Manish Sisodia Arrest: अब कौन होगा आप में 'नंबर दो', संजय सिंह या राघव चड्ढा या फिर तीसरा कोई और?
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विस्तार
आम आदमी पार्टी के थिंक टैंक और राष्ट्रीय स्तर पर सबसे बड़ा चेहरा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ही हैं। आम आदमी पार्टी में नंबर वन चेहरे के बाद दूसरे नंबर का सबसे बड़ा चेहरा दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया माने जाते रहे हैं। सीबीआई की गिरफ्तारी के बाद अब सियासी गलियारों में सबसे ज्यादा चर्चा इसी बात की हो रही है कि आम आदमी पार्टी में अब नंबर दो चेहरा कौन होगा? चर्चाओं में जो दो नाम सबसे आगे हैं उसमें अरविंद केजरीवाल के शुरुआती दौर से संघर्ष के साथी रहे सांसद संजय सिंह और राज्यसभा में पार्टी के सबसे युवा सांसद राघव चड्ढा का नाम शामिल है। लेकिन सवाल यही है क्या आम आदमी पार्टी में यही दो नाम दूसरे नंबर के चेहरे के तौर पर आगे हैं या फिर कोई तीसरा और भी है, जो दूसरे नंबर का चेहरा बन सकता है।
मनीष सिसोदिया ने दिया पार्टी को विस्तार
आम आदमी पार्टी के सबसे चर्चित चेहरों में कुछ नाम जो सबसे पहले सामने आते हैं, उसमें अरविंद केजरीवाल के साथ-साथ मनीष सिसोदिया का नाम शुरुआत से ही जोड़ा जाता रहा है। यही वजह है कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में अपने बाद सबसे बड़ी पावरफुल कुर्सी भी अपने संघर्ष के दिनों के साथ ही मनीष सिसोदिया को ही बतौर उपमुख्यमंत्री दी थी। राजनीतिक विश्लेषक किशोर दत्त कहते हैं की अरविंद केजरीवाल ने जिस भरोसे के साथ मनीष सिसोदिया को न सिर्फ बड़ी जिम्मेदारी दी, बल्कि पूरे देश में पार्टी के विस्तार के लिए भी उनको बड़े चेहरे के तौर पर हमेशा प्रोजेक्ट भी किया। दत्ता कहते हैं कि अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी में दूसरे नंबर का चेहरा कौन होगा। क्योंकि आम आदमी पार्टी के पास 2024 में लोकसभा के चुनाव में बड़े सियासी फलक पर खुद को स्थापित करने की चुनौती भी होगी। मनीष सिसोदिया अरविंद केजरीवाल के साथ जुड़कर देश के अलग-अलग राज्यों में जाकर पार्टी के विस्तार को आयाम दे रहे थे। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस वक्त के हालातों में अब फिलहाल सिसोदिया के चेहरे का रिप्लेसमेंट या सिसोदिया के चेहरे की जगह पर उतना ही बड़ा कोई दूसरा चेहरा पार्टी को लेकर तो चलना ही होगा।
सियासी गलियारों में सवाल यह भी उठ रहा है कि मनीष सिसोदिया अगर लंबे समय तक सीबीआई की जकड़ में रहे, तो फिर दूसरे नंबर का व्यक्ति क्या दिल्ली सरकार से ही होगा या कहीं दूसरी जगह से। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि आम आदमी पार्टी में वैसे तो बहुत से नेता हैं। लेकिन बड़े चेहरे या पहचान वाले चेहरों के तौर पर अगर बात की जाए, तो दो नाम सबसे पहले और सबसे ज्यादा सामने आते हैं। इसमें शुरुआत से ही आम आदमी पार्टी के साथ जुड़े रहे राज्यसभा के सांसद संजय सिंह का नाम शामिल है। जबकि दूसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी की ओर से राज्यसभा सांसद बनाए गए राघव चड्ढा भी चर्चा में बने हुए हैं।
सियासी जानकार बताते हैं कि वैसे तो दोनों के पास पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारियां भी दी हैं और वह उसके मुताबिक काम भी कर रहे हैं। इसमें चाहे पार्टी के विस्तार की रणनीति हो या फिर फिर और सियासी मसले। दोनों नेता लगातार अलग-अलग राज्यों में जाकर पार्टी की भविष्य की सियासत को आगे बढ़ा दे रहे हैं। लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि जिस तरीके से आम आदमी पार्टी अपने दिल्ली मॉडल की बात जब दूसरे राज्यों में करती थी, तो उसमें मनीष सिसोदिया एक बड़े चेहरे के तौर पर सामने आते थे। दिल्ली सरकार के उप मुख्यमंत्री और अलग-अलग विभागों के मंत्री होने के नाते दिल्ली मॉडल को प्रस्तुत करते थे, जो कि उनकी गिरफ्तारी से एक बड़ा गैप पैदा करेगी।
क्या होगा दिल्ली मॉडल का?
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अब दिल्ली मॉडल की बात देश के अलग-अलग राज्यों में करने के लिए अरविंद केजरीवाल के सिवा दूसरा कोई बड़ा चेहरा फिलहाल नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में चर्चा यह हो रही है कि अरविंद केजरीवाल क्या राज्यसभा के सांसद संजय सिंह या सांसद राघव चड्ढा को दूसरे नंबर के चेहरे के तौर पर प्रस्तुत करेंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि निश्चित तौर पर आम आदमी पार्टी भी इस दिशा में काम कर ही रही होगी कि अगर सिसोदिया लंबे समय तक सीबीआई की जकड़ में रहे, तो कोई ऐसा चेहरा जरूर होना चाहिए जो अरविंद केजरीवाल के साथ दिल्ली मॉडल को देश के अलग-अलग राज्यों में रखकर पार्टी के विस्तार में बड़ी भूमिका अदा कर सकें। हालांकि उनके पास इस वक्त दिल्ली और पंजाब में सरकार है। बड़े चेहरों के तौर पर उनके पास संजय सिंह राघव चड्ढा के साथ-साथ भगवंत मान का भी चेहरा है। सियासी जानकारों का कहना है कि इन नामों के अलावा भी पार्टी में कुछ और नाम ऐसे हैं, जिन्हें भविष्य की राजनीति के लिहाज से पार्टी आगे कर सकती है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पार्टी जिस विजन के साथ आगे बढ़ रही थी, उसके लिए अरविंद केजरीवाल को मनीष सिसोदिया की अनुपस्थिति में किसी ऐसे चेहरे को नंबर दो की हैसियत के साथ तो आगे रखना ही होगा। राजनीतिक विश्लेषक दत्ता कहते हैं कि महाराष्ट्र में अभी जिस तरीके से आम आदमी पार्टी के मुख्य अरविंद केजरीवाल ने उद्धव ठाकरे से मुलाकात की, उसमें उनके साथ संजय सिंह राघव चड्ढा और भगवंत मान भी शामिल थे। पंजाब के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के बड़े नेता भगवंत मान लगातार पार्टी के आयोजनों और सियासी विस्तार को आगे बढ़ाने के लिए देश के अलग-अलग राज्यों में लगातार दौरा भी कर रहे हैं।
हालांकि मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को अगर इस साल होने वाले अलग-अलग राज्यों के विधानसभा चुनावों के नजरिए से देखें, तो पार्टी को सियासी तौर पर कोई बड़ा नफा नुकसान नहीं होने वाला है। क्योंकि मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और कर्नाटक जैसे राज्यों में पार्टी का कोई बड़ा जनाधार और राजनीतिक असर नहीं है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इसलिए मनीष सिसोदिया के गिरफ्तारी का कोई भी सियासी लाभ आम आदमी पार्टी को फिलहाल इन राज्यों में मिलता हुआ नहीं दिख रहा है। हालांकि राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में पार्टी मजबूती से चुनाव लड़ने की योजना जरूर बना रही थी। इसके अलावा 2024 में लोकसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर भी मनीष सिसोदिया की आम आदमी पार्टी में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका थी। उनकी गिरफ्तारी से इस पर भी असर पड़ सकता है।