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Nepal Nepo kids: इनकी लाइफस्टाइल ने ही आंदोलन की आग में डाला घी, जानें नेपाल के ऐसे ही नेपोकिड्स के बारे में

न्यूज डेस्क, अमर उजाला Published by: संध्या Updated Sat, 13 Sep 2025 03:18 PM IST
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सार

नेपाल में पूर्व प्रधानमंत्री, कानून मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री के बच्चों की लग्जरी लाइफस्टाइल के साथ कई तस्वीरें वायरल हुईं। इन तस्वीरों में वे विदेशों में घूमते और महंगे ब्रांड की चीजों के साथ नजर आ रहे हैं। कुछ नाम ऐसे भी है जो परिवारवाद के कारण

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नेपाल नेपोकिड्स - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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नेपाल में युवाओं यानी 'जेनरेशन जी' की तरफ से सोमवार-मंगलवार को हुए प्रदर्शनों के बाद महज पांच दिन के अंतराल में देश में तख्तापलट हो चुका है। नेपाल में अब स्थायी सरकार की जगह एक अंतरिम सरकार ने ले ली है, जिसकी कमान नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की संभालेंगी। शुक्रवार (13 सितंबर) को उन्होंने नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ले ली। 

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बता दें कि नेपाल में 4 सितंबर को सोशल मीडिया बैन के बाद से ही आंदोलनों की नींव पड़ चुकी थी। 8 सितंबर आते-आते आंदोलनकारियों ने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के साथ-साथ सरकार को  भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी घेरा और जबरदस्त प्रदर्शन किए। इस आंदोलन में युवाओं और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प भी हुई और 50 से ज्यादा लोग मारे गए। इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा था। 
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बताया जाता है कि आंदोलनकारियों के बीच गुस्सा सिर्फ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध और सरकार के भ्रष्टाचार को लेकर ही नहीं था, बल्कि इस आंदोलन में जिसने आग में घी डलने का काम किया वह थी नेपो किड्स की आलीशान जिंदगी। एक तरफ जहां नेपाल गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई की मार झेल रहा है तो वहीं नेताओं के बच्चे विदेशों में आलीशान जीवन जी रहे हैं। नेपाल के युवाओं ने सोशल मीडिया पर PoliticiansNepoBabyNepal और NepoBabies जैसे हैशटैग चलाकर यह बताया कि कैसे नेपाल के राजनेताओं के बच्चे उनके टैक्स के पैसे को अपना आलीशान जीवन जीने में लगा रहे हैं। इनके बच्चे विदेशों में घूम रहे हैं, महंगे बैग, लग्जरी गाड़ियां, मंहगी घड़ी खरीद रहे हैं।

सोशल मीडिया पर ट्रेंड पर क्यों था नेपो बेबीज?
नेपोटिज्म का अर्थ होता है  भाई-भतीजावाद वाली प्रथा, जिसमें मशहूर हस्तियों के बच्चों को उनके पारिवारिक संबंधों के कारण आसानी से अवसर मिल जाते हैं। नेपाल में नेपो बेबीज शब्द से नेताओं के परिवार का विरोध किया जा रहा है, जो आम लोगों के पैसों को अपनी विलासितापूर्ण जीवनशैली जीने में लगा रहे हैं। 

सोशल मीडिया पर ऐसे कई पोस्ट शेयर किए गए हैं, जिसमें कई राजनेताओं के बच्चों को आलीशान जीवन जीते हुए दिखाया गया। पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की बहू शिवाना श्रेष्ठ का वीडियो पोस्ट किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर आलीशान घर और फैशन से जुड़े फोटो-वीडियो पोस्ट किए थे। हालांकि अब उनका इंस्टाग्राम अकाउंट निष्क्रिय हो चुका है। प्रदर्शनकारियों ने शिवाना और उनके पति जयवीर सिंह देउबा को निशाना बनाते हुए उनका आलीशान जीवन को शेयर करते हुए विरोध किया। इसी तरह जनता के बीच कई और नेपो किड्स को लेकर विरोध हुआ। आइये आपको इनके बारे में भी बताते हैं...

नेपाल में प्रदर्शन की वजह बने “नेपो किड्स”

शृंखला खातीवाड़ा: जेन जी प्रदर्शनकारियों की तरफ से जिन नेपो किड्स को निशाना बनाया गया, उनमें सबसे प्रमुख नाम श्रृंखला खातीवाड़ा का है। वह पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बिरोध खातीवाड़ा की बेटी और पूर्व मिस नेपाल रह चुकी हैं। सोशल मीडिया पर उनकी विदेश यात्राओं और लग्जरी लाइफस्टाइल से जुड़े फोटो साझा किए गए। साथ ही महंगे कपड़े और डिजाइनर हैंडबैग दिखाए गए हैं। जेन जी ने विरोध प्रदर्शन के दौरान उनके घर में आग लगा दी। 

