{"_id":"5e512fc28ebc3ef4060f8be6","slug":"nationalism-and-the-slogan-of-bharat-mata-ki-jai-are-being-misused-says-manmohan-singh","type":"story","status":"publish","title_hn":"राष्ट्रवाद और 'भारत माता की जय' नारे का हो रहा गलत इस्तेमाल: मनमोहन सिंह","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
राष्ट्रवाद और 'भारत माता की जय' नारे का हो रहा गलत इस्तेमाल: मनमोहन सिंह
पीटीआई, नई दिल्ली
Published by: Amit Mandal
Updated Sat, 22 Feb 2020 07:20 PM IST
विज्ञापन

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह
- फोटो : ANI
भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोलते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि राष्ट्रवाद और भारत माता की जय नारे का गलत इस्तेमाल हो रहा है और इसके जरिए आतंक और भावना से ओतप्रोत एक ऐसे भारत का विचार पेश किया जा रहा है जिसमें करोड़ों नागरिकों की ही जगह नहीं है।
दिल्ली में जवाहर लाल नेहरू के कार्यों और भाषणों पर आधारित एक किताब के विमोचन के मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि नेहरू जी की वजह से ही भारत को एक जीवित लोकतंत्र के रूप में जाना जाता है और हमारी गिनती शक्तिशाली देशों में होती है।
उन्होंने कहा कि नेहरू ने देश को उस वक्त आगे बढ़ाया था जब हमने लोकतंत्र को आत्मसात ही किया था। भारत के पहले प्रधानमंत्री जिन्हें भारतीय विरासत पर बेहद गर्व था, लोकतंत्र को सहेजा और इसे नए भारत के अनुरूप ढाला।
एक अनोखे तरीके और बहुभाषायी के तौर पर नेहरू ने आधुनिक भारत के लिए विश्विद्यालयों, शिक्षण संस्थानों और सांस्कृतिक संस्थानों की आधारशिला रखी थी। लेकिन नेहरू के नेतृत्व में आजाद भारत वैसा कभी नहीं होता जैसा आज नजर आता है।
लेकिन दुर्भाग्य से लोगों का एक वर्ग के पास या तो इतिहास पढ़ने का वक्त नहीं है या नेहरू को गलत दिखाने का पूरा प्रयास करते हैं। लेकिन मैं आश्वस्त हूं कि इतिहास के पास ऐसे झूठ और नकली आक्षेपों को खारिज करने और इसे सही तरीके से रखने की ताकत है।
विज्ञापन

Trending Videos
दिल्ली में जवाहर लाल नेहरू के कार्यों और भाषणों पर आधारित एक किताब के विमोचन के मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि नेहरू जी की वजह से ही भारत को एक जीवित लोकतंत्र के रूप में जाना जाता है और हमारी गिनती शक्तिशाली देशों में होती है।
विज्ञापन
विज्ञापन
उन्होंने कहा कि नेहरू ने देश को उस वक्त आगे बढ़ाया था जब हमने लोकतंत्र को आत्मसात ही किया था। भारत के पहले प्रधानमंत्री जिन्हें भारतीय विरासत पर बेहद गर्व था, लोकतंत्र को सहेजा और इसे नए भारत के अनुरूप ढाला।
एक अनोखे तरीके और बहुभाषायी के तौर पर नेहरू ने आधुनिक भारत के लिए विश्विद्यालयों, शिक्षण संस्थानों और सांस्कृतिक संस्थानों की आधारशिला रखी थी। लेकिन नेहरू के नेतृत्व में आजाद भारत वैसा कभी नहीं होता जैसा आज नजर आता है।
लेकिन दुर्भाग्य से लोगों का एक वर्ग के पास या तो इतिहास पढ़ने का वक्त नहीं है या नेहरू को गलत दिखाने का पूरा प्रयास करते हैं। लेकिन मैं आश्वस्त हूं कि इतिहास के पास ऐसे झूठ और नकली आक्षेपों को खारिज करने और इसे सही तरीके से रखने की ताकत है।