Maharashtra: मोटरसाइकिल शोरूम में आग, 60 वाहन जलकर खाक; वीडियो को लेकर सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ने मांगी माफी

यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कोंकण रेलवे मार्ग पर अब रत्नागिरी रेलवे पुलिस स्टेशन की शुरुआत की गई है। यह जानकारी अधिकारियों ने सोमवार को दी। इस पुलिस स्टेशन का ऑनलाइन उद्घाटन रेलवे पुलिस के महानिदेशक प्रशांत बुर्डे ने किया। इस मौके पर जीआरपी पुलिस आयुक्त राकेश कालासागर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

क्या होगा रत्नागिरी जीआरपी का काम?
यह नया पुलिस स्टेशन कोंकण रेलवे मार्ग पर यात्रा करने वाले यात्रियों की सुरक्षा और निगरानी की जिम्मेदारी निभाएगा। गृह विभाग ने अगस्त 2024 में रत्नागिरी के साथ-साथ रोहा और कणकवली रेलवे पुलिस स्टेशनों को भी हार्बर रेलवे रेंज और कोंकण रेलवे डिवीजन के अंतर्गत मंजूरी दी थी।
इस नई व्यवस्था के चलते अब पनवेल रेलवे पुलिस स्टेशन का कार्यक्षेत्र भी बढ़ा दिया गया है। इसमें अब सोमतने, आप्टा, जीते, पेन, कासू, नागोठणे और रोहा (पुलिस आउटपोस्ट) जैसे स्टेशन भी शामिल होंगे। इस पहल का उद्देश्य रेलवे यात्रियों को अधिक सुरक्षित माहौल प्रदान करना और रेलवे संपत्ति की सुरक्षा को मजबूत करना है।
पुणे में मोटरसाइकिल शोरूम में आग लगी; करीब 60 वाहन जलकर राख
महाराष्ट्र के पुणे शहर में एक मोटरसाइकिल शोरूम और सर्विस सेंटर में आग लगने से करीब 60 दोपहिया वाहन जलकर राख हो गए। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आग लगने के बाद धुएं से एक व्यक्ति शोरूम के अंदर फंस गया था, जिसे बाद में बचा लिया गया।
अधिकारियों के मुताबिक, घटना सोमवार शाम करीब साढ़े आठ बजे बंद गार्डन रोड के ताराबाग इलाके में हुई, जहां तीन मंजिला इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर टीवीएस शोरूम और सर्विस सेंटर स्थित है। सूचना मिलने पर दमकल वाहन और पानी के टैंकर मौके पर पहुंचे। दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया, मौके पर पहुंचने पर हमने सर्विस सेंटर में भीषण आग और कई वाहनों को जलते हुए देखा। वहां से घना धुआं निकल रहा था।
उन्होंने बताया, धुएं की वजह से फंसे हुए एक व्यक्ति को सुरक्षित बाहर निकाला गया। दमकल कर्मियों ने सांस लेने के उपकरणों का उपयोग कर करीब आधे घंटे में आग पर काबू पा लिया। ठंडा करने का काम अभी जारी है। अधिकारी ने बताया कि जलने वाले करीब 60 वाहनों में कई पेट्रोल और इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन थे, जिनमें कुछ नए और कुछ मरम्मत के लिए लाए गए थे। आग में इलेक्ट्रिकल वायरिंग, मशीनरी, बैटरी, स्पेयर पार्ट्स, कंप्यूटर, फर्नीचर और दस्तावेज भी जलकर नष्ट हो गए। अधिकारी ने कहा कि आग लगने के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है।
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ने आलोचना के बाद 'सामाजिक सद्भाव' वाला वीडियो हटाया और माफी मांगी
महाराष्ट्र के पुणे में एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर का वीडियो विवादों में आ गया। वीडियो में वह एक मुस्लिम दुकानदार से भगवान गणेश की मूर्ति खरीदते हुए दिख रहा था और सामाजित सद्भाव का संदेश दे रहा था। बाद में उसने वह वीडियो हटा दिया और लोगों की भावनाएं अनजाने में आहत करने के लिए माफी मांगी।
रील बनाने वाले अथर्व सुदामे हंसी-मजाक वाले वीडियो बनाते हैं। उन्होंने हाल ही में एक वीडियो पोस्ट किया था। इसमें वह पुणे के एक गणपति मूर्ति दुकान में जाते हैं। मूर्ति चुनते वक्त दुकानदार के छोटे बेटे ने उन्हें 'अब्बू' कहकर बुलाया, जिससे पता चलता है कि दुकानदार मुस्लिम है। दुकानदार थोड़ा असहज दिखा और सोच रहा था कि उसकी धार्मिक पहचान जानकर खरीदार मूर्ति नहीं खरीदेगा। उसने सुदामे से कहा कि वह इसे दूसरी दुकान से भी ले सकता है। इस पर सुदमे ने जवाब दिया कि इससे क्या फर्क पड़ता है अगर वह वही मूर्ति उनसे ही खरीदे।
सुदामे ने आगे कहा कि मूर्ति बनाते वक्त दुकानदार के अच्छे इरादे रहे होंगे, जिससे वह सामाजिक सद्भाव का संदेश देना चाहते थे। लेकिन इस वीडियो की कई लोगों ने सोशल मीडिया पर आलोचना की और सुदामे पर 'धार्मिक सौहार्द की राजनीति' करने का आरोप लगाया। आलोचना के बाद सुदामे ने कहा, मैंने वीडियो हटा दिया है। कई लोगों ने अपनी असहमति जताई। मेरा उद्देश्य किसी की भावना आहत करना कभी नहीं था। मैंने कई हिंदू त्योहारों और संस्कृति पर वीडियो बनाए हैं। इस वीडियो के पीछे मेरा कोई और मकसद नहीं था। अगर किसी को बुरा लगा है, तो मैं माफी मांगता हूं।
इस बीच, राकांपा (शरद पवार गुट) के विधायक रोहित पवार ने सुदामे के वीडियो का समर्थन किया। पवार ने कहा, सुदामे एक रचनात्मक कलाकार हैं, और वीडियो में कोई आपत्तिजनक बात नहीं थी। उन्होंने हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश दिया है, जो हिंदू धर्म और संस्कृति के अनुरूप है। लेकिन कुछ 'मनुवादी' लोगों ने उन्हें ट्रोल किया और वीडियो हटवाने पर मजबूर किया। उन्होंने आगे कहा, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि वीडियो में क्या गलत था या उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जिन्होंने उनका उत्पीड़न किया।
नासिक के किसान के साथ शराब की दुकान के लाइसेंस के नाम पर 1.44 करोड़ की ठगी
महाराष्ट्र के नासिक जिले के एक किसान (29 वर्षीय) से शराब दुकान का लाइसेंस दिलाने के नाम पर 1.44 करोड़ रुपये की ठगी हुई है। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि आरोपी ने उसे नवी मुंबई में शराब की दुकान का लाइसेंस दिलाने का झांसा दिया था। आरोपी ठाणे जिले के कल्याण का रहने वाला है। उसने किसान को भरोसा दिलाया कि वह नवी मुंबई के पनवेल इलाके में स्थित एक शराब की दुकान का लाइसेंस मौजूदा मालिक से ट्रांसफर करवा सकता है। किसान नासिक जिले के निफाड़ इलाके का रहने वाला है। उसने अपने भाई के साथ जुलाई 2024 से जनवरी 2025 के बीच आरोपी को किस्तों में कुल 1.44 करोड़ रुपये दे दिए। एमएफसी थाने के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने इस राशि में से केवल 61 लाख रुपये दुकान के मालिक को दिए और बाकी 83 लाख रुपये हड़प लिए। उसने न तो लाइसेंस ट्रांसफर करवाया और न ही रकम लौटाई। जब किसान ने लाइसेंस की स्थिति और पैसों के बारे में पूछा, तो आरोपी ने उसे कुछ चेक दिए ताकि वह अपनी रकम वापस ले सके। लेकिन सभी चेक बाउंस हो गए, जिससे शक और बढ़ गया। आरोपी ने न तो पैसे लौटाए और न ही लाइसेंस ट्रांसफर करवाया। किसान की शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ 23 अगस्त को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318(4) (धोखाधड़ी) के तहत एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस ने बताया कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है।
पुणे एपीएमसी में घोटाले के आरोप, शरद पवार ने की जांच की मांग
राकांपा (शरद पवार गुट) के प्रमुख शरद पवार ने पुणे कृषि उत्पन्न बाजार समिति (APMC) में कथित वित्तीय अनियमितताओं को लेकर महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है और मामले की गंभीर जांच की मांग की है। पवार ने यह पत्र पार्टी प्रवक्ता और नेता विकास लवांडे की शिकायत के साथ साझा किया है। उन्होंने यह जानकारी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी।
शरद पवार ने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि इस मामले में तुरंत और निष्पक्ष कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि सच सामने आ सके और जवाबदेही तय हो सके। उन्होंने आगे लिखा कि कृषि उत्पन्न बाजार समिति (APMC), पुणे में वर्तमान निदेशक मंडल के कार्यकाल में कई वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतें मिली हैं। पार्टी नेता विकास लवांडे ने भी इस मामले को लेकर पवार और APMC निदेशक को पत्र लिखा था।
अब तक कोई सख्त जांच नहीं
वहीं मामले में विकास लवांडे का आरोप है कि मानसून सत्र में मंत्री द्वारा जांच का आश्वासन दिया गया था, लेकिन अब तक किसी उच्च स्तरीय जांच की शुरुआत नहीं हुई। उन्होंने बताया कि एक डिप्टी डायरेक्टर रजिस्ट्रार स्तर के अधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया, लेकिन वह खुद APMC की गड़बड़ियों को समर्थन दे रहे हैं। लवांडे ने कई बार वरिष्ठ अधिकारी से जांच कराने की मांग की, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
पालघर के बोईसर में स्टील फैक्ट्री में धमाका, मजदूर की मौत
महाराष्ट्र के पालघर जिले के बोईसर औद्योगिक क्षेत्र में सोमवार रात एक स्टेनलेस स्टील कंपनी में हुए धमाके में एक मजदूर की मौत हो गई। यह हादसा विराज कंपनी में उस वक्त हुआ जब मजदूर एक टायर में हवा भर रहा था।पालघर जिला आपदा प्रबंधन प्रमुख विवेकानंद कदम ने बताया कि धमाका अचानक हुआ और मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई। शव को बाद में बोईसर के अस्पताल में ले जाया गया। मृतक के परिवार ने शव लेने से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि जब तक कंपनी न्याय नहीं देती, वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। हादसे की खबर फैलते ही इलाके में तनाव फैल गया और स्थानीय लोग और सहकर्मी बड़ी संख्या में अस्पताल के बाहर जमा हो गए।
जांच जारी, सुरक्षा में चूक की आशंका
मामले में अधिकारियों ने बताया कि घटना की जांच चल रही है ताकि धमाके के कारण और फैक्ट्री में सुरक्षा में हुई किसी भी चूक का पता लगाया जा सके। बोईसर पुलिस स्टेशन को भी इस दुखद घटना की जानकारी दे दी गई है। गौरतलब है कि इससे पहले भी 21 अगस्त को तारापुर MIDC स्थित एक दवा कंपनी में नाइट्रोजन गैस लीक होने से चार मजदूरों की मौत हो गई थी और दो अन्य अस्पताल में भर्ती किए गए थे।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एल्गार परिषद-माओवादी मामले में आरोपी रमेश गाइचोर को मंगलवार को तीन दिन की अंतरिम जमानत दे दी। हाईकोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी के बाद पिछले पांच साल में वह अपने बीमार पिता से मिलने नहीं जा सका। न्यायमूर्ति एएस गडकरी और न्यायमूर्ति राजेश पाटिल की पीठ ने 25,000 रुपये की नकद जमानत राशि जमा करने के बाद गाइचोर को तीन दिन 9 सितंबर से 11 सितंबर के लिए जेल से रिहा करने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि सितंबर 2020 में गिरफ्तारी के बाद से गाइचोर अपने 76 वर्षीय पिता से नहीं मिले हैं। इस मामले में विशेष अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
अदालत ने एल्गार परिषद मामले के आरोपी को जेल में लैपटॉप इस्तेमाल करने की अनुमति दी
मुंबई की एक अदालत ने एल्गार परिषद माओवादी संबंध मामले के एक आरोपी को जेल में लैपटॉप इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है। अदालत ने कहा कि मामले के दस्तावेज काफी बड़े हैं। विशेष एनआईए न्यायाधीश सीएस बाविस्कर ने आदेश में कहा कि आवेदक सागर गोरखे के लिए अपनी हार्ड कॉपी ले जाना और जेल में उन्हें पढ़ना संभव नहीं होगा। गोरखे ने लैपटॉप के उपयोग की अनुमति के लिए आवेदन दायर किया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने उनकी याचिका का विरोध नहीं किया और कहा कि एक अन्य आरोपी महेश राउत को भी पहले यही अनुमति दी गई थी। अदालत ने कहा कि गोरखे अपने सेल में लैपटॉप रख सकते हैं, लेकिन उसमें केवल केस के कागजात ही होंगे, कोई अन्य डाटा नहीं होगा। अदालत ने निर्देश दिया कि एनआईए इसकी जांच करेगी और सारी सामग्री हटा देगी। इसे पूरी तरह से फॉर्मेट करेगी और केवल मामले से संबंधित दस्तावेज ही अपलोड करेगी।