शृंखला के इंस्टाग्राम से पता चला कि उन्होंने हार्वर्ड से पढ़ाई की है। उनकी शादी संभव सिरोहिया से हुई है, जो कांतिपुर मीडिया ग्रुप के प्रबंध निदेशक हैं। सोशल मीडिया पर शेयर की गई तस्वीरों में वह स्विट्जरलैंड, ब्रिटेन के लंदन, अमेरिका के कैलिफोर्निया, कोलोराडो जैसी जगहों पर छुट्टियां मनाती हुई नजर आ रही हैं। अंतरराष्ट्रीय यात्राओं के साथ-साथ वह लग्जरी ब्रांड के साथ फैशन फोटोशूट कराती भी दिख रही हैं। 

स्मिता दहल: इस विरोध का सामना करने वाले नामों की सूची में पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड की पोती स्मिता दहल शामिल हैं। 2024 में स्मिता की सगाई सायुज्य श्रेष्ठ से हुई थी। सोशल मीडिया पर स्मिता की ओर से पोस्ट किए गए लाखों रुपये के हैंडबैग की फोटो पर विरोध जताया गया। प्रदर्शनकारियों की तरफ से सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा गया कि नेपाल का आम नागरिक नौकरियों के लिए संघर्ष कर रहा है और नेपो किड्स डिजाइनर हैंडबैग लेकर घूम रहे हैं।

सौगत थापा: सोशल मीडिया पर कानून मंत्री बिंदु कुमार थापा के बेटे सौगत थापा भी खूब ट्रोल हुए हैं। उनके विलासितापूर्ण जीवन की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर साझा की जा रही हैं। वह अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर काफी महंगे कपड़े पहने हुए नजर आ आ रहे हैं। आंदोलनकारियों का यह भी आरोप है कि आम जनता गरीबी में मर रही है, ये नेपो बच्चे लाखों के कपड़े पहन रहे हैं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर विदेशी यात्राओं, महंगे होटलों में खाने, महंगे ब्रांड की घड़ियां, ब्रांडेड कपड़ों, जूतों के साथ तस्वीर शेयर की है। सौगत थापा ने जिन घड़ियों के साथ तस्वीर साझा की हैं, उसकी कीमत तीन से चार लाख भारतीय रुपये तक की है। 

जयवीर सिंह देउबा: पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के बेटे जयवीर सिंह देउबा भी लगातार इस विरोध का सामना कर रहे हैं। उनकी पत्नी शिवाना ने सोशल मीडिया पर आलीशान घर और फैशन से जुड़े फोटो और वीडियो साझा किए थे। इसके कारण जयवीर सिंह देउबा का भी लगातार विरोध हो रहा है। 2021 में वह पिता के नेतृत्व वाली नेपाली कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे। वह ब्रिटिश विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातक हैं। 2022 में आरोप लगे थे कि जयवीर की कंपनी को मुनाफा पहुंचाने के लिए नेपाल सरकार ने सैनिटरी पैड के आयात पर सीमा शुल्क में छूट दे दी है। अपने परिवार की वजह से आसानी से राजनीति में प्रवेश पाने के कारण भी वे लगातार विरोध का सामना करते रहे हैं। 

वह नाम जिन्हें नेपोकिड्स होने के कारण मिली सत्ता
लग्जरी लाइफस्टाइल के इतर भी कुछ नाम ऐसे है जिन्हें नेपोकिड्स होने के कारण सत्ता में आने का मौका मिला। हालांकि यह अपने आलिशान जीवन जीने के कारण चर्चा में नहीं आए लेकिन परिवारवाद के कारण सत्ता का सुख भोगने का आरोप इन पर भी लगता रहा है। 

मानुषी यामी भट्टाराई: इनका नाम बहुत ज्यादा चर्चा में नहीं है। क्योंकि यह आलीशान जीवन जीती हुई दिखाई नहीं देती हैं। राजनीतिक रूप से सक्रिय मानुषी पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टाराई की बेटी हैं। उन्होंने अपने परिवार के नक्शे-कदम पर चलते हुए राजनीति में कदम रखा। 

महेश दहाल: इन्हें माओवादी नेता प्रचंड (पुष्प कमल दहल) के करीबी रिश्तेदार बताया जाता है। सरकार ने ऑस्ट्रेलिया में नेपाली राजदूत बनाया था। 2021 में इन्हें ऑस्ट्रेलिया से वापस बुला लिया गया था। 

नारद भारद्वाज: इन्हे कतर का राजदूत बनाकर भेजा गया था। नारद को केपी शर्मा ओली के भरोसेमंद माना जाता था। 

अंजन शक्य: केपी ओली की रिश्तेदार अंजन शक्य को नेशनल असेंबली सदस्य बनाने की सिफारिश की गई और राष्ट्रपति ने उनकी नियुक्ति भी कर दी।

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