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Engineer Rashid: इंजीनियर राशिद मामले को MP-MLA कोर्ट नहीं भेजना चाहती NIA, दिल्ली हाईकोर्ट में देगी चुनौती
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: बशु जैन
Updated Wed, 27 Nov 2024 11:05 PM IST
सार
राशिद लोकसभा चुनाव में बारामूला निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुने गए थे। वह 2017 के आतंकी फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद 2019 से तिहाड़ जेल में बंद हैं।
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इंजीनियर राशिद (फाइल फोटो)
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
जम्मू-कश्मीर के बारामूला सांसद शेख अब्दुल राशिद उर्फ इंजीनियर राशिद के खिलाफ आतंकी फंडिंग मामले को एमपी-एमएलए कोर्ट में भेजे जाने की सिफारिश को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती देगी। एनआईए ने बुधवार को दिल्ली की एक कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि वह दिल्ली हाईकोर्ट से मौजूदा अदालत को विशेष अधिकार देने की मांग करेगी।
बुधवार को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विमल कुमार यादव ने आतंकी फंडिंग मामले को लेकर सुनवाई की। इससे पहले एक विशेष न्यायाधीश ने आतंकी फंडिंग मामले को एमपी-एमएलए कोर्ट भेजने की सिफारिश की थी। क्योंकि राशिद अब संसद के सदस्य हैं।
एनआईए के वकील ने जिला न्यायाधीश से जांच एजेंसी को उच्च न्यायालय से जवाब प्राप्त करने के लिए 10 दिन का समय देने की मांग की। वरिष्ठ अधिवक्ता और विशेष एनआईए अभियोजक सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि मामले को विशेष अदालत में स्थानांतरित नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इससे कार्यवाही में देरी होगी। वहीं जिला न्यायाधीश ने राशिद की अंतरिम जमानत याचिका को छह दिसंबर के लिए सूचीबद्ध किया ताकि वह संसद सत्र में भाग ले सकें।
तिहाड़ जेल में बंद हैं इंजीनियर राशिद
राशिद लोकसभा चुनाव में बारामूला निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुने गए थे। वह 2017 के आतंकी फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद 2019 से तिहाड़ जेल में बंद हैं। एनआईए और ईडी की ओर से दर्ज किए गए मामलों में पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख और 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद, हिजबुल मुजाहिदीन के नेता सैयद सलाहुद्दीन और अन्य शामिल हैं। ईडी ने एनआईए की एफआईआर के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। इसमें उन पर सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने और कश्मीर घाटी में समस्या पैदा करने का आरोप लगाया गया था।
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बुधवार को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विमल कुमार यादव ने आतंकी फंडिंग मामले को लेकर सुनवाई की। इससे पहले एक विशेष न्यायाधीश ने आतंकी फंडिंग मामले को एमपी-एमएलए कोर्ट भेजने की सिफारिश की थी। क्योंकि राशिद अब संसद के सदस्य हैं।
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एनआईए के वकील ने जिला न्यायाधीश से जांच एजेंसी को उच्च न्यायालय से जवाब प्राप्त करने के लिए 10 दिन का समय देने की मांग की। वरिष्ठ अधिवक्ता और विशेष एनआईए अभियोजक सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि मामले को विशेष अदालत में स्थानांतरित नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इससे कार्यवाही में देरी होगी। वहीं जिला न्यायाधीश ने राशिद की अंतरिम जमानत याचिका को छह दिसंबर के लिए सूचीबद्ध किया ताकि वह संसद सत्र में भाग ले सकें।
तिहाड़ जेल में बंद हैं इंजीनियर राशिद
राशिद लोकसभा चुनाव में बारामूला निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुने गए थे। वह 2017 के आतंकी फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद 2019 से तिहाड़ जेल में बंद हैं। एनआईए और ईडी की ओर से दर्ज किए गए मामलों में पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख और 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद, हिजबुल मुजाहिदीन के नेता सैयद सलाहुद्दीन और अन्य शामिल हैं। ईडी ने एनआईए की एफआईआर के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। इसमें उन पर सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने और कश्मीर घाटी में समस्या पैदा करने का आरोप लगाया गया था।