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Social Media Menace: युवाओं को लगी इंटरनेट की लत कितनी खतरनाक? 'संवाद' के मंच से अमोघ लीला दास ने किया आगाह
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल / नई दिल्ली।
Published by: ज्योति भास्कर
Updated Thu, 26 Jun 2025 07:03 PM IST
सार
सोशल मीडिया और इंटरनेट क्रांति के इस दौर में युवाओं को लगी इंटरनेट की लत कितनी खतरनाक है? इस सवाल पर अमर उजाला 'संवाद' के मंच से अमोघ लीला दास ने अपनी राय रखी। उन्होंने इंटरनेट के दुरुपयोग को लेकर आगाह किया और कहा कि 89 फीसदी भारतीय डाटा का इस्तेमाल पो*र्न कंटेंट देखने में इस्तेमाल कर रहे हैं, जो बेहद चिंताजनक है। जानिए उन्होंने इस पहलू पर और क्या कहा?
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अमर उजाला संवाद के मंच पर अमोघ लीला दास
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अमर उजाला 'संवाद' के मंच से अमोघ लीला दास ने युवाओं को लगी इंटरनेट की लत्त के मुद्दे पर भी बात की। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, दुनिया में गुरु का काम केवल एक ही देश कर सकता है, वह भारत है। उन्होंने कहा, भा का अर्थ भगवतगीता का दिव्य ज्ञान है। रत का मतलब इसमें लीन रहना। हालांकि, दुर्भाग्य से भारत पो*र्न कंटेंट देखने में आज दुनिया में सबसे आगे है। यहां 89 फीसदी डाटा पो*र्नोग्राफी में यूज होता है। अमेरिका 85 फीसदी के साथ दूसरे नंबर पर है, जबकि ब्राजील 81-82 फीसदी के साथ तीसरे स्थान पर है। ऐसे में हमें गंभीरता से सोचना होगा।
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हैप्पीनेस इंडेक्स में भारत दुनिया में 127वें नंबर पर
उन्होंने कहा, गूगल आज भारतीय लोगों पर हंस रहा है। हम अपना मजाक खुद बना रहे हैं। पहले लोग ऋषिकेश में अध्यात्मिक चेतना विकसित करने आते थे, लेकिन अब रिवर राफ्टिंग और शराब पीने के वाले लोग यहां जाते हैं। हैप्पीनेस इंडेक्स में भारत दुनिया में 127वें नंबर पर है। भारतीय संस्कृति पर गर्व नहीं करना इसका बड़ा कारण है। हमारी सोच ऐसी हो गई है। हम अमेरिका और पश्चिमी देशों की तरह बनना चाहते हैं, लेकिन कुछ भी कर लें, उनकी तरह बनना संभव नहीं है। हम बीच में फंस चुके हैं।
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हमें पूरी दुनिया की अगुवाई करनी चाहिए, लेकिन...
हमारी हालत 'धोबी का कुत्ता, न घर का न घाट का' वाले मुहावरे जैसी हो गई है। यही कारण है कि हम खुश नहीं है। हमें पूरी दुनिया की अगुवाई करनी चाहिए थी, हमें अध्यात्मिक गुरु होना चाहिए, लेकिन हम नहीं कर पा रहे हैं। कितने ही लोगों को यह भी नहीं पता है कि भगवद्गीता में 700 श्लोक में हैं।
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जब एक मुस्लिम लड़की ने जीती भगवद्गीता से जुड़ी प्रतियोगिता
उन्होंने एक अनुभव का जिक्र किया और बताया कि गीता सार से जुड़ी प्रतियोगिता में एक मुस्लिम लड़की ने जीता। उसे इस्कॉन के मंच पर सम्मानित किया गया। उसने कहा कि मुस्लिम होने के नाते वह कुरान की प्रति हमेशा साथ लेकर चलती है, लेकिन हिंदू साथियों के पास वे गीता नहीं देखतीं। उन्हें भी ऐसा करना चाहिए। उस बच्ची की राय से वे खुद भी सहमत हैं।