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Agriculture: पशुधन पर राष्ट्रीय सम्मेलन 20 सितंबर से गोवा में, केंद्रीय पशुपालन मंत्री राजीव रंजन सिंह करेंगे
डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला
Published by: पवन पांडेय
Updated Wed, 18 Sep 2024 04:09 PM IST
सार
किसानों के लिए पशुधन उद्योग में इन्हीं संभावनाओं की तलाश के लिए सीएलएफएमए ऑफ इंडिया (क्लेफमा) की वार्षिक आम बैठक में पशुधन उद्योग से जुड़े मुद्दों पर मंथन किया जाएगा। 20-21 सितंबर को गोवा में होने वाले इस राष्ट्रीय सम्मेलन में दुनिया भर से करीब 400 एक्सपर्ट्स हिस्सा लेंगे।
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20 सितंबर से गोवा में पशुधन पर राष्ट्रीय सम्मेलन
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
केंद्र सरकार लगातार किसानों की आय बढ़ाने की बात कर रही है। इसके लिए एक तरफ 23 से अधिक फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है, वहीं, उन्हें डेयरी और फार्मिंग जैसे सेक्टरों में बेहतर तकनीकी-आर्थिक सहयोग कर उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए किसानों को विभिन्न पशुधन को पालने से लेकर उनके उत्पादों के विपणन में भी सहयोग किया जा रहा है।
किसानों के लिए पशुधन उद्योग में इन्हीं संभावनाओं की तलाश के लिए सीएलएफएमए ऑफ इंडिया (क्लेफमा) की वार्षिक आम बैठक में पशुधन उद्योग से जुड़े मुद्दों पर मंथन किया जाएगा। 20-21 सितंबर को गोवा में होने वाले इस राष्ट्रीय सम्मेलन में दुनिया भर से करीब 400 एक्सपर्ट्स हिस्सा लेंगे जो इस क्षेत्र को और अधिक उन्नत बनाने के लिए अपने देशों में उपयोग की जा रही तकनीकी की जानकारी देंगे। कार्यक्रम में केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन, डेयरी और पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह मुख्य अतिथि होंगे।
सीएलएफएमए ऑफ इंडिया के चेयरमैन सुरेश देवड़ा ने कहा कि इस उद्योग का सालाना टर्नओवर 12 लाख करोड़ है। पूरी दुनिया में पशुधन उत्पादों की खपत लगातार बढ़ रही है। आर्थिक संपन्नता के साथ लोग अधिक अंडे, मांस, दूध-पनीर का सेवन कर रहे हैं। भारत में भी इन वस्तुओं की खपत में लगातार वृद्धि हो रही है। यदि हमारे किसान इस क्षेत्र में निवेश करते हैं तो उन्हें इसका बेहतर लाभ मिल सकता है। यह कृषि से अधिक तेजी के साथ बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि सम्मेलन का उद्देश्य किसानों और पशुधन उत्पादकों के लिए 'फार्म-टू-फोर्क' दृष्टिकोण पर आधारित एक मंच विकसित करना है। सीएलएफएमए एक पशुधन संघ और शीर्ष संगठन है जो देश में पशुपालन पर आधारित कृषि का प्रतिनिधित्व करता है और 1967 में शुरू हुए पशुधन उद्योग की 'वन वॉयस' यानी 'एक आवाज' योजना को बढ़ावा देता है।
पूरी दुनिया में बढ़ रही खपत
दुनियाभर में विकसित राष्ट्र इस सेक्टर की अहमियत को समझते हुए पशुओं के स्वास्थ्य और पशुपालकों के उत्थान के लिए योजनाएं बनाकर निवेश कर रहे हैं। दुनियाभर में उच्च गुणवत्ता वाले डेयरी उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है, उससे आने वाले समय में इस क्षेत्र के भी हमारे देश में विस्तार लेने की पूरी संभावनाएं हैं। पशुधन सेक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था की भी महत्वपूर्ण धुरी है। इतना ही नहीं यह सेक्टर किसानों और पशुपालन क्षेत्र से जुड़े लोगों को रोजगार भी प्रदान कराता है।
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किसानों के लिए पशुधन उद्योग में इन्हीं संभावनाओं की तलाश के लिए सीएलएफएमए ऑफ इंडिया (क्लेफमा) की वार्षिक आम बैठक में पशुधन उद्योग से जुड़े मुद्दों पर मंथन किया जाएगा। 20-21 सितंबर को गोवा में होने वाले इस राष्ट्रीय सम्मेलन में दुनिया भर से करीब 400 एक्सपर्ट्स हिस्सा लेंगे जो इस क्षेत्र को और अधिक उन्नत बनाने के लिए अपने देशों में उपयोग की जा रही तकनीकी की जानकारी देंगे। कार्यक्रम में केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन, डेयरी और पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह मुख्य अतिथि होंगे।
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सीएलएफएमए ऑफ इंडिया के चेयरमैन सुरेश देवड़ा ने कहा कि इस उद्योग का सालाना टर्नओवर 12 लाख करोड़ है। पूरी दुनिया में पशुधन उत्पादों की खपत लगातार बढ़ रही है। आर्थिक संपन्नता के साथ लोग अधिक अंडे, मांस, दूध-पनीर का सेवन कर रहे हैं। भारत में भी इन वस्तुओं की खपत में लगातार वृद्धि हो रही है। यदि हमारे किसान इस क्षेत्र में निवेश करते हैं तो उन्हें इसका बेहतर लाभ मिल सकता है। यह कृषि से अधिक तेजी के साथ बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि सम्मेलन का उद्देश्य किसानों और पशुधन उत्पादकों के लिए 'फार्म-टू-फोर्क' दृष्टिकोण पर आधारित एक मंच विकसित करना है। सीएलएफएमए एक पशुधन संघ और शीर्ष संगठन है जो देश में पशुपालन पर आधारित कृषि का प्रतिनिधित्व करता है और 1967 में शुरू हुए पशुधन उद्योग की 'वन वॉयस' यानी 'एक आवाज' योजना को बढ़ावा देता है।
पूरी दुनिया में बढ़ रही खपत
दुनियाभर में विकसित राष्ट्र इस सेक्टर की अहमियत को समझते हुए पशुओं के स्वास्थ्य और पशुपालकों के उत्थान के लिए योजनाएं बनाकर निवेश कर रहे हैं। दुनियाभर में उच्च गुणवत्ता वाले डेयरी उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है, उससे आने वाले समय में इस क्षेत्र के भी हमारे देश में विस्तार लेने की पूरी संभावनाएं हैं। पशुधन सेक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था की भी महत्वपूर्ण धुरी है। इतना ही नहीं यह सेक्टर किसानों और पशुपालन क्षेत्र से जुड़े लोगों को रोजगार भी प्रदान कराता है।
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