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Startup: स्वास्थ्य-तकनीक स्टार्टअप को सशक्त बनाने के लिए ओपन चैलेंज प्रोग्राम 6.0, एसटीपीआई दे रहा मदद
डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: राहुल कुमार
Updated Sat, 22 Mar 2025 08:10 PM IST
सार
इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत स्वायत्त निकाय सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) ने एसटीपीआई संगम कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में स्वास्थ्य-तकनीक स्टार्टअप को सशक्त बनाने के लिए ओपन चैलेंज प्रोग्राम 6.0 लांच किया गया है।
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ओपन चैलेंज प्रोग्राम 6.0
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के तहत स्वायत्त निकाय सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) ने शुक्रवार को भारत मंडपम कन्वेंशन सेंटर में भव्य एसटीपीआई संगम कार्यक्रम का आयोजन किया। यह एक अग्रणी पहल है जो एमईआईटीवाई की प्रमुख नेक्स्ट जेनरेशन इनक्यूबेशन स्कीम (एनजीआईएस) के तहत स्टार्टअप्स, निवेशकों, सलाहकारों और उद्योग दिग्गजों को एक साथ लेकर आई। इस कार्यक्रम ने नवाचार को बढ़ावा देने, उद्यमशीलता के उपक्रमों को गति देने और विभिन्न क्षेत्रों में तकनीकी प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए उत्प्रेरक का काम किया है। स्वास्थ्य-तकनीक स्टार्टअप को सशक्त बनाने के लिए ओपन चैलेंज प्रोग्राम 6.0 लांच किया गया है। इसके आवेदन 21 मार्च से 20 अप्रैल, 2025 तक किए जा सकते हैं। एसटीपीआई ने अभी तक 685 स्टार्टअप को मदद दी है। महिला नेतृत्व वाले 44 प्रतिशत, 685 समर्थित स्टार्टअप, 136 वित्त पोषित स्टार्ट अप से 7,000 से अधिक नौकरियों का सृजन हुआ है।
एमईआईटीवाई सचिव एस. कृष्णन ने भारत के आर्थिक भविष्य को आकार देने में स्टार्टअप की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए कहा, 'स्टार्टअप' नवाचार और आर्थिक विकास के इंजन हैं। उनकी विघटनकारी भावना, चपलता और वास्तविक दुनिया की चुनौतियों को हल करने की प्रतिबद्धता भारत के भविष्य को आकार दे रही है। एनजीआईएस जैसी पहलों और एसटीपीआई संगम जैसे मंचों के जरिए हम न केवल स्टार्टअप का समर्थन कर रहे हैं, बल्कि एक ऐसी प्रणाली बना रहे हैं, जहां विचार प्रभावशाली व्यवसायों में बदल जाते हैं। सरकार इस परिदृश्य को पोषित करने, उद्यमियों को भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने, नवाचार करने और आगे बढ़ाने में सक्षम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
एसटीपीआई के महानिदेशक अरविंद कुमार ने कहा, समावेशीपन एक मजबूत नवाचार प्रणाली की नींव है। हर स्टार्टअप, चाहे वह महानगरों से हो या छोटे शहरों से, बढ़ने के लिए एक मंच का हकदार है। एसटीपीआई के स्टार्टअप पोर्टफोलियो में 44 प्रतिशत महिला उद्यमी हैं, जिनमें से कई दूसरी (टियर-2) और तीसरी श्रेणी (टियर-3) के शहरों से आती हैं। उनकी आकांक्षाओं का पोषण करना और उन्हें आवश्यक संसाधन प्रदान करना हमारी जिम्मेदारी है। हम आज केवल स्टार्टअप की सफलता की कहानियों का सम्मान नहीं कर रहे हैं। हम यह भी विचार कर रहे हैं कि हम कैसे सुधार कर सकते हैं, अपनी नीतियों को कैसे बेहतर बना सकते हैं, अपनी पहुंच का कैसे विस्तार कर सकते हैं और कैसे यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हमारी स्टार्टअप प्रणाली अपनी पूरी क्षमता तक पहुंच सके। एनजीआईएस योजना के तहत, एसटीपीआई ने 685 स्टार्टअप की मदद की, 136 स्टार्टअप को सीड फंडिंग प्रदान की है और 7,000 से अधिक नौकरियों का सृजन किया है।
एमईआईटीवाई के संयुक्त सचिव केके