Old Pension: केंद्र में पुरानी पेंशन की फाइलों ने पकड़ी रफ्तार! 8 दिन में NPS से OPS में आएंगे ये कर्मी-अफसर
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विस्तार
केंद्र सरकार में 'पुरानी पेंशन' लागू कराने के लिए रैलियां हो रही हैं। कर्मचारी संगठनों द्वारा सरकार को ज्ञापन सौंपे जा रहे हैं। पेंशन बहाली की मांग को लेकर अनिश्चिकालीन हड़ताल के लिए रेलवे और रक्षा विभाग में वोटिंग के जरिए कर्मियों की राय ली जा रही है। दूसरी तरफ, विभिन्न सरकारी विभागों में कुछ कर्मियों और अधिकारियों को 'पुरानी पेंशन' व्यवस्था में शामिल करने के लिए फाइलों ने भी रफ्तार पकड़ ली है। केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के पास अब महज आठ दिन बचे हैं। उक्त अवधि में ही उन्हें सभी औपचारिकताएं पूरी कर उन कर्मियों-अधिकारियों की सूची जारी करनी होगी, जिन्हें एनपीएस से ओपीएस में शामिल किया गया है।
30 नवंबर से पहले जारी होगा फाइनल ऑर्डर
भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले 'पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा इस बाबत कार्यालय ज्ञापन भी जारी किया जा चुका है। सूत्रों का कहना है कि सभी कार्यालय प्रमुखों को मौखिक तौर से बताया जा रहा है कि तय नियमों के अनुसार, जो भी कर्मचारी/अधिकारी, पुरानी पेंशन के लाभ के हकदार हैं, उनकी फाइल पूरी कर 30 नवंबर से पहले अंतिम आदेश जारी कर दिया जाए। कुछ विभागों ने इस संबंध में डीओपीटी के कार्यालय ज्ञापन के अलावा, अलग से भी पत्राचार किया है। भारतीय रेलवे, जिसमें 11 लाख से अधिक कर्मचारी हैं, वहां पर 10 नवंबर को रेलवे बोर्ड द्वारा सभी जीएम, प्रमुख वित्तीय सलाहकार, जोनल रेलवे और प्रोडेक्शन यूनिटों को उक्त आदेशों से अवगत कराया गया है। रेलवे बोर्ड ने 'पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग' द्वारा सात नवंबर को जारी कार्यालय ज्ञापन का हवाला दिया है। इसमें कहा गया है कि एनपीएस से ओपीएस में शामिल होने के विकल्प का इस्तेमाल करने वाले केंद्रीय कर्मियों के लिए प्राधिकृत अथॉरिटी द्वारा 30 नवंबर तक फाइनल आदेश जारी करना होगा। पहले इस संबंध में आवश्यक आदेश 31 अक्तूबर, 2023 तक जारी किया जाना था।
केंद्र सरकार के इन कर्मियों को मिला था विकल्प
केंद्र सरकार ने अपने सेवारत कर्मचारियों और अधिकारियों के अलावा रिटायर्ड कर्मियों को भी एनपीएस छोड़कर पुरानी पेंशन स्कीम में शामिल होने का अवसर दिया है। पहले यह विकल्प मार्च में केंद्रीय कर्मियों को प्रदान किया गया था। उसके बाद जुलाई में अखिल भारतीय सेवाओं (एआईएस) के चुनींदा अफसरों को भी यह विकल्प दे दिया गया। उसके बाद रिटायर्ड कर्मियों की तरफ से यह पूछा गया कि क्या वे भी इस विकल्प का फायदा उठा सकते हैं, तो केंद्र सरकार ने उन्हें भी एनपीएस से ओपीएस में जाने का विकल्प प्रदान कर दिया। इनके लिए अलग-अलग कट ऑफ डेट रखी गई थी। भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले 'पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा सात नवंबर को जारी कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है कि इस विकल्प का इस्तेमाल करने वाले केंद्रीय कर्मियों के लिए प्राधिकृत अथॉरिटी द्वारा अब 30 नवंबर तक फाइनल आदेश जारी कर सकती है। पहले इस संबंध में आवश्यक आदेश 31 अक्तूबर, 2023 तक जारी किया जाना था।
क्यों बढ़ाई गई कट ऑफ डेट
'पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग के पास संबंधित अथॉरिटी या नियुक्ति अथॉरिटी द्वारा इस संबंध में तय अंतिम तिथि को बढ़ाने का आग्रह किया गया था। विभिन्न विभागों की तरफ से मिले आग्रह पत्रों पर विचार करने के बाद 'पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग' द्वारा अब इस संबंध में फाइनल निर्णय लेने की कट ऑफ डेट को बढ़ाकर 30 नवंबर कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 (अब 2021) के तहत ऐसे कर्मचारियों को एनपीएस से ओपीएस में आने का विकल्प प्रदान किया था, जो 22 दिसंबर, 2003 से पहले विज्ञापित या अधिसूचित पदों के लिए केंद्र सरकार की सेवाओं में शामिल हुए थे। ऐसे कर्मियों को 31 अगस्त तक किसी एक विकल्प का चयन करने की मोहल्लत दी गई थी। ये आदेश मार्च 2023 में जारी किए गए थे। कुछ कर्मचारी ऐसे भी थे जो उक्त आदेश से पहले रिटायर हो गए। पिछले दिनों उन्होंने पूछा था कि क्या उन्हें भी अपनी सेवानिवृत्ति के पश्चात एनपीएस से ओपीएस में शामिल होने का विकल्प मिलेगा। सरकार ने कहा, वे भी ओपीएस में आ सकते हैं। बशर्तें उन्हें कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी।
22 दिसंबर 2003 से पहले पूरी हुई थी भर्ती प्रक्रिया
केंद्र सरकार के उन कर्मियों को, जो एक जनवरी 2004 को या उसके बाद सरकारी सेवा में आए थे, लेकिन उनकी भर्ती प्रक्रिया उक्त तिथि से पहले ही पूरी हो चुकी थी। इसमें पदों के विज्ञापन से लेकर भर्ती की सभी औपचारिकताएं शामिल थीं। किन्हीं कारणों से ऐसे कर्मचारी, जनवरी 2004 के बाद सेवा में आए थे। 22 दिसंबर 2003 को एनपीएस लागू होने से पहले उन कर्मियों का फाइनल रिजल्ट आ चुका था, लेकिन उन्हें ज्वाइनिंग पहली जनवरी 2004 के बाद मिली थी। ऐसे में उन्हें पुरानी पेंशन का लाभ नहीं मिल सका। उन्हें एनपीएस में शामिल कर दिया गया। केंद्रीय कर्मचारियों से बड़ी संख्या में, केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 (अब 2021) के तहत पेंशन योजना के लाभ का विस्तार करने के अनुरोध प्राप्त हुए। कर्मियों ने उच्च न्यायालयों और केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरणों की शरण ली। वहां से जब उनके पक्ष में फैसले हुए, तो केंद्र सरकार ने 3 मार्च 2023 को उन सभी कर्मियों को ओपीएस में शामिल होने का विकल्प प्रदान किया था। इसके लिए कर्मचारियों को 31 अगस्त तक अपना विकल्प देना था।
एआईएस को भी प्रदान किया गया ये विकल्प
केंद्र सरकार ने एनपीएस में शामिल चुनिंदा अखिल भारतीय सेवाओं (एआईएस) के अधिकारियों को भी पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) में शामिल होने का विकल्प प्रदान किया था। सरकार ने 13 जुलाई, 2023 को अपने एक आदेश में कहा था, ऐसे एआईएस अधिकारी, जिन्हें 22 दिसंबर, 2003 को एनपीएस की अधिसूचना से पहले विज्ञापित/अधिसूचित रिक्तियों के खिलाफ नियुक्त किया गया था। उन्हें एनपीएस में शामिल कर दिया गया। पहली जनवरी, 2004 को या उसके बाद सेवा में आए अधिकारियों को एआईएस (डीसीआरबी) नियम, 1958 के तहत पुरानी पेंशन योजना के प्रावधानों के तहत कवर करने का एकमुश्त विकल्प दिया जा सकता है। उक्त शर्त पूरी करने वाले एआईएस अधिकारी एनपीएस से ओपीएस में स्विच करने के लिए 30 नवंबर, 2023 तक अपना विकल्प दे सकते हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह विकल्प अंतिम मौका होगा।
कर्मियों को दिया गया एक बारगी विकल्प
सरकार के आदेशों में कहा गया था कि इस संबंध में विभिन्न अभ्यावेदनों/संदर्भों और अदालतों के फैसलों के प्रकाश में वित्तीय सेवा विभाग, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, व्यय विभाग और कानूनी मामलों के विभाग के परामर्श से मामले की जांच की गई है। इसके बाद अब यह निर्णय लिया गया है कि उन सभी मामलों में, जहां केंद्र सरकार के सिविल कर्मचारी को किसी रिक्त पद के खिलाफ नियुक्त किया गया है। उसकी भर्ती प्रक्रिया, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली 'एनपीएस' के लिए जारी अधिसूचना की तारीख यानी 22 दिसंबर, 2003 से पहले पूरी हो चुकी थी, मगर ज्वाइनिंग एक जनवरी, 2004 को या उसके बाद हुई है, उन सभी कर्मियों को केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 (अब 2021) के तहत कवर होने के लिए एक बारगी विकल्प दिया गया है। कर्मचारी, निर्धारित तिथि तक अगर इस विकल्प का प्रयोग नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली द्वारा कवर किया जाना जारी रहेगा। यदि सरकारी कर्मचारी केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 (अब 2021) के तहत कवरेज की शर्तों को पूरा करता है, तो इस संबंध में आवश्यक आदेश 31 अक्तूबर, 2023 तक जारी किया जाएगा। हालांकि अब इस तिथि को बढ़ाकर 30 नवंबर कर दिया गया है।
अब रिटायर्ड लोगों को मिलेगी ये सुविधा
'पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा इस संबंध में 20 अक्तूबर को कार्यालय ज्ञापन जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि कुछ ऐसे केंद्रीय कर्मी, जो अब रिटायर हो चुके हैं, उन्होंने पूछा है कि क्या वे भी ओपीएस में शामिल हो सकते हैं। क्या उक्त आदेश, उन लोगों पर भी लागू होगा, जो यह आदेश आने से पहले से ही रिटायर हो गए थे। यानी उनका रिटायरमेंट 3 मार्च 2023 से पहले हो चुका था। इस बाबत पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग का कहना है, हां, वे भी उक्त विकल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं। यहां पर ऐसे कर्मियों को कुछ शर्तों का पालन करना होगा। जैसे यदि उन्होंने रिटायरमेंट पर एनपीएस का सारा लाभ ले लिया है, तो वह वापस करना होगा। रिटायरमेंट पर एनपीएस से मिला पैसा वापस करेंगे, तो ही वे ओपीएस का लाभ तभी ले सकते हैं।