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Defense Policy: जल्द आकार लेगी कॉग्निटिव वॉरफेयर एजेंसी, आधुनिक युद्ध के लिए होंगे तैयार
आशुतोष भाटिया
Published by: दीपक कुमार शर्मा
Updated Fri, 12 Sep 2025 06:08 AM IST
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सार
रक्षा सूत्रों के मुताबिक, इस बारे में उच्च स्तर पर विमर्श का सिलसिला जारी है। हाल ही में थिएटरीकरण पर टिप्पणी करते हुए सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भी कहा था युद्ध में अनेक एजेंसियों की भागीदारी होती है...अब तो हम कॉग्निटिव वॉरफेयर एजेंसी की बात भी कर रहे हैं।

सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : Freepik
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विस्तार
पाकिस्तान के खिलाफ हुए ऑपरेशन सिंदूर से मिली सीख अब भारत की रक्षा नीति को आकार दे रही है। एक तरफ जहां ऑपरेशन सिंदूर से मिले सबक थिएटरीकरण की प्रक्रिया पर दिखाई देंगे, वहीं दूसरी ओर देश में आधुनिक युद्ध की ज़रूरतों के लिहाज से एक नई एजेंसी के गठन पर विमर्श में तेजी आई है। यह नई एजेंसी कॉग्निटिव वॉरफेयर के विभिन्न आयामों की देखरेख करेगी।

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रक्षा सूत्रों के मुताबिक, इस बारे में उच्च स्तर पर विमर्श का सिलसिला जारी है। हाल ही में थिएटरीकरण पर टिप्पणी करते हुए सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भी कहा था युद्ध में अनेक एजेंसियों की भागीदारी होती है...अब तो हम कॉग्निटिव वॉरफेयर एजेंसी की बात भी कर रहे हैं।
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ऐतिहासिक संदर्भ...देखा जाए तो कॉग्निटिव वॉरफेयर किसी न किसी स्वरूप में पहले भी था। महाभारत काल में युधिष्ठिर द्वारा अश्वत्थामा की मौत की झूठी सूचना गुरु द्रोणाचार्य को दिया जाना भी कॉग्निटिव वॉरफेयर का ही हिस्सा था। जबकि भीम ने अश्वत्थामा नाम का हाथी मारा था। यह सूचना मिलने पर द्रोणाचार्य अस्त्र-शस्त्र त्यागकर समाधिस्थ होकर बैठ गए और मौके का फायदा उठाकर द्रौपदी के भाई धृष्टद्युम्न ने उनका सिर धड़ से अलग कर दिया।
अश्वत्थामा गुरू द्रोणाचार्य के पुत्र थे और कृष्ण जानते थे कि गुरु द्रोण के रहते पाण्डवों की विजय असम्भव है।
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क्या होता है कॉग्निटिव वॉरफेयर
कॉग्निटिव वॉरफेयर दरअसल इन्फॉर्मेशन वॉरफेयर का ही एक उच्चतर या विस्तारित स्वरूप है। यह दिमागी लड़ाई है, जिसके अंतर्गत हथियारों से इतर दुश्मन के सोचने समझने के तरीके को प्रभावित किया जाता है। मनोवैज्ञानिक युद्ध और सूचना युद्ध को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), आधुनिक कंप्यूटिंग और एल्गोरिदम प्रौद्योगिकी की मदद से परिष्कृत किया जाता है, जिससे इसका प्रभाव कई गुना अधिक हो जाता है। अमेरिका, रूस और चीन जैसे शक्तिशाली देश कॉग्निटिव वॉरफेयर पर काफी निवेश कर रहे हैं।