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LIC: 880.93 करोड़ रुपए की बड़ी रकम एलआईसी के पास पड़ी है अनक्लेम्ड, ऐसे अप्लाई कर ले सकते है अपना पैसा
डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: राहुल कुमार
Updated Thu, 19 Dec 2024 05:31 PM IST
सार
Life insurance: केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के द्वारा संसद में दी गई जानकारी के अनुसार एलआईसी के पास जो 880.93 करोड़ रुपए पड़े हैं। वो वित्त वर्ष 2023-24 में 3.72 लाख पॉलिसीधारकों के हैं। जिन्होंने इसके लिए अभी तक क्लेम नहीं किया है।
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जीवन बीमा
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
देश की सबसे बड़ी और प्रमुख बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम ने एक चौंकाने वाला आंकड़ा पेश किया है। एलआईसी का कहना है कि,वित्त वर्ष 2023-24 में 880.93 करोड़ रुपए का मैच्योरिटी अमाउंट है। जिस पर कोई दावा नहीं कर रहा है। ये आंकड़ा सामने आने के बाद ये सवाल उठ रहा है कि आखिर इतना बड़ा अमाउंट किन लोगों का है। अगर कोई इन पैसों के लिए क्लेम नहीं करता है तो एलआईसी इन पैसे का क्या करेगा। वहीं, अगर आपने अभी तक अपनी एलआईसी की मैच्योरिटी रकम क्लेम नहीं की है तो इसे कैसे क्लेम किया जा सकता है।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के द्वारा संसद में दी गई जानकारी के अनुसार एलआईसी के पास जो 880.93 करोड़ रुपए पड़े हैं। वो वित्त वर्ष 2023-24 में 3.72 लाख पॉलिसीधारकों के हैं। जिन्होंने इसके लिए अभी तक क्लेम नहीं किया है। दरअसल, अनक्लेम्ड रकम का मतलब यह है कि मैच्योरिटी पूरी हो जाने के बाद भी पॉलिसीधारकों ने अपने पैसे नहीं लिए हैं। यदि पॉलिसीधारक को बीमाकर्ता से तीन साल या उससे अधिक समय तक कोई लाभ नहीं मिला है, तो राशि को अनक्लेम्ड मान लिया जाता है।
आमतौर पर ऐसा उन स्थितियों में होता है, जब या तो पॉलिसीधारक प्रीमियम का भुगतान करना बंद कर देता है या पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाती है या फिर पॉलिसी मैच्योर हो जाने के बाद भी कोई अमाउंट को वापस लेने के लिए आगे की प्रक्रियाओं को पूरा नहीं करता है। वहीं, अगर मैच्योरिटी के बाद दस साल से अधिक समय तक राशि पर कोई दावा नहीं करता है, तो सारा का सारा पैसा सरकार के वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
इस तरह से कर सकते है अनक्लेम्ड मैच्योरिटी की जांच
पॉलिसीधारक सबसे पहले जीवन बीमा निगम के अनक्लेम्ड मैच्योरिटी को जांचने के लिए सबसे पहले एलआईसी की वेबसाइट https://licindia.in/home पर जाएं। इसके बाद होमपेज पर कस्टमर सर्विस ऑप्शन पर क्लिक करें।
इसके बाद पॉलिसीधारक अनक्लेम्ड अमाउंट को सिलेक्ट कर इस पर क्लिक करें। इसमें पॉलिसी नंबर, नाम, जन्म तिथि और पैन कार्ड नंबर जैसी डिटेल भरें और आखिर में सबमिट बटन पर क्लिक करें। उक्त राशि पर अपना दावा ठोकने के लिए एलआईसी ऑफिस से फॉर्म लें या साइट से डाउनलोड करें।
इसके साथ पॉलिसी डॉक्यूमेंट्स जैसे कि प्रीमियम की रसीदें, अगर पॉलिसीधारक की मृत्यु हो गई है, तो मृत्यु प्रमाण पत्र जमा करे।इसके बाद जीवन बीमा निगम इस क्लेम की जांच करेगा। अगर ये अप्रूव हो जाता है, तो अनक्लेम्ड अमाउंट आपको ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
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केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के द्वारा संसद में दी गई जानकारी के अनुसार एलआईसी के पास जो 880.93 करोड़ रुपए पड़े हैं। वो वित्त वर्ष 2023-24 में 3.72 लाख पॉलिसीधारकों के हैं। जिन्होंने इसके लिए अभी तक क्लेम नहीं किया है। दरअसल, अनक्लेम्ड रकम का मतलब यह है कि मैच्योरिटी पूरी हो जाने के बाद भी पॉलिसीधारकों ने अपने पैसे नहीं लिए हैं। यदि पॉलिसीधारक को बीमाकर्ता से तीन साल या उससे अधिक समय तक कोई लाभ नहीं मिला है, तो राशि को अनक्लेम्ड मान लिया जाता है।
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आमतौर पर ऐसा उन स्थितियों में होता है, जब या तो पॉलिसीधारक प्रीमियम का भुगतान करना बंद कर देता है या पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाती है या फिर पॉलिसी मैच्योर हो जाने के बाद भी कोई अमाउंट को वापस लेने के लिए आगे की प्रक्रियाओं को पूरा नहीं करता है। वहीं, अगर मैच्योरिटी के बाद दस साल से अधिक समय तक राशि पर कोई दावा नहीं करता है, तो सारा का सारा पैसा सरकार के वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
इस तरह से कर सकते है अनक्लेम्ड मैच्योरिटी की जांच
पॉलिसीधारक सबसे पहले जीवन बीमा निगम के अनक्लेम्ड मैच्योरिटी को जांचने के लिए सबसे पहले एलआईसी की वेबसाइट https://licindia.in/home पर जाएं। इसके बाद होमपेज पर कस्टमर सर्विस ऑप्शन पर क्लिक करें।
इसके बाद पॉलिसीधारक अनक्लेम्ड अमाउंट को सिलेक्ट कर इस पर क्लिक करें। इसमें पॉलिसी नंबर, नाम, जन्म तिथि और पैन कार्ड नंबर जैसी डिटेल भरें और आखिर में सबमिट बटन पर क्लिक करें। उक्त राशि पर अपना दावा ठोकने के लिए एलआईसी ऑफिस से फॉर्म लें या साइट से डाउनलोड करें।
इसके साथ पॉलिसी डॉक्यूमेंट्स जैसे कि प्रीमियम की रसीदें, अगर पॉलिसीधारक की मृत्यु हो गई है, तो मृत्यु प्रमाण पत्र जमा करे।इसके बाद जीवन बीमा निगम इस क्लेम की जांच करेगा। अगर ये अप्रूव हो जाता है, तो अनक्लेम्ड अमाउंट आपको ट्रांसफर कर दिया जाएगा।