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Maratha Quota Stir: हाईकोर्ट आरक्षण आंदोलन पर सख्त; कहा- जरांगे व समर्थक मंगलवार दोपहर तक सभी सड़कें खाली करें

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई। Published by: पवन पांडेय Updated Mon, 01 Sep 2025 03:32 PM IST
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सार

Maratha Quota Stir: बॉम्बे हाईकोर्ट ने मराठा आरक्षण को लेकर हो रहे आंदोलन पर सख्त टिप्पणी की है। अदालत ने कहा कि मनोज जरांगे के नेतृत्व वाला विरोध- प्रदर्शन शांतिपूर्ण नहीं है। कोर्ट की पीठ ने इस बात को भी रेखांकित किया कि प्रदर्शन में शामिल लोगों ने सभी शर्तों का उल्लंघन किया है। जानिए कोर्ट ने और क्या बातें कहीं

Maratha quota stir Bombay High Court Manoj Jarange led protest not peaceful violated conditions hindi updates
बॉम्बे हाईकोर्ट (फाइल) - फोटो : एएनआई
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विस्तार
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मराठा आरक्षण आंदोलन पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। अदालत की पीठ ने कहा कि मनोज जरांगे के नेतृत्व वाला विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण नहीं है और इसमें सभी शर्तों का उल्लंघन किया गया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई में चल रहे आंदोलन पर तत्काल सुनवाई करते हुए कहा कि हमने कुछ शर्तों के साथ विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी थी, जिनका प्रदर्शनकारियों ने उल्लंघन किया है। प्रदर्शनकारियों ने शहर को ठप कर दिया है और उन्होंने अदालत को दिए गए अपने हलफनामे का पालन नहीं किया है।

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प्रदर्शन पर कोर्ट की सख्त टिप्पणी
बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को कहा कि मराठा आरक्षण आंदोलन के कारण पूरा मुंबई ठप हो गया है। इसके साथ ही अदालत ने माना कि आंदोलन शांतिपूर्ण नहीं रहा और प्रदर्शनकारियों ने सभी शर्तों का उल्लंघन किया है। अदालत ने आदेश दिया कि मंगलवार दोपहर तक शहर की सभी सड़कें खाली कर दी जाएं। न्यायमूर्ति रविंद्र घुगे और गौतम अंकल के खंडपीठ ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को सिर्फ आजाद मैदान में धरना देने की अनुमति थी, लेकिन वे छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, चर्चगेट स्टेशन, मरीन ड्राइव और यहां तक कि हाई कोर्ट के बाहर भी जुट गए।

आंदोलनकारियों और सरकार को कोर्ट का निर्देश
बॉम्बे हाई कोर्ट मराठा आंदोलन पर सख्त टिप्पणी की है। हाई कोर्ट ने मनोज जरांगे के समर्थकों से कहा कि हालात सुधारे और रास्ता खाली करें। आंदोलन के कारण जाम की स्थिति पर हाईकोर्ट ने कहा कि कल तक मुंबई की सभी सड़कें खाली हों। इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि सरकार तय करें कि सड़कें खाली हों। वहीं अदालत ने प्रदर्शनकारियों को साफ निर्देश दिया है कि सिर्फ पांच हजार प्रदर्शनकारी मैदान में हों और बाकी सभी दोपहर 12 बजे तक जाएं।

कोर्ट के सवाल पर सरकार जवाब, कल फिर सुनवाई
कोर्ट ने सरकार से पूछा कि अगर लाखों और लोग मुंबई में आते हैं तो आप क्या करेंगे? सरकार ने अदालत को बताया कि गणेशोत्सव के कारण हालात संभालने में कठिनाई है। पुलिस बल का कड़ा इस्तेमाल आसान है लेकिन उसके नतीजे गंभीर होंगे, इसलिए संतुलन बनाना जरूरी है। हाई कोर्ट ने साफ कहा कि हर नागरिक को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन यह शांति और तय नियमों के तहत होना चाहिए। अदालत इस मामले पर मंगलवार को फिर सुनवाई करेगी।

जरांगे का आश्वासन सिर्फ औपचारिकता साबित हुआ
कोर्ट ने कहा, मुंबई शहर ठप हो चुका है। जजों और वकीलों की गाड़ियां रोकी गईं, गेट ब्लॉक कर दिए गए। सड़क पर नहाना, खाना पकाना और गंदगी फैलाना हो रहा है। अदालत ने चेतावनी दी कि जरांगे और समर्थकों ने हर शर्त तोड़ी है, अब सरकार कानून के तहत कार्रवाई करे और नए प्रदर्शनकारियों को शहर में आने से रोके। एडवोकेट जनरल बिरेन्द्र साराफ ने बताया कि धरने की अनुमति सिर्फ 29 अगस्त तक थी। जरांगे का पुलिस को दिया गया आश्वासन सिर्फ औपचारिकता साबित हुआ।



क्या है मनोज जरांगे की मांग?
अगर मनोज जरांगे पाटिल की मांगों की बात करें तो अनशन पर बैठे मनोज जरांगे 10% आरक्षण की मांग कर रहे हैं और चाहते हैं कि मराठाओं को कुनबी जाति के रूप में मान्यता दी जाए, क्योंकि कुनबी ओबीसी श्रेणी में आते हैं, जिससे मराठा समुदाय को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण मिलेगा। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि मराठवाड़ा क्षेत्र के मराठाओं को कुनबी घोषित कर आरक्षण देना चाहिए और हैदराबाद और सातारा के गजट नोटिफिकेशन को कानून बनाया जाए। हालांकि ओबीसी नेता इस मांग का विरोध कर रहे हैं।

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आजाद मैदान में जरांगे का अनशन, आज से पानी भी बंद
मराठा नेता मनोज जरांगे शुक्रवार से मुंबई के आजाद मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे हैं। वे मराठा समाज को सरकारी नौकरी और शिक्षा में ओबीसी वर्ग के तहत 10% आरक्षण की मांग कर रहे हैं। सोमवार से उन्होंने पानी पीना भी बंद कर दिया है। जरांगे ने कहा है कि वे मांगें पूरी होने तक मुंबई नहीं छोड़ेंगे और भूख हड़ताल जारी रखेंगे।

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