चीन पर नकेल कसने के लिए मोदी सरकार तैयार, घटिया चाइनीज समानों पर लगेगी रोक

केंद्र सरकार ने चीन के घटिया क्वालिटी के उत्पादों पर शिकंजा कसने की कवायद शुरू कर दी है। सरकार ने उद्योग जगत से उत्पादवार ब्योरा मांगा है। हालांकि सूत्रों ने कहा, इस कवायद का मकसद घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना है। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री कार्यालय में हाल ही में चीन पर आयात निर्भरता घटाने और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने पर उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की जा चुकी है। चीन से आयात होने वाले उत्पादों में,

- कलाई घड़ियां,
- दीवार घड़ियां,
- इंजेक्शन की शीशियां,
- शीशे की छड़
- ट्यूब,
- बालों की क्रीम,
- बालों के शैंपू,
- फेस पाउडर,
- आंखों और होठों के मेकअप तैयारी का सामान,
- छपाई की स्याही,
- पेंट और
- वार्निश और कुछ तंबाकू उत्पाद शामिल हैं।
सरकार ने उद्योग जगत से 2014-15 से 2018-19 के बीच हुए आयात का ब्योरा भी मांगा गया है। सरकार ने चीन से आयात के साथ भारत में भी बनने वाले उत्पादों का ब्योरा और स्थानीय मूल्य भी पूछे हैं। घरेलू क्षमता, निशुल्क व्यापार समझौते के तहत होने वाले आयात और इन्वर्टिड ड्यूटी के मुद्दे की भी जानकारी मांगी है। उद्योग जगत से जुड़े सूत्र के मुताबिक, जल्द ही वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय को ब्योरा भेज दिया जाएगा।
हरियाणा ने चीनी कंपनियों के 825 करोड़ का ठेके रद्द किए
हरियाणा सरकार ने यमुनानगर और खेदढ़ थर्मल प्लांट के लिए चीनी कंपनियों को दिए गए खेदढ़ 825 करोड़ के ठेके रद्द कर दिए हैं। खेदढ़ में 539 करोड़ और यमुनानगर में 282 करोड़ का टेंडर दिया गया था।