महाराष्ट्र: सीएम उद्धव ठाकरे ने अपनी पत्नी को बनाया शिवसेना के मुखपत्र का संपादक
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे ने रविवार को पार्टी मुखपत्र सामना के संपादक पद की जिम्मेदारी संभाल ली। मराठी व हिंदी भाषा में निकलने वाले सामना अखबार के रविवार के संस्करण में संपादक के तौर पर रश्मि ठाकरे का नाम प्रकाशित किया गया।
सामना के कार्यवाहक संपादक के तौर पर जिम्मेदारी संभाल रहे वरिष्ठ शिवसेना नेता व राज्यसभा सांसद संजय राउत कार्यकारी संपादक पद पर बने रहेंगे। हालांकि पहले माना जा रहा था कि राउत को ही पार्टी मुखपत्र के संपादक पद की कमान दी जा सकती है।
लेकिन 23 जनवरी, 1988 को स्थापना के बाद से ही सामना के संपादक पद पर ठाकरे परिवार के सदस्य की मौजूदगी की परंपरा को नहीं बदला गया है। सामना की शुरुआत शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे ने अपने विचार महाराष्ट्र के लोगों तक पहुंचाने के लिए की थी। रश्मि ठाकरे इस मराठी दैनिक अखबार की स्थापना के बाद से तीसरी संपादक हैं।
बाल ठाकरे इस अखबार के संस्थापक संपादक थे और आजीवन इस पद पर नियुक्त रहे। उनके निधन के बाद 2012 में उनके बेटे उद्धव ठाकरे सामना का संपादक पद संभाला था। उद्धव ने 28 नवंबर, 2019 को मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण करने के बाद सामना के संपादक पद से इस्तीफा दे दिया था।
हर मिल मजदूर को घर देने की कोशिश करेंगे: उद्धव
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ‘संयुक्त महाराष्ट्र’ आंदोलन में मिल श्रमिकों के योगदान की प्रशंसा करते हुए रविवार को कहा कि उनकी सरकार देखेगी कि वह मिलों में काम करने वाले हर व्यक्ति को किस प्रकार मकान मुहैया करा सकती है। इसके साथ ही उन्होंने मिल मजदूरों से अपील की कि वे उन्हें आवंटित मकान किसी अन्य को बेचकर मुंबई से बाहर नहीं जाएं।
उन्होंने उपनगर बांद्रा में महाराष्ट्र गृहविकास एवं क्षेत्र विकास प्राधिकरण (म्हाडा) के मुख्यालय में उसके द्वारा आयोजित ‘लकी ड्रा’ कार्यक्रम में यह बात कही। इस कार्यक्रम में मिल श्रमिकों और उनके कानूनी वारिसों को 3,894 मकान बांटे गए।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जब आपको नए मकान आवंटित हो जाएं, तो आप मुझे चाय पर बुलाइएगा। अपने घरों में खुश रहिए। इन मकानों को बेचकर और अपने अधिकार खोकर मुंबई से बाहर मत जाइएगा। उन्होंने कहा कि सरकार यह पता लगाएगी कि हर मिल श्रमिक को कैसे मकान मुहैया कराया जा सकता है। उन्होंने संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन में योगदान दिया है।
पौने दो लाख मजदूरों ने किया था घर के लिए आवेदन
मध्य मुंबई में म्हाडा ने बॉम्बे डाइंग, स्प्रिंग मिल और श्रीनिवास मिल की जमीनों पर मिल श्रमिकों के लिए 3,894 मकान बनाए हैं। इस मौके पर महाराष्ट्र के आवास मंत्री जितेंद्र अव्हाड ने कहा कि राज्य सरकार ने उन लोगों को मकान मुहैया कराने का नीतिगत फैसला किया है जिन्होंने अब निष्क्रिय हो चुकी शहर की मिलों में काम किया है।
उन्होंने बताया कि म्हाडा ने बडाला स्थित बॉम्बे डाइंग और स्प्रिंग मिल की भूमि पर क्रमश: 720 और 2,630 मकान बनाए हैं। इसके अलावा 544 मकान लोअर परेल में श्रीनिवास मिल की जमीन पर बनाए गए हैं। इन मकानों के लिए 1,74,036 मिल श्रमिकों ने आवेदन किया था। अव्हाड ने बताया कि 225 वर्ग फुट के ये एक शयनकक्ष, हॉल और रसोईघर वाले मकान अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हैं।