट फेडरेशन, जिसे अब स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया कहा जाता है। वे साल 1986 से 1998 तक राज्यसभा के सदस्य रहे। साथ ही केरल की अच्युतानंद सरकार में साल 2006 से 2011 के बीच राज्य सरकार में मंत्री भी रहे। उनके परिवार में पत्नी और एक बेटा अशोक बेटी नेल्सन है।
ऑल पार्टी कांग्रेस बैठक में माकपा की केंद्रीय समिति पोलितब्यूरो में भी बदलाव किए गए हैं। कई शीर्ष नेताओं को पोलितब्यूरो से बाहर किया गया है और उनकी जगह नए लोगों को जगह दी गई है। 84 सदस्यीय केंद्रीय समिति में भी 30 नए चेहरों को जगह दी गई है। केंद्रीय समिति ने 18 सदस्यों वाले पोलितब्यूरो का चयन किया, जिसमें आठ नए सदस्य हैं।
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सीताराम येचुरी के निधन के बाद से ही माकपा का महासचिव पद खाली था। इस पद की रेस में एमए बेबी के साथ ही ऑल इंडिया किसान सभा के अध्यक्ष अशोक धावाले का नाम भी शामिल था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं सूर्य कांत मिश्रा, नीलोत्पल बसु, मोहम्मद सलीम और रामचंद्र डोमे ने अशोक धावाले के नाम का समर्थन किया था। हालांकि बाद में एमए बेबी का पलड़ा भारी पड़ा और वे नए महासचिव नियुक्त किए गए। नए महासचिव के चुनाव के बाद पार्टी के पूर्व महासचिव और वरिष्ठ नेता प्रकाश करात ने कहा कि 'कांग्रेस ने भविष्य के लिए एक राजनीतिक रूपरेखा तैयार की है और पार्टी को आगे ले जाने के लिए आवश्यक संगठनात्मक कदम उठाए हैं। उस आधार पर, इसने एक नया नेतृत्व, एक नई केंद्रीय समिति, एक नया पोलित ब्यूरो और एक नया महासचिव चुना है।'
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एमए बेबी माकपा की सर्वोच्च निर्णायक निकाय पोलितब्यूरो के सदस्य रहे हैं। वह खुद को पार्टी का आज्ञाकारी सैनिक बताते हैं। महासचिव बनने के बाद मीडिया से बातचीत में एमए बेबी ने माना कि पार्टी कमजोर हुई है, लेकिन अब पार्टी को मजबूती देने के लिए हर कार्यकर्ता को एकजुट होने की जरूरत है। बेबी ने पार्टी की विभिन्न संगठनात्मक समितियों और संगठनों को मजबूत करने की बात कही है।
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कौन हैं एमए बेबी
केरल के प्रक्कुलम में साल 1954 में पीएम एलेक्जेंडर और लिली एलेक्जेंडर के घर एमए बेबी का जन्म हुआ। बेबी के राजनीतिक करियर की शुरुआत सीपीआईएम की छात्रा शाखा केरल स्टूडेंट फेडरेशन, जिसे अब स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया कहा जाता है। वे साल 1986 से 1998 तक राज्यसभा के सदस्य रहे। साथ ही केरल की अच्युतानंद सरकार में साल 2006 से 2011 के बीच राज्य सरकार में मंत्री भी रहे। उनके परिवार में पत्नी और एक बेटा अशोक बेटी नेल्सन है।
ऑल पार्टी कांग्रेस बैठक में माकपा की केंद्रीय समिति पोलितब्यूरो में भी बदलाव किए गए हैं। कई शीर्ष नेताओं को पोलितब्यूरो से बाहर किया गया है और उनकी जगह नए लोगों को जगह दी गई है। 84 सदस्यीय केंद्रीय समिति में भी 30 नए चेहरों को जगह दी गई है। केंद्रीय समिति ने 18 सदस्यों वाले पोलितब्यूरो का चयन किया, जिसमें आठ नए सदस्य हैं।