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Maharashtra: 30 साल पुराने डकैती मामले में फरार नौ आरोपी बरी, अदालत ने कहा- सबूत अधूरे, साबित नहीं होते आरोप
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, ठाणे
Published by: बशु जैन
Updated Sat, 26 Jul 2025 05:45 PM IST
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सार
21 जून 1995 की तड़के तीन-चार नकाबपोश बदमाशों ने ठाणे के अंबरनाथ स्थित कार्मेल इंग्लिश स्कूल में डकैती डाली थी। मामले में नौ आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। फरार आरोपियों को पुलिस कोर्ट में पेश नहीं कर सकी। अब कोर्ट ने आरोपियों को बरी कर दिया है।

अदालत (सांकेतिक)
- फोटो : ANI
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विस्तार
महाराष्ट्र में ठाणे के एक स्कूल में 30 साल पहले डकैती डालने के मामले में जिला अदालत ने फरार नौ आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ सबूत अधूरे हैं और उनका अभी तक पता नहीं चल पाया है। अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित नहीं कर सका है।
कल्याण के जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पीआर अष्टुरकर ने आदेश में कहा कि मैंने रिकॉर्ड देखा है। पूरा रिकॉर्ड फटी हालत में है। इससे पता चलता है कि मामले को इस अदालत में सौंपे जाने के बाद से आरोपी अनुपस्थित रहे और गैर-जमानती वारंट जारी होने के बावजूद उनका पता नहीं लगाया जा सका। न्यायालय ने भी अभियुक्तों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का प्रयास किया, लेकिन व्यर्थ रहा। यहां तक कि अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप भी तय नहीं किए जा सके। अभियोजन पक्ष भी किसी गवाह की उपस्थिति सुनिश्चित नहीं कर सका, इसलिए 16 जुलाई 2025 को समापन याचिका दायर की गई।
ये भी पढ़ें: इस वजह से IRCTC ने बंद कर दी 2.5 करोड़ यूजर ID, ऐसे करे चेक आपकी आईडी भी तो नहीं हो गई ब्लॉक?
कोर्ट ने कहा कि अगर मामले को और भी लंबे समय तक लटकाए रखा जाए तो अभियोजन पक्ष के किसी गवाह की मौजूदगी की संभावना बहुत कम है। कोई भी गवाह उपलब्ध नहीं है। रिकॉर्ड में मौजूद सबूत बेकार हैं। अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ लगाए गए आरोपों को साबित करने में विफल रहा है। अभियुक्त लापता हैं। उनके ठिकाने के बारे में किसी को कुछ पता नहीं है। निकट भविष्य में उनके मिलने की कोई संभावना भी नहीं है। अभियुक्तों की मौजूदगी की उम्मीद में मामले को लटकाए रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा। यह बिना किसी नतीजे के एक निरर्थक प्रयास होगा। इसलिए, अभियुक्त बरी किए जाने के हकदार हैं।
ये भी पढ़ें: तिरुवल्लूर नाबालिग यौन उत्पीड़न मामले में पुलिस की कार्रवाई; आरोपी गिरफ्तार, कोर्ट में किया पेश
यह था मामला
अभियोजन पक्ष ने कहा कि 21 जून 1995 की तड़के तीन-चार नकाबपोश व्यक्ति अंबरनाथ स्थित कार्मेल इंग्लिश स्कूल में घुस आए। स्कूल के चौकीदार पर हमला करने और उसे बांधने के बाद उन्होंने सिस्टर्स (नन) को धमकाया और चाबियां-पैसे मांगे। बाद में वे 13000 रुपये नकद लेकर फरार हो गए। सुबह स्कूल के एक ड्राइवर ने देखा कि चौकीदार घायल पड़ा है और सिस्टर्स एक कमरे में बंद हैं। मामले में जलंदर सिंह भरत सिंह दुधानी, कबजा सिंह गुरुचरण सिंह दुधानी, संजू सिंह भगत सिंह सिकलकर, गब्बर सिंह टाक, अंगार सिंह टाक, गंगा सिंह टाक, तक्कू सिंह अजीत सिंह कल्याणी, पिस्तुल सिंह ईश्वर सिंह कल्याणी और जंजीर सिंह, मान सिंह टाक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।

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कल्याण के जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पीआर अष्टुरकर ने आदेश में कहा कि मैंने रिकॉर्ड देखा है। पूरा रिकॉर्ड फटी हालत में है। इससे पता चलता है कि मामले को इस अदालत में सौंपे जाने के बाद से आरोपी अनुपस्थित रहे और गैर-जमानती वारंट जारी होने के बावजूद उनका पता नहीं लगाया जा सका। न्यायालय ने भी अभियुक्तों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का प्रयास किया, लेकिन व्यर्थ रहा। यहां तक कि अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप भी तय नहीं किए जा सके। अभियोजन पक्ष भी किसी गवाह की उपस्थिति सुनिश्चित नहीं कर सका, इसलिए 16 जुलाई 2025 को समापन याचिका दायर की गई।
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कोर्ट ने कहा कि अगर मामले को और भी लंबे समय तक लटकाए रखा जाए तो अभियोजन पक्ष के किसी गवाह की मौजूदगी की संभावना बहुत कम है। कोई भी गवाह उपलब्ध नहीं है। रिकॉर्ड में मौजूद सबूत बेकार हैं। अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ लगाए गए आरोपों को साबित करने में विफल रहा है। अभियुक्त लापता हैं। उनके ठिकाने के बारे में किसी को कुछ पता नहीं है। निकट भविष्य में उनके मिलने की कोई संभावना भी नहीं है। अभियुक्तों की मौजूदगी की उम्मीद में मामले को लटकाए रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा। यह बिना किसी नतीजे के एक निरर्थक प्रयास होगा। इसलिए, अभियुक्त बरी किए जाने के हकदार हैं।
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यह था मामला
अभियोजन पक्ष ने कहा कि 21 जून 1995 की तड़के तीन-चार नकाबपोश व्यक्ति अंबरनाथ स्थित कार्मेल इंग्लिश स्कूल में घुस आए। स्कूल के चौकीदार पर हमला करने और उसे बांधने के बाद उन्होंने सिस्टर्स (नन) को धमकाया और चाबियां-पैसे मांगे। बाद में वे 13000 रुपये नकद लेकर फरार हो गए। सुबह स्कूल के एक ड्राइवर ने देखा कि चौकीदार घायल पड़ा है और सिस्टर्स एक कमरे में बंद हैं। मामले में जलंदर सिंह भरत सिंह दुधानी, कबजा सिंह गुरुचरण सिंह दुधानी, संजू सिंह भगत सिंह सिकलकर, गब्बर सिंह टाक, अंगार सिंह टाक, गंगा सिंह टाक, तक्कू सिंह अजीत सिंह कल्याणी, पिस्तुल सिंह ईश्वर सिंह कल्याणी और जंजीर सिंह, मान सिंह टाक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
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