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Maharashtra: म्यांमार में साइबर गुलामी में फंसे सात लोग बचाए गए, तस्करों ने ऐसे चंगुल में फंसाया

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई Published by: नितिन गौतम Updated Sun, 21 Dec 2025 09:43 AM IST
सार

महाराष्ट्र पुलिस ने म्यांमार की सेना और भारतीय दूतावास के साथ समन्वय में एक अभियान चलाकर म्यांमार के केके पार्क इलाके से साथ साइबर गुलामों को बचाया है। ये लोग भारत के निवासी हैं और तस्करों के चंगुल में फंसकर साइबर अपराध करने के लिए मजबूर थे। 

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Maharashtra police helps in rescue of seven persons from cyber slavery in Myanmar notorious KK Park
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : एएनआई/रॉयटर्स
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विस्तार
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महाराष्ट्र पुलिस ने एक अभियान चलाकर म्यांमार में फंसे सात साइबर गुलामों को बचाने में सफलता हासिल की है। इन लोगों को बंधक बनाकर रखा गया था और इनसे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय धोखाधड़ी कराई जा रही थी। मीरा भयंदर वसई विरार क्राइम ब्रांच पुलिस ने यह अभियान चलाया और साइबर गुलामी से छुड़ाए गए लोगों को सुरक्षित भारत लेकर आई। अधिकारियों ने बताया कि साइबर गुलाम बनाकर रखे गए लोगों को म्यांमार के केके पार्क इलाके में रखा गया था, जो साइबर अपराध के लिए बदनाम है। 
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शिकायत के बाद हुआ खुलासा
असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर मदन बल्लाल ने बताया, मीरा रोड इलाके में रहने वाले सैयद इर्तिस फजल अब्बास हुसैन और अम्मार असलम लकड़वाला ने पुलिस से की एक शिकायत में बताया कि आसिफ खान और अदनान शेख नाम के लोगों ने उन्हें विदेश में नौकरी का लालच दिया। हालांकि उन्हें बैंकॉक में नौकरी का बताकर म्यांमार भेज दिया गया। पीड़ितों को म्यांमार में तीन साइबर अपराधियों को सौंप दिया गया, जहां उनसे यूयू8 नामक कंपनी के जरिए वित्तीय धोखाधड़ी के काम में लगा दिया गया। मना करने पर उन्हें पीटा जाता। जब उन्होंने भारत वापस आने की बात कही तो उनसे छह-छह लाख रुपये मांगे गए। 
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पुलिस ने दूतावास और म्यांमार सेना के साथ चलाया अभियान
शिकायतकर्ताओं ने बताया कि जब उनके परिजनों ने छह लाख रुपये दिए, तब उन्हें छोड़ा गया। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और ये पता लगाया कि मीरा भयंदर और वसई और विरार के कितने युवा इस जालसाजी के चंगुल में फंसे हुए हैं। इसके बाद म्यांमार में स्थित भारतीय दूतावास, साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन ब्यूरो और म्यांमार सेना की मदद से संयुक्त अभियान चलाया गया और वहां से 7 लोगों को छुड़ाया गया। 

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सीनियर इंस्पेक्टर सुशील कुमार शिंदे ने बताया कि जांच में पता चला कि मीरा भायंदर और वसई-विरार के कई युवा साइबर गुलामी के इस जाल में फंस गए थे। शिंदे ने बताया कि पुलिस द्वारा दिए गए डेटा का इस्तेमाल करके, भारत सरकार ने इस हफ्ते सात पीड़ितों की पहचान की और उन्हें वापस लाया गया, जिनमें से चार मीरा भयंदर वसई और विरार पुलिस के अधिकार क्षेत्र के निवासी हैं। वहीं बाकी सूरत, विशाखापत्तनम के निवासी हैं। पुलिस ने मानव तस्करी, फिरौती के लिए अपहरण जैसी धाराओं में मामला दर्ज किया है। 


 
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