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Vijay Diwas: 16 दिसंबर भारत के गौरव और स्वाभिमान का प्रतीक, बोले केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ
डिजिटल ब्यूरो ,अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अस्मिता त्रिपाठी
Updated Tue, 16 Dec 2025 06:16 PM IST
सार
केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा है कि 16 दिसंबर भारत के स्वाभिमान और गौरव का प्रतीक दिवस है। इस दिन भारत ने दुनिया के सामने अपनी सैन्य शक्ति का लोहा मनवाते हुए पाकिस्तान को करारी पराजय दी और बांग्लादेश के निर्माण का रास्ता साफ किया।
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केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ और आरएसएस नेता रामलाल।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा है कि 16 दिसंबर भारत के स्वाभिमान और गौरव का प्रतीक दिवस है। यह वह दिवस है जब भारत ने दुनिया के सामने अपनी सैन्य शक्ति का लोहा मनवाते हुए पाकिस्तान को करारी पराजय दी और बांग्लादेश के निर्माण का रास्ता साफ किया। उन्होंने कहा कि यह दिवस आने वाले समय में भारत के हर नौजवान को देश के लिए सेवा करने के लिए प्रेरित करता रहेगा।
विजय दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए संजय सेठ ने कहा कि उस युद्ध में 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों का आत्मसमर्पण हुआ, जो विश्व सैन्य इतिहास की एक अभूतपूर्व घटना है। उनके अनुसार विजय दिवस भारतीय सशस्त्र बलों के अदम्य साहस, अनुशासन और त्याग का प्रतीक है।
रक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि भारतीय सेना न केवल सीमाओं की रक्षा करती है, बल्कि 140 करोड़ नागरिकों की सुरक्षा की गारंटी भी देती है। उन्होंने सैनिकों और पूर्व सैनिकों के कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए वन रैंक, वन पेंशन और रोजगार सहायता जैसी योजनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा केवल सेना की नहीं, बल्कि पूरे देश की सामूहिक जिम्मेदारी है, और इसके लिए ‘नेशन फर्स्ट’ की भावना के साथ हर नागरिक को योगदान देना होगा।
आरएसएस नेता रामलाल ने 1971 के युद्ध में सशस्त्र बलों की ऐतिहासिक भूमिका को स्मरण करते हुए वर्तमान में भी कठिन परिस्थितियों में देश की रक्षा कर रहे सैनिकों को नमन किया। उन्होंने कहा कि विजय दिवस हर नागरिक को सैनिकों के त्याग और राष्ट्र सेवा की भावना से जुड़ने की प्रेरणा देता है।
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विजय दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए संजय सेठ ने कहा कि उस युद्ध में 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों का आत्मसमर्पण हुआ, जो विश्व सैन्य इतिहास की एक अभूतपूर्व घटना है। उनके अनुसार विजय दिवस भारतीय सशस्त्र बलों के अदम्य साहस, अनुशासन और त्याग का प्रतीक है।
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रक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि भारतीय सेना न केवल सीमाओं की रक्षा करती है, बल्कि 140 करोड़ नागरिकों की सुरक्षा की गारंटी भी देती है। उन्होंने सैनिकों और पूर्व सैनिकों के कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए वन रैंक, वन पेंशन और रोजगार सहायता जैसी योजनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा केवल सेना की नहीं, बल्कि पूरे देश की सामूहिक जिम्मेदारी है, और इसके लिए ‘नेशन फर्स्ट’ की भावना के साथ हर नागरिक को योगदान देना होगा।
आरएसएस नेता रामलाल ने 1971 के युद्ध में सशस्त्र बलों की ऐतिहासिक भूमिका को स्मरण करते हुए वर्तमान में भी कठिन परिस्थितियों में देश की रक्षा कर रहे सैनिकों को नमन किया। उन्होंने कहा कि विजय दिवस हर नागरिक को सैनिकों के त्याग और राष्ट्र सेवा की भावना से जुड़ने की प्रेरणा देता है।