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Dharmasthala Row: 'SIT कर रही है जांच, NIA की जरूरत नहीं', धर्मस्थल विवाद को लेकर बोले गृहमंत्री जी. परमेश्वर
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बंगलूरू
Published by: पवन पांडेय
Updated Tue, 02 Sep 2025 05:49 PM IST
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सार
धर्मस्थल मामले पर राज्य सरकार का रुख साफ है, इसकी जांच एसआईटी ही करेगी, जबकि ईडी जैसी एजेंसियां अपने-अपने दायरे में स्वतंत्र रूप से जांच कर सकती हैं। बता दें कि 2012 में सौजन्या के केस में 17 साल की छात्रा का अपहरण, दुष्कर्म और हत्या हुई थी। यह घटना आज भी धर्मस्थल क्षेत्र में संवेदनशील मुद्दा बनी हुई है।

जी. परमेश्वर, गृह मंत्री, कर्नाटक
- फोटो : ANI
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विस्तार
कर्नाटक के गृहमंत्री जी. परमेश्वर ने मंगलवार को साफ किया कि धर्मस्थल मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने की कोई जरूरत नहीं है। उनका कहना है कि राज्य सरकार ने पहले ही विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है और वह अपना काम कर रहा है। गृहमंत्री ने कहा, 'मैंने कई बार कहा है कि इस मामले को एनआईए को देने की आवश्यकता नहीं है। एसआईटी काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने भी यही बात दोहराई है। जांच जारी है और जब तक यह पूरी नहीं होती, किसी भी टिप्पणी से बचना चाहिए। अगर जांच में कोई खामी होती तो हम दूसरी एजेंसी को दे सकते थे, लेकिन अभी इसकी जरूरत नहीं है।'
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भाजपा की मांग और मंत्री की प्रतिक्रिया
भाजपा लगातार इस मामले में एनआईए जांच की मांग कर रही है और कांग्रेस सरकार पर निशाना साध रही है। इस पर परमेश्वर ने पलटवार करते हुए कहा, 'भाजपा हर दिन इस मुद्दे को अलग-अलग तरीके से उठा रही है। मुझे लगता है कि वे जांच को प्रभावित करना चाहते हैं।'
कैसे शुरू हुआ विवाद?
धर्मस्थल में विवाद उस समय भड़का जब शिकायतकर्ता सी.एन. चिन्नैया ने दावा किया कि बीते 20 वर्षों में कई शव, जिनमें यौन शोषण की शिकार महिलाओं के शव भी शामिल हैं, को यहां दफनाया गया। यह आरोप मंदिर प्रशासन की ओर इशारा करता था। हालांकि बाद में चिन्नैया को झूठे बयान देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इसके बावजूद, एसआईटी ने जांच के तहत नेत्रावती नदी किनारे जंगल क्षेत्रों में खुदाई की। यहां दो स्थानों पर कुछ हड्डियों के अवशेष मिले हैं।
ईडी की संभावित जांच
कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि प्रवर्तन निदेशालय कुछ एनजीओ से मिले कथित फंड और 'षड्यंत्र' की जांच कर सकता है। इस पर परमेश्वर ने कहा, 'ईडी अपनी जांच करने के लिए स्वतंत्र है। वे वित्तीय मामलों की जांच करते हैं, हम उनके दायरे को नहीं जानते। वे अपनी शर्तों के हिसाब से देखेंगे, इसमें हमें आपत्ति नहीं है।'
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भाजपा पर शिवकुमार ने लगाया आरोप
उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने आरोप लगाया था कि भाजपा इस साजिश के पीछे है। इस पर परमेश्वर ने कहा कि हो सकता है उनके पास अलग जानकारी हो। वहीं एसआईटी प्रमुख प्रणब मोहंती ने हाल ही में गृहमंत्री से मुलाकात कर जांच की जानकारी दी। एक महिला ने दावा किया है कि उसने 2012 में सौजन्या के अपहरण को देखा था। इस पर मंत्री ने कहा कि एसआईटी इस दावे की भी जांच करेगी।

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भाजपा की मांग और मंत्री की प्रतिक्रिया
भाजपा लगातार इस मामले में एनआईए जांच की मांग कर रही है और कांग्रेस सरकार पर निशाना साध रही है। इस पर परमेश्वर ने पलटवार करते हुए कहा, 'भाजपा हर दिन इस मुद्दे को अलग-अलग तरीके से उठा रही है। मुझे लगता है कि वे जांच को प्रभावित करना चाहते हैं।'
कैसे शुरू हुआ विवाद?
धर्मस्थल में विवाद उस समय भड़का जब शिकायतकर्ता सी.एन. चिन्नैया ने दावा किया कि बीते 20 वर्षों में कई शव, जिनमें यौन शोषण की शिकार महिलाओं के शव भी शामिल हैं, को यहां दफनाया गया। यह आरोप मंदिर प्रशासन की ओर इशारा करता था। हालांकि बाद में चिन्नैया को झूठे बयान देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इसके बावजूद, एसआईटी ने जांच के तहत नेत्रावती नदी किनारे जंगल क्षेत्रों में खुदाई की। यहां दो स्थानों पर कुछ हड्डियों के अवशेष मिले हैं।
ईडी की संभावित जांच
कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि प्रवर्तन निदेशालय कुछ एनजीओ से मिले कथित फंड और 'षड्यंत्र' की जांच कर सकता है। इस पर परमेश्वर ने कहा, 'ईडी अपनी जांच करने के लिए स्वतंत्र है। वे वित्तीय मामलों की जांच करते हैं, हम उनके दायरे को नहीं जानते। वे अपनी शर्तों के हिसाब से देखेंगे, इसमें हमें आपत्ति नहीं है।'
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भाजपा पर शिवकुमार ने लगाया आरोप
उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने आरोप लगाया था कि भाजपा इस साजिश के पीछे है। इस पर परमेश्वर ने कहा कि हो सकता है उनके पास अलग जानकारी हो। वहीं एसआईटी प्रमुख प्रणब मोहंती ने हाल ही में गृहमंत्री से मुलाकात कर जांच की जानकारी दी। एक महिला ने दावा किया है कि उसने 2012 में सौजन्या के अपहरण को देखा था। इस पर मंत्री ने कहा कि एसआईटी इस दावे की भी जांच करेगी।