Congress Politics: 'दावे खोखले, हकीकत इससे काफी अलग', डिजिटल इंडिया पर खरगे का मोदी सरकार पर तीखा हमला
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी सरकार पर डिजिटल इंडिया के दावों को लेकर निशाना साधा। उन्होंने भारतनेट परियोजना में देरी और BSNL की खराब स्थिति का हवाला देते हुए कहा कि सरकार के वादे खोखले हैं और हकीकत में डिजिटल पहुंच बेहद सीमित है। साथ ही उन्होंने बीएसएनएल को लेकर भी केंद्र सरकार पर हमला किया।
विस्तार
कांग्रेस और भाजपा के बीच जारी आरोप-प्रत्यारोप के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर डिजिटल इंडिया को लेकर गंभीर आरोप लगाए। खरगे ने कहा कि मोदी सरकार के डिजिटल इंडिया के दावे खोखले हैं और हकीकत इससे काफी अलग है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए खरगे ने बताया कि भारतनेट परियोजना के तहत देश के 6.55 लाख गांवों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने का लक्ष्य था, लेकिन अब तक 4.53 लाख गांव यानी 65% गांव इससे वंचित हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना की डेडलाइन पिछले 11 वर्षों में कम से कम आठ बार बदली गई है और अब तक केवल 766 ग्राम पंचायतों (0.73%) में ही एक्टिव वाईफाई सेवा है।
बीएसएनएल को लेकर साधा निशाना
कांग्रेस अध्यक्ष ने बीएसएनएल को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जहां निजी कंपनियां 5G सेवा में आगे बढ़ रही हैं। वहीं बीएसएनएल अब तक 1 लाख 4G टावर लगाने का लक्ष्य भी पूरा नहीं कर सकी है। करीब एक-तिहाई टावर अब भी लगाए जाने बाकी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने बीएलएनएल को तीन बार कुल ₹3 लाख करोड़ से ज्यादा के पुनरुद्धार पैकेज दिए हैं, फिर भी यह निजी कंपनियों से काफी पीछे है। खरगने कहा कि बीएसएनएल का कर्ज मार्च 2014 में ₹5,948 करोड़ था, जो बढ़कर मार्च 2024 में ₹23,297 करोड़ हो गया। इसी तरह एमटीएनएल का कर्ज ₹14,210 करोड़ से बढ़कर ₹33,568 करोड़ पहुंच गया।
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डिजिटल पहुंच में भारी असमानता
खरगे ने दावा किया कि देश में 15 साल से ऊपर की उम्र के 75.3% लोग कंप्यूटर चलाना नहीं जानते। ग्रामीण क्षेत्रों में यह आंकड़ा 81.9% और शहरी क्षेत्रों में 60.4% है। उन्होंने यह भी कहा कि 7 करोड़ मनरेगा मजदूरों को आधार आधारित भुगतान की शर्त के कारण स्कीम से बाहर कर दिया गया। खरगे ने कहा कि देश के 54% सरकारी स्कूलों में इंटरनेट कनेक्शन नहीं है, 79% के पास डेस्कटॉप नहीं, 85% में प्रोजेक्टर नहीं और 79% के पास स्मार्ट क्लासरूम नहीं है।
साइबर हमलों में बढ़ोतरी का दावा
इसके अलावा खरगे ने दावा किया कि 2020 से 2024 के बीच साइबर अपराधों में 76.25% की वृद्धि हुई है। 2020 में जहां 11.58 लाख साइबर केस थे, वहीं 2024 में यह संख्या 20.41 लाख के पार पहुंच गई। डिजिटल अरेस्ट स्कैम जैसे साइबर अपराध 2022 से 2024 के बीच तीन गुना बढ़े, और इनमें खोया गया पैसा 21 गुना बढ़ा।
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कांग्रेस ने रखी थी डिजिटल आधारशिला- खरगे
इसके साथ ही खरगे ने यह भी कहा कि यूपीए सरकार ने ही 2009 में नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) की स्थापना की थी, जो यूपीआई जैसी डिजिटल सुविधाएं संचालित करता है। पहली डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम पहल एलपीजी सब्सिडी के लिए जून 2013 में कांग्रेस सरकार ने शुरू की थी, जिससे 9.55 करोड़ लाभार्थियों को फायदा मिला। साथ ही खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी को सलाह देते हुए कहा कि 10 साल के डिजिटल इंडिया पर श्रेय लेने के बजाय आपको अपनी सरकार की विफलताओं और घोटालों पर आत्मचिंतन करना चाहिए।
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