NIA: एनआईए अदालत ने पाकिस्तानी अधिकारी को किया तलब, आतंकी साजिश के मामले में पेश होने का दिया आदेश
भारत के खिलाफ आतंकी साजिश रचने के मामले में चेन्नई की विशेष एनआईए अदालत ने पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी अमीर जुबैर सिद्दीकी को समन भेजा है। आरोप है कि सिद्दीकी ने भारत में अमेरिकी और इस्राइली दूतावास सहित दक्षिण भारत के कई इलाकों में विस्फोट की साजिश रची थी।

विस्तार
भारत के खिलाफ आतंकी साजिश के मामले में चेन्नई की एक विशेष एनआईए अदालत ने अमीर जुबैर सिद्दीकी नामक पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी को समन जारी किया है। कोर्ट ने उन्हें 15 अक्तूबर 2025 को सुबह 10:30 बजे पेश होने को कहा है। अमीर पहले कोलंबो स्थित पाकिस्तान हाई कमीशन में वीजा काउंसलर के पद पर कार्यरत थे। एनआईए के अनुसार, अमीर जुबैर सिद्दीकी भारत के खिलाफ आतंकी साजिश में शामिल थे। उन पर चेन्नई स्थित अमेरिकी वाणिज्य दूतावास और बंगलूरू स्थित इस्राइली वाणिज्य दूतावास में विस्फोट करने की साजिश रचने का आरोप है।

दक्षिण भारत में हमले की योजना
मामले में एनआईए के अनुसार पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी अमीर जुबैर सिद्दीकी ने दक्षिण भारत के भीड़भाड़ वाले इलाकों में हमले की योजना बनाई थी। यह मामला सबसे पहले 28 अप्रैल 2014 को तमिलनाडु पुलिस की क्यू ब्रांच ने दर्ज किया था। इस दौरान श्रीलंकाई नागरिक मोहम्मद साकिर हुसैन को चेन्नई में गिरफ्तार किया गया, जो अमीर के निर्देश पर भारत आया था।
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क्या, कब और कहा..समझिए पूरा मामला
बता दें कि ये पूरा मामला तब शुरू हुआ जब एक मई 2014 को 2.5 लाख रुपये की नकली भारतीय करेंसी आरोपी मोहम्मद सलीम से बरामद हुई। मामला 21 जून 2014 को एनआईए को सौंपा गया। मुख्य आरोपी साकिर हुसैन ने अदालत में अपना जुर्म कबूल कर लिया और उसे पांच साल की सजा हुई। 2018 में एनआईए ने अमीर जुबैर सिद्दीकी के खिलाफ पूरक चार्जशीट दाखिल की। सिद्दीकी पर आईपीसी और यूएपीए की धाराओं के तहत देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, साजिश रचने और नकली नोट चलाने जैसे गंभीर आरोप हैं।
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अभी फरार चल रहा है अमीर
मामले में एनआईए ने ये भी बताया कि अमीर अभी फरार हैं और गिरफ्तारी से बचने के लिए गुप्त रूप से छिपा हुआ हैं। दूसरी ओर चेन्नई के दो अन्य लोग बालासुब्रमण्यम उर्फ बलन और नूरुद्दीन रफी उर्फ इस्माइल पर भी नकली नोटों के जरिए देश की आर्थिक सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने का आरोप है।