सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   NIA to have dedicated court in each state, UT; Delhi to have 16 special courts: Centre to SC

NIA: आतंकवाद से जुड़े मामलों का तेजी से होगा निस्तारण, सभी राज्य और UT में बनाई जाएगी NIA की विशेष अदालत

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: पवन पांडेय Updated Tue, 16 Dec 2025 06:45 PM IST
सार

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि आतंकवाद से जुड़े मामलों के तेजी से निस्तारण के लिए सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में एनआईए कोर्ट बनाई जाएगी। इस सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि जब अपराध एक राज्य में होता है और आरोपी दूसरे राज्य में चला जाता है, तो जांच और मुकदमे में देरी होती है। इसका सीधा फायदा कुख्यात अपराधियों को मिलता है, जो समाज और देश के हित में नहीं है।

विज्ञापन
NIA to have dedicated court in each state, UT; Delhi to have 16 special courts: Centre to SC
सुप्रीम कोर्ट (फाइल तस्वीर) - फोटो : ANI
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि आतंकवाद से जुड़े मामलों की तेज सुनवाई के लिए हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक समर्पित अदालत बनाई जाएगी। जहां 10 से ज्यादा एनआईए केस हैं, वहां एक से अधिक अदालतें होंगी। केंद्र ने यह जानकारी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान दी।
Trending Videos


दिल्ली में 16 विशेष अदालतें
दिल्ली सरकार ने भी कोर्ट को बताया कि राजधानी में संगठित अपराध और आतंकवाद से जुड़े मामलों के लिए 16 विशेष अदालतें बनाई जा रही हैं। ये अदालतें करीब तीन महीने में काम शुरू कर देंगी।
विज्ञापन
विज्ञापन


यह भी पढ़ें - नेशनल हेराल्ड मामला: ईडी सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ नए सिरे से दाखिल करेगी आरोप पत्र

एनसीआर के लिए सख्त कानून पर विचार
मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने केंद्र और दिल्ली सरकार से कहा कि एनसीआर (दिल्ली-एनसीआर) में अलग-अलग राज्यों के बीच अधिकार क्षेत्र की उलझन से अपराधी फायदा उठा लेते हैं। इसलिए मकोका जैसे सख्त संगठित अपराध कानून को पूरे एनसीआर में लागू करने की संभावना पर विचार किया जाए।

NIA को जांच अपने हाथ में लेने की शक्ति
न्यायमूर्ति बागची ने सुझाव दिया कि जहां अलग-अलग राज्यों में एक ही आरोपी के खिलाफ कई एफआईआर हों, वहां राष्ट्रीय जांच एजेंसी अपने कानून के तहत पूरी जांच अपने हाथ में ले सकती है, ताकि मामला तेजी से आगे बढ़े।

अदालतों के लिए अलग बजट और ढांचा
इस दौरान केंद्र ने बताया कि राज्यों के साथ बैठक के बाद तय हुआ है कि नया ढांचा, नए जज और स्टाफ नियुक्त किए जाएंगे। हर नई एनआईए अदालत के लिए करीब 1 करोड़ रुपये (बार-बार और एकमुश्त खर्च) का प्रस्ताव है। केरल जैसे राज्यों में, जहां प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े अधिक मामले हैं, एक से ज्य दा एनआईए अदालतें होंगी।

सिर्फ विशेष मामलों की रोजाना सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि ये समर्पित अदालतें सिर्फ एनआईए और विशेष क़ानूनों के मामलों की दिन-प्रतिदिन सुनवाई करेंगी। इन्हें सामान्य मामलों से बोझिल नहीं किया जाएगा।

यह भी पढ़ें - Vijay Diwas: 16 दिसंबर भारत के गौरव और स्वाभिमान का प्रतीक, बोले केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ

जनवरी 2026 में अगली सुनवाई 
कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से की गई कार्रवाई की रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई जनवरी 2026 में होगी। कोर्ट ने पहले भी जोर दिया था कि पुराने कोर्ट को विशेष घोषित करने के बजाय नई अदालतें बनाई जाएं, ताकि आम मामलों, जैसे विचाराधीन कैदी, बुज़ुर्ग, वंचित वर्ग और पारिवारिक विवाद, में देरी न हो।


विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed