Hindi News
›
Video
›
India News
›
Delhi Air Pollution Update: Black smoke clouds the breath in Delhi, political war breaks out between AAP-BJP!
{"_id":"692825ff3059ec0993095440","slug":"delhi-air-pollution-update-black-smoke-clouds-the-breath-in-delhi-political-war-breaks-out-between-aap-bjp-2025-11-27","type":"video","status":"publish","title_hn":"Delhi Air Pollution Update: दिल्ली में सांसों पर छाया काला धुंआ, AAP-भाजपा में छिड़ी सियासी जंग!","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
Delhi Air Pollution Update: दिल्ली में सांसों पर छाया काला धुंआ, AAP-भाजपा में छिड़ी सियासी जंग!
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: भास्कर तिवारी Updated Thu, 27 Nov 2025 03:50 PM IST
Link Copied
AAP नेता गोपाल राय ने कहा, "भाजपा ने जिस तरह से प्रदूषण की समस्या पर काम किया है, वही अपने आप में बहुत से सवाल खड़े करता है। जब प्रदूषण का स्तर कम था तब GRAP-3 लागू था और आज AQI बढ़ गया तो GRAP हटा दिया गया है. सरकार ने अपनी सक्रियता के बजाय AQI को गड़बड़ कर दिया है.आज मंत्री अपने कमरों में बैठे हैं... आज कहीं कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.दिल्ली में जनता को जागरूक करने के लिए कोई अभियान नहीं चलाया जा रहा है सुप्रीम कोर्ट को देखना चाहिए कि सरकार ने क्या कदम उठाए हैं
AAP दिल्ली अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा, "आज दिल्ली वालों के मन में एक सवाल है। जब दिल्ली में AAP की सरकार थी तब जब प्रदूषण बढ़ता था तो कोर्ट उस पर कार्रवाई(Suo moto action) करती थी.क्या आज दिल्ली हाई कोर्ट को नहीं दिख रहा है कि सभी AQI मॉनिटरिंग स्टेशन पर पानी छिड़ककर फर्जी डेटा दिखाया जा रहा है.मेरा निवेदन है कि कोर्ट इन मामलों में कार्रवाई करे.इनके अफसरों पर कार्रवाई होनी चाहिए
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में वायु प्रदूषण एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट बन चुका है, विशेष रूप से सर्दियों के महीनों (अक्टूबर से फरवरी) में स्थिति 'बहुत खराब' से 'गंभीर' या 'खतरनाक' श्रेणी तक पहुँच जाती है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) अक्सर 301 से 400 ('गंभीर') और कई बार 400+ ('खतरनाक') को भी पार कर जाता है। इस प्रदूषण के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं
प्रदूषण के इस खतरनाक स्तर का सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। अस्पतालों में साँस संबंधी (रेस्पिरेटरी), एलर्जी और हृदय रोगों के मामलों में भारी वृद्धि देखी जा रही है। यह स्थिति बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के लिए जानलेवा बन जाती है। लंबे समय तक प्रदूषित हवा के संपर्क में रहने से फेफड़ों का कैंसर, सीओपीडी (COPD) और यहाँ तक कि डिमेंशिया जैसे न्यूरोलॉजिकल जोखिम भी बढ़ सकते हैं। प्रदूषण के कारण रोज़मर्रा की गतिविधियों, जैसे बाहरी व्यायाम और बच्चों के खेल, पर रोक लग जाती है, जिससे जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होती है।
प्रशासन इस संकट से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) को लागू करता है। AQI के स्तर के आधार पर, यह योजना निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध, सड़कों पर पानी का छिड़काव, एंटी-स्मॉग गन का उपयोग, और सबसे खराब स्थिति में, वर्क-फ्रॉम-होम की सलाह या आदेश जारी करने जैसे सख्त कदम उठाती है। इसके अतिरिक्त, इलेक्ट्रिक वाहन नीति और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना, तथा पराली प्रबंधन के लिए बायो-डीकंपोजर जैसी पहलों पर भी काम किया जा रहा है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इस समस्या से निपटने के लिए शहर-आधारित समाधानों के बजाय पूरे 'एयरशेड' को ध्यान में रखकर निरंतर और कठोर उपायों की आवश्यकता है।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।