सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Lakhimpur Kheri Violence: UP law minister Brijesh pathak reached Lakhimpur to meet families of BJP Brahmin workers those died in clash

लखीमपुर खीरी हिंसा: आखिर इस वजह से उत्तर प्रदेश सरकार के इस मंत्री को आना पड़ा मृतकों के परिजनों से मिलने

Ashish Tiwari आशीष तिवारी
Updated Thu, 14 Oct 2021 02:17 PM IST
विज्ञापन
सार

भाजपा के बूथ स्तर के नेताओं में इस कदर नाराजगी थी कि कई लोगों ने तो खुलकर विरोध करना शुरू किया और कुछ लोगों ने इस्तीफा देने की शुरुआत भी कर दी। हालांकि इस मामले में स्थानीय भाजपा के कुछ नेताओं ने लोगों को समझाना शुरू किया और स्थानीय विधायकों समेत कुछ अन्य जिले के भाजपा नेता मृतकों के घर भी पहुंचे, लेकिन नाराजगी इससे दूर नहीं हुई...

Lakhimpur Kheri Violence: UP law minister Brijesh pathak reached Lakhimpur to meet families of BJP Brahmin workers those died in clash
लखीमपुर खीरी अंतिम अरदास कार्यक्रम - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
Follow Us

लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए आठ लोगों की मौत में खुलकर सिख और ब्राह्मण कार्ड खेला जाने लगा है। मंगलवार को जहां हिंसा में मारे गए चार सिख मृतकों के रस्म पगड़ी क्रिया में कांग्रेसी नेता प्रियंका गांधी समेत कई बड़े कांग्रेसी नेता पहुंचे, वहीं बुधवार को हिंसा में मारे गए भाजपा कार्यकर्ताओं के दसवां संस्कार में उत्तर प्रदेश सरकार के कानून मंत्री बृजेश पाठक सांत्वना देने पहुंचे। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अब उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले में खुलकर सिख बनाम ब्राह्मण की राजनीति शुरू हो गई है।

विज्ञापन
loader
Trending Videos


लखीमपुर के तिकुनिया में हुए बवाल में आठ लोगों की मौत के बाद देश की राजनीति में हंगामा मच गया। क्योंकि इस पूरे घटनाक्रम के केंद्र बिंदु में देश के गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी और उनके बेटे आशीष मिश्रा थे। घटना के बाद से किसान संगठन और कांग्रेस समेत समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के अलावा वामदल और तृणमूल कांग्रेस जैसी कई विपक्षी पार्टियों के नेता सिख मृतकों के परिजनों को सांत्वना देने के लिए लगातार पहुंचते रहे। स्थानीय प्रबुद्ध वर्ग संगठन से जुड़े और ब्राह्मण समुदाय के कई नेताओं ने कांग्रेस समेत सभी पार्टियों के नेताओं पर आरोप लगाया कि घटना में जब आठ लोग मारे गए हैं तो सभी पार्टी के नेताओं को सांत्वना देने सभी मृतकों के घर जाना चाहिए ना की सिर्फ कुछ के घर जाकर ही सांत्वना देनी चाहिए। स्थानीय लोगों में नाराजगी इस बात को लेकर भी थी कि सिर्फ विपक्षी पार्टी नहीं बल्कि सत्ता पक्ष में लखनऊ और दिल्ली से कोई भी भारतीय जनता पार्टी का बड़ा नेता मृतक ब्राह्मणों के घर नहीं पहुंचा।

विज्ञापन
विज्ञापन

स्थानीय ब्राहमण नेताओं ने जताया था विरोध

भाजपा के बूथ स्तर के नेताओं में इस कदर नाराजगी थी कि कई लोगों ने तो खुलकर विरोध करना शुरू किया और कुछ लोगों ने इस्तीफा देने की शुरुआत भी कर दी। हालांकि इस मामले में स्थानीय भाजपा के कुछ नेताओं ने लोगों को समझाना शुरू किया और स्थानीय विधायकों समेत कुछ अन्य जिले के भाजपा नेता मृतकों के घर भी पहुंचे, लेकिन नाराजगी इससे दूर नहीं हुई। भाजपा नेताओं ने इस बात की सूचना लखनऊ को भी दी। जिले में जिस तरीके की नाराजगी भाजपा के लोगों में बढ़ती जा रही थी उसी को देखते हुए तय हुआ कि मृतक ड्राइवर हरिओम मिश्रा और और बूथ अध्यक्ष व शुभम मिश्रा के घर किसी बड़े नेता को भेजा जाएगा। बुधवार को कानून मंत्री बृजेश पाठक ने दोनों मृतकों के दसवां संस्कार में शिरकत की और उनके परिजनों को न सिर्फ सांत्वना दी बल्कि उन्हें यह भी बताया कि उनके साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। परिजनों ने अपने मृतकों को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग भी इस दौरान कानून मंत्री से की।

राजनीतिक विशेषज्ञ डॉक्टर डीके मिश्रा कहते हैं कि इस मामले में भाजपा भी अपने नफा नुकसान का आकलन कर रही है। यही वजह है कि प्रदेश सरकार के ब्राह्मण मंत्री बृजेश पाठक ब्राह्मण मृतकों के घर दसवां संस्कार में शिरकत करने पहुंचे। विशेषज्ञों का कहना है क्योंकि मामला वोटों का है और चुनाव नजदीक हैं इसलिए यह सहानुभूति के साथ-साथ राजनीतिक समीकरण और ब्राह्मणों को साधने का एक तरीका भी है। दरअसल लखीमपुर में राजनीतिक लड़ाई हमेशा ब्राह्मण बनाम पिछड़ों की ही रही है। इस वक्त लखीमपुर की सभी विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है। इसलिए भाजपा कोई भी राजनैतिक नुकसान उठाने के पक्ष में नहीं है। क्योंकि लखीमपुर के मामले से उत्तर प्रदेश की राजनीति ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में होने वाले चुनावों का गणित साधा जा रहा है, इसलिए भाजपा अपने कार्यकर्ताओं को नाराज करने का कोई भी मौका नहीं देना चाहती है।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed