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MGNREGS: 'बीते पांच वर्षों में मनरेगा के तहत दिया औसतन 50 दिनों का रोजगार', राज्यसभा में सरकार ने बताए आंकड़े

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: देवेश त्रिपाठी Updated Fri, 12 Dec 2025 04:55 PM IST
सार

संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार से बीते पांच वर्षों में मनरेगा के तहत दिए गए रोजगार का आंकड़ा मांगा गया था। केंद्र सरकार की ओर से ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने राज्यसभा में सांसदों के सामने आंकड़े पेश किए।

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Modi Government tell rajya Sabha Average 50 days of employment per household provided under MGNREGS five years
ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान (फाइल फोटो) - फोटो : ANI
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विस्तार
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संसद के जारी शीतकालीन सत्र के दौरान ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने शुक्रवार को राज्यसभा में बताया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत पिछले पांच वर्षों में श्रमिकों को प्रति परिवार औसतन 50 दिनों का रोजगार प्रदान किया गया।

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प्रमुख ग्रामीण रोजगार योजना प्रत्येक वित्तीय वर्ष में उन सभी परिवारों को 100 दिनों तक का वेतनभोगी रोजगार की गारंटी देती है जिनके वयस्क सदस्य अकुशल शारीरिक श्रम करने के लिए स्वेच्छा से आगे आते हैं।
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पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार राज्यसभा में लिखित जवाब में पासवान ने कहा कि 2024-25 में मनरेगा के तहत हर परिवार को दिए गए रोजगार के औसत दिन 50.24 थे। पिछले वर्षों के आंकड़े भी लगभग ऐसे ही थे। 2023-24 में प्रति परिवार कार्यदिवसों की औसत संख्या 52.07 थी, 2022-23 में यह 47.84 थी, 2021-22 में यह 50.07 थी और 2020-21 में यह 51.54 थी।

कुल मिलाकर पिछले पांच वर्षों के दौरान प्रति परिवार रोजगार के दिनों की औसत संख्या 50.35 है। अपने जवाब में पासवान ने यह भी कहा कि जमीनी स्तर पर मनरेगा को लागू करने की जिम्मेदारी संबंधित राज्य या केंद्र शासित प्रदेश सरकारों की है।

केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा, 'मंत्रालय अधिनियम के प्रावधानों का पालन सुनिश्चित करने और मांग के अनुसार समय पर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ नियमित रूप से कार्यान्वयन की समीक्षा करता है। वित्त वर्ष 2025-26 में (08.12.2025 तक), काम की मांग करने वाले 99.81 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को रोजगार की पेशकश की गई है।'

संसद के पिछले सत्र में भारत सरकार ने बताया था कि मनरेगा के तहत राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अब तक कुल 44,323 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। लोकसभा में ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया था कि इस फंड से देशभर में ग्रामीणों को रोजगार मुहैया कराने के लिए मजदूरी, निर्माण सामग्री और प्रशासनिक खर्चों की पूर्ति की जा रही है।

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