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Pollution: वित्तीय राजधानी भी प्रदूषण की चपेट में, दिल्ली के बाद अब मुंबई में भी ग्रैप-4 की पाबंदियां लागू
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: नितिन गौतम
Updated Mon, 01 Dec 2025 11:51 AM IST
सार
पिछले कुछ हफ्तों में, मुंबई के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता इंडेक्स 'बहुत खराब' और 'गंभीर' कैटेगरी में रिकॉर्ड किया गया है। दिल्ली के लोगों की तरह ही, मुंबई में भी लोगों ने आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत और गले में खराश की शिकायत की है।
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मुंबई में ग्रैप-4 की पाबंदियां लागू
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते देश की वित्तीय राजधानी मुंबई की भी सांसें फूल रही हैं। ऐसे में सरकार ने मुंबई में कई जगहों पर ग्रैप-4 की पाबंदियां लागू कर दी हैं। इसके साथ ही मुंबई भी दिल्ली के साथ उन शहरों की सूची में शामिल हो गया है, जहां वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। मुंबई में कई जगहों पर हवा की गुणवत्ता बेहद खराब पाई गई है, इनमें मुंबई का मझगांव, देवनार, मलाड, बोरीवली ईस्ट, चकाला अंधेरी ईस्ट, नेवी नगर, पवई और मुलुंड जैसे इलाके शामिल हैं।
प्रदूषण वाले इलाकों में निर्माण कार्यों पर लगी रोक
बीएमसी ने इन इलाकों में किसी भी तरह के निर्माण कार्यों और धूल उड़ाने वाली गतिविधियों पर रोक लगा दी हैं, और इन इलाकों में विभिन्न निर्माण स्थलों की निगरानी की जा रही है। 50 से ज्यादा निर्माण स्थलों को काम रोकने के नोटिस जारी किए गए हैं। बेकरी और मार्बल कटिंग यूनिट्स समेत छोटे उद्योगों को साफ प्रक्रिया अपनाने या फिर कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहने को कहा गया है। बीएमसी ने प्रदूषण नियंत्रण के तरीकों को लागू करने और उत्सर्जन पर नजर रखने के लिए हर वार्ड में फ्लाइंग स्क्वॉड तैनात किए हैं। इन स्क्वॉड में इंजीनियर, पुलिसकर्मी और GPS-ट्रैक गाड़ियां शामिल हैं और ये प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों की निगरानी कर रही हैं।
प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) तैयार किया गया है। इसमें चार चरण हैं। इनमें प्रदूषण को कम करने के लिए उपाय किए जाते हैं, जिसमें कई तरह की पाबंदियां लगाई जाती हैं। ग्रेप का चौथा चरण लागू होने के बाद सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी जाती है। 10वीं और 12वीं के स्कूलों को छोड़कर सभी स्कूलों पर बंद कर दिया जाता है। साथ ही सरकारी और प्राइवेट कार्यालयों में घर से काम करने के निर्देश दे दिए जाते हैं। ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर भी रोक लगा दी जाती है।
पिछले कुछ हफ्तों में, मुंबई के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता इंडेक्स 'बहुत खराब' और 'गंभीर' कैटेगरी में रिकॉर्ड किया गया है। दिल्ली के लोगों की तरह ही, मुंबई में भी लोगों ने आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत और गले में खराश की शिकायत की है। कई सेलिब्रिटी भी मुंबई की खराब वायु गुणवत्ता को लेकर अपनी नाराजगी जता चुके हैं और सरकार से प्रदूषण से निपटने के लिए कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। विपक्षी पार्टियां भी इस मुद्दे पर सरकार को घेर रही है।
ये भी पढ़ें- Parliament Session LIVE: लोकसभा की कार्यवाही फिर शुरू, राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खरगे के बयान पर हंगामा
बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी बढ़ते प्रदूषण पर जताई चिंता
बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी मुंबई में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर चिंता जाहिर की। बीते हफ्ते उच्च न्यायालय की पीठ ने एक पांच सदस्यीय टीम के गठन का निर्देश दिया, जो शहर के चुने हुए इलाकों में जाकर निर्माण स्थलों की जांच करेगी और यह जांचेगी कि बीएमसी द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन हो रहा है या नहीं। हाईकोर्ट ने दस दिनों के भीतर रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया है। हाईकोर्ट द्वारा गठित टीम में बीएमसी, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल, राज्य के स्वास्थ्य विभाग और नागरिक समाज के सदस्य शामिल होंगे। यही टीम तय करेगी कि किन जगहों की जांच की जानी है।
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प्रदूषण वाले इलाकों में निर्माण कार्यों पर लगी रोक
बीएमसी ने इन इलाकों में किसी भी तरह के निर्माण कार्यों और धूल उड़ाने वाली गतिविधियों पर रोक लगा दी हैं, और इन इलाकों में विभिन्न निर्माण स्थलों की निगरानी की जा रही है। 50 से ज्यादा निर्माण स्थलों को काम रोकने के नोटिस जारी किए गए हैं। बेकरी और मार्बल कटिंग यूनिट्स समेत छोटे उद्योगों को साफ प्रक्रिया अपनाने या फिर कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहने को कहा गया है। बीएमसी ने प्रदूषण नियंत्रण के तरीकों को लागू करने और उत्सर्जन पर नजर रखने के लिए हर वार्ड में फ्लाइंग स्क्वॉड तैनात किए हैं। इन स्क्वॉड में इंजीनियर, पुलिसकर्मी और GPS-ट्रैक गाड़ियां शामिल हैं और ये प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों की निगरानी कर रही हैं।
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प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) तैयार किया गया है। इसमें चार चरण हैं। इनमें प्रदूषण को कम करने के लिए उपाय किए जाते हैं, जिसमें कई तरह की पाबंदियां लगाई जाती हैं। ग्रेप का चौथा चरण लागू होने के बाद सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी जाती है। 10वीं और 12वीं के स्कूलों को छोड़कर सभी स्कूलों पर बंद कर दिया जाता है। साथ ही सरकारी और प्राइवेट कार्यालयों में घर से काम करने के निर्देश दे दिए जाते हैं। ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर भी रोक लगा दी जाती है।
पिछले कुछ हफ्तों में, मुंबई के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता इंडेक्स 'बहुत खराब' और 'गंभीर' कैटेगरी में रिकॉर्ड किया गया है। दिल्ली के लोगों की तरह ही, मुंबई में भी लोगों ने आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत और गले में खराश की शिकायत की है। कई सेलिब्रिटी भी मुंबई की खराब वायु गुणवत्ता को लेकर अपनी नाराजगी जता चुके हैं और सरकार से प्रदूषण से निपटने के लिए कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। विपक्षी पार्टियां भी इस मुद्दे पर सरकार को घेर रही है।
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बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी बढ़ते प्रदूषण पर जताई चिंता
बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी मुंबई में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर चिंता जाहिर की। बीते हफ्ते उच्च न्यायालय की पीठ ने एक पांच सदस्यीय टीम के गठन का निर्देश दिया, जो शहर के चुने हुए इलाकों में जाकर निर्माण स्थलों की जांच करेगी और यह जांचेगी कि बीएमसी द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन हो रहा है या नहीं। हाईकोर्ट ने दस दिनों के भीतर रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया है। हाईकोर्ट द्वारा गठित टीम में बीएमसी, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल, राज्य के स्वास्थ्य विभाग और नागरिक समाज के सदस्य शामिल होंगे। यही टीम तय करेगी कि किन जगहों की जांच की जानी है।