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Quota Stir: महाराष्ट्र में गरमाया आरक्षण का मुद्दा, चंद्रकांत पाटिल बोले- जरूरत पड़ी तो जरांगे से मिलेंगे सीएम

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई Published by: शुभम कुमार Updated Sun, 31 Aug 2025 11:38 AM IST
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सार

मराठा आरक्षण को लेकर आजाद मैदान में मनोज जरांगे का अनशन तीसरे दिन भी जारी है। इस बीच मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि सीएम फडणवीस कभी अड़ियल नहीं रहे, अगर जरूरत पड़ी तो वो खुद हस्तक्षेप कर सकते हैं और जरांगे से मिलने भी जा सकते हैं। उन्होंने जरांगे द्वारा न्यायाधीश शिंदे को भेजे जाने पर की गई आलोचना का जवाब भी दिया।

Maharashtra Maratha Reservation issue heats up Chandrakant Patil said If needed CM will meet Jarange
महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल और मनोज जरांगे - फोटो : ANI
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विस्तार
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मराठा आरक्षण को लेकर राज्यभर में जारी सियासी गर्माहट के बीच मुंबई के आजाद मैदान में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे का अनशन तीसरे दिन भी जारी है। इसी बीच मामले में महाराष्ट्र सरकार में मंत्री चंद्रकांत पाटिल का बड़ा बयान सामने आया है। पाटिल ने जरांगे द्वारा सीएम फडणवीस की आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि हमारे मुख्यमंत्री कभी अड़ियल नहीं रहे हैं। अगर जरूरत पड़ी तो वो सीधे तौर पर भी मामले में हस्तक्षेप करेंगे। बता दें कि पाटिल यहां इस बात का जवाब दे रहे थे जब जरांगे ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश संदीप शिंदे को बातचीत के लिए भेजे जाने की बात को लेकर सीएम फडणवीस की आलोचना की थी। 

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क्या बोले च्रंदकांत पाटिल?
जरांगे की आलोचना का जवाब देते हुए रविवार को मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने संकेत दिया कि अगर जरूरत पड़ी तो मुख्यमंत्री खुद भी हस्तक्षेप कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कभी अड़ियल नहीं रहे हैं। आमतौर पर लोग सीएम से मिलने जाते हैं, लेकिन अगर इस मामले में बात और आगे बढ़ी साथ ही इसका समाधान निकलने की संभावना बना तो सीएम देवेंद्र फडणवीस खुद भी जरांगे से मिलने जा सकते हैं। इसके साथ ही पाटिल ने ये भी कहा कि सीएम फडणवीस सच को भी कड़वे शब्दों में नहीं कहते, जबकि अजीत पवार स्पष्ट बोलने के लिए जाने जाते हैं।
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ये भी पढ़ें:- Maratha Reservation: मराठा आरक्षण को लेकर तीसरे दिन भी मनोज जरांगे का अनशन; अब तक सरकार से नहीं बन पाई बात

समझिए क्या है जरांगे की मांग?
अब बात अगर जरांगे की मांग की करें तो अनशन पर बैठे मनोज जरांगे वे 10% आरक्षण की मांग कर रहे हैं और चाहते हैं कि मराठाओं को कुनबी जाति के रूप में मान्यता दी जाए, क्योंकि कुनबी ओबीसी श्रेणी में आते हैं, जिससे मराठा समुदाय को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण मिलेगा। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि मराठवाड़ा क्षेत्र के मराठाओं को कुनबी घोषित कर आरक्षण देना चाहिए और हैदराबाद और सातारा के गजट नोटिफिकेशन को कानून बनाया जाए। हालांकि ओबीसी नेता इस मांग का विरोध कर रहे हैं।

ये भी पढ़ें:-  Manoj Jarange: 'मराठवाड़ा के मराठों को कुनबी घोषित करें, तुरंत आरक्षण दें'; प्रतिनिधिमंडल से बोले मनोज जरांगे

अजित और शरद पवार के बीच बयानबाजी
मामले में एनसीपी (शरद पवार गुट) प्रमुख शरद पवार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण की सीमा 52% तय की है, लेकिन तमिलनाडु में 72% आरक्षण को मंजूरी मिली है। उन्होंने यह भी कहा कि मराठा आरक्षण के लिए संविधान में संशोधन जरूरी है। दूसरी ओर शरद पवार के इस टिप्पणी पर डिप्टी सीएम अजीत पवार ने चुटकी ली। उन्होंने कहा कि जो यह बातें बता रहे हैं, वो खुद कई वर्षों तक सत्ता में थे। वे आदरणीय हैं, लेकिन मुझे और कुछ न बोलवाएं।

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