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Odisha: राहुल गांधी के चुनाव आयोग को भाजपा का विंग बताने पर भड़के धर्मेंद्र प्रधान, कहा- नाच न जाने आंगन टेढ़ा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भुवनेश्वर
Published by: पवन पांडेय
Updated Fri, 11 Jul 2025 06:36 PM IST
सार
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन पर तंज कसा है। उन्होंने कहा उनकी हालत उस कहावत जैसी हो गई है- 'नाच न जाने आंगन टेढ़ा'। बता दें कि, राहुल गांधी ने ओडिशा में एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा- चुनाव आयोग अब स्वतंत्र नहीं, बल्कि भाजपा के लिए काम कर रहा है।'
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धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय मंत्री
- फोटो : ANI
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विस्तार
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में 'संविधान बचाओ सम्मेलन' को संबोधित करते हुए चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग (ईसीआई) अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का एक विंग बन चुका है और बिहार में भी महाराष्ट्र जैसी चुनाव चोरी की साजिश रची जा रही है। इस पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उनपर करारा हमला बोला है।
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धर्मेंद्र प्रधान का राहुल गांधी पर पलटवार
राहुल गांधी के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तीखा हमला किया। उन्होंने कांग्रेस की भुवनेश्वर रैली को राजनीतिक पर्यटन करार देते हुए कहा कि राहुल गांधी अब हार को छिपाने के लिए लोकतांत्रिक संस्थाओं को दोष दे रहे हैं। धर्मेंद्र प्रधान ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, 'राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा आयोजित संविधान बचाओ रैली असल में कांग्रेस के युवराज का एक और राजनीतिक पर्यटन था।' उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि आज राहुल गांधी की हालत उस कहावत जैसी हो गई है — 'नाच न जाने आंगन टेढ़ा', यानी अपनी कमजोरी का दोष दूसरों पर मढ़ना।
'कांग्रेस का असली मकसद संविधान नहीं, खुद को बचाना'
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यह रैली संविधान बचाने के लिए नहीं, बल्कि राहुल गांधी और कांग्रेस को बचाने की कोशिश है। उन्होंने दावा किया कि ओडिशा में कांग्रेस की कोई राजनीतिक मौजूदगी नहीं है और वहां के गरीब, दलित, आदिवासी और किसान कांग्रेस को बहुत पहले ही नकार चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया, 'कांग्रेस के समय में दिल्ली से भेजा गया पैसा बिचौलियों के पास चला जाता था। एससी, एसटी और पिछड़े वर्गों के अधिकारों की अनदेखी होती थी। कांग्रेस सत्ता में रहे, तो गरीबों और आदिवासियों की जमीन और अधिकार सुरक्षित नहीं रह सकते।'
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'कांग्रेस हार बर्दाश्त नहीं कर पा रही'
धर्मेंद्र प्रधान ने आगे कहा कि कांग्रेस महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों में हार के बाद अब चुनाव आयोग और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर सवाल उठा रही है। उन्होंने कहा, 'जिस पार्टी ने देश में आपातकाल लगाकर संविधान और लोकतंत्र को कुचला, वही अब संविधान बचाने की बात कर रही है। यह जनता को भ्रमित करने की कोशिश है, लेकिन देश अब कांग्रेस के हर झूठ और चाल को पहचान चुका है।'
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धर्मेंद्र प्रधान का राहुल गांधी पर पलटवार
राहुल गांधी के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तीखा हमला किया। उन्होंने कांग्रेस की भुवनेश्वर रैली को राजनीतिक पर्यटन करार देते हुए कहा कि राहुल गांधी अब हार को छिपाने के लिए लोकतांत्रिक संस्थाओं को दोष दे रहे हैं। धर्मेंद्र प्रधान ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, 'राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा आयोजित संविधान बचाओ रैली असल में कांग्रेस के युवराज का एक और राजनीतिक पर्यटन था।' उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि आज राहुल गांधी की हालत उस कहावत जैसी हो गई है — 'नाच न जाने आंगन टेढ़ा', यानी अपनी कमजोरी का दोष दूसरों पर मढ़ना।
राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जी द्वारा भुवनेश्वर, ओडिशा में आयोजित संविधान बचाओ रैली दरअसल कांग्रेस के शहज़ादे का एक और राजनीतिक पर्यटन था। यह ‘संविधान बचाओ’ नहीं बल्कि ‘ राहुल गांधी और कांग्रेस बचाओ’ समावेश है। ओडिशा में भाजपा की जनहितैषी सरकार के प्रति…
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) July 11, 2025
'कांग्रेस का असली मकसद संविधान नहीं, खुद को बचाना'
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यह रैली संविधान बचाने के लिए नहीं, बल्कि राहुल गांधी और कांग्रेस को बचाने की कोशिश है। उन्होंने दावा किया कि ओडिशा में कांग्रेस की कोई राजनीतिक मौजूदगी नहीं है और वहां के गरीब, दलित, आदिवासी और किसान कांग्रेस को बहुत पहले ही नकार चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया, 'कांग्रेस के समय में दिल्ली से भेजा गया पैसा बिचौलियों के पास चला जाता था। एससी, एसटी और पिछड़े वर्गों के अधिकारों की अनदेखी होती थी। कांग्रेस सत्ता में रहे, तो गरीबों और आदिवासियों की जमीन और अधिकार सुरक्षित नहीं रह सकते।'
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'कांग्रेस हार बर्दाश्त नहीं कर पा रही'
धर्मेंद्र प्रधान ने आगे कहा कि कांग्रेस महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों में हार के बाद अब चुनाव आयोग और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर सवाल उठा रही है। उन्होंने कहा, 'जिस पार्टी ने देश में आपातकाल लगाकर संविधान और लोकतंत्र को कुचला, वही अब संविधान बचाने की बात कर रही है। यह जनता को भ्रमित करने की कोशिश है, लेकिन देश अब कांग्रेस के हर झूठ और चाल को पहचान चुका है।'
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