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Maharashtra: 'भाजपा को अब शिंदे की जरूरत नहीं' महायुति में सियासी तनाव की खबरों पर शरद पवार की राकांपा का तंज
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Wed, 19 Nov 2025 01:30 PM IST
सार
माना जा रहा है कि भाजपा की तरफ से राज्य के कई हिस्सों में शिवसेना नेताओं और कार्यकर्ताओं को शामिल किए जाने के खिलाफ यह नाराजगी दर्शायी गई। इससे स्थानीय निकाय चुनावों से पहले महायुति में तनाव बढ़ गया है।
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सीएम देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे
- फोटो : ANI
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विस्तार
महाराष्ट्र में सत्तासीन महायुति गठबंधन में खटपट की खबरों को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी- शरद पवार (राकांपा-एसपी) ने तंज कसा है। पार्टी के प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना मंत्रियों के बीच पैदा हुए कथित तनाव इस ओर इशारा करता है कि भाजपा को अब उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की जरूरत नहीं रही।
उन्होंने उन रिपोर्टों का हवाला दिया, जिनमें कहा गया था कि शिंदे मंत्रियों की गैरमौजूदगी की वजह से अकेले ही मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल हुए। क्रास्टो ने कहा कि यह स्थिति दर्शाती है कि फडणवीस को शिंदे का कोई सम्मान नहीं और मंत्रियों को भी उपमुख्यमंत्री के प्रति कोई खास सम्मान नहीं है। क्रास्टो ने एक्स पर लिखा, “अगर एकनाथ शिंदे में थोड़ा भी आत्मसम्मान है तो उन्हें भाजपा के साथ गठबंधन छोड़ देना चाहिए। अगर वह सही समय पर बाहर नहीं निकले, तो जल्द ही उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।”
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उन्होंने उन रिपोर्टों का हवाला दिया, जिनमें कहा गया था कि शिंदे मंत्रियों की गैरमौजूदगी की वजह से अकेले ही मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल हुए। क्रास्टो ने कहा कि यह स्थिति दर्शाती है कि फडणवीस को शिंदे का कोई सम्मान नहीं और मंत्रियों को भी उपमुख्यमंत्री के प्रति कोई खास सम्मान नहीं है। क्रास्टो ने एक्स पर लिखा, “अगर एकनाथ शिंदे में थोड़ा भी आत्मसम्मान है तो उन्हें भाजपा के साथ गठबंधन छोड़ देना चाहिए। अगर वह सही समय पर बाहर नहीं निकले, तो जल्द ही उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।”
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महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन भाजपा, शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा से मिलकर बना है। क्रास्टो ने दावा किया कि भाजपा ने साफ संदेश दे दिया है कि उसे अब शिंदे की जरूरत नहीं है। शिवसेना के शिंदे को छोड़कर सभी मंत्री मंगलवार की साप्ताहिक कैबिनेट बैठक से दूर रहे। माना जा रहा है कि भाजपा की तरफ से राज्य के कई हिस्सों में शिवसेना नेताओं और कार्यकर्ताओं को शामिल किए जाने के खिलाफ यह नाराजगी दर्शायी गई। इससे स्थानीय निकाय चुनावों से पहले महायुति में तनाव बढ़ गया है।
बाद में फडणवीस और शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना मंत्रियों की बैठक हुई, जिसके बाद स्थिति शांत हुई। पत्रकारों से बात करते हुए शिंदे ने बताया कि महायुति की सहयोगी पार्टियां एक-दूसरे के नेताओं को शामिल करने से परहेज करेंगी, ऐसा निर्णय लिया गया है।
बाद में फडणवीस और शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना मंत्रियों की बैठक हुई, जिसके बाद स्थिति शांत हुई। पत्रकारों से बात करते हुए शिंदे ने बताया कि महायुति की सहयोगी पार्टियां एक-दूसरे के नेताओं को शामिल करने से परहेज करेंगी, ऐसा निर्णय लिया गया है।