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पहल: दिव्यांग-बुजुर्गों के लिए 21 सहायक उपकरणों पर राष्ट्रीय गुणवत्ता मानक लागू, सुरक्षा व भरोसेमंदी सुनिश्चित
परीक्षित निर्भय
Published by: शुभम कुमार
Updated Thu, 13 Nov 2025 07:33 AM IST
सार
सरकार ने दिव्यांग और बुजुर्गों के लिए 21 सहायक उत्पादों पर पहला राष्ट्रीय गुणवत्ता मानक लागू किया है। व्हीलचेयर, वॉकर, हियरिंग एड, ब्रेल किट जैसे उपकरण अब सुरक्षित, भरोसेमंद और तकनीकी रूप से सक्षम होंगे। आईसीएमआर और बीआईएस ने इसे विकसित किया। यह पहल उत्पादों की गुणवत्ता, परीक्षण और सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी।
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सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
दिव्यांग और बुजुर्गों की देखभाल के लिए सरकार ने पहली बार 21 आवश्यक सहायक उत्पादों के लिए राष्ट्रीय गुणवत्ता मानक तैयार किए हैं। यह मानक नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के संयुक्त प्रयास से विकसित किए गए हैं।
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आईसीएमआर के अनुसार, ये मानक न केवल उत्पादों की तकनीकी गुणवत्ता तय करते हैं बल्कि यह भी सुनिश्चित करते हैं कि उपयोगकर्ता चाहे दिव्यांग हो या फिर स्ट्रोक, न्यूरोलॉजिकल विकार से ग्रस्त या फिर बुजुर्ग हो, सभी के लिए ये सुरक्षित और भरोसेमंद उपकरण हैं। देशभर में असिस्टिव टेक्नोलॉजी यानी सहायक उपकरणों की गुणवत्ता, सुरक्षा और समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए यह फैसला लिया गया।
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इन उत्पादों में व्हीलचेयर, वॉकर, हियरिंग एड, कम्युनिकेशन बोर्ड, व्हाइट केन, ऑर्थोसिस, ब्रेल किट, और दैनिक जीवन में उपयोग आने वाले कई सहायक उपकरण शामिल हैं। दरअसल भारत में लगभग 2.68 करोड़ लोग दिव्यांगता से प्रभावित हैं जबकि बुजुर्ग आबादी लगातार बढ़ रही है। अब तक देश में असिस्टिव उत्पादों को लेकर कोई गुणवत्ता ढांचा नहीं है। स्वदेशी मानक लागू होने से अब उत्पादों की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित होगी। साथ ही निर्माण और परीक्षण प्रक्रिया पारदर्शी बनने के साथ सार्वजनिक खरीद में गुणवत्ता-आधारित निर्णय भी लिए जा सकेंगे।
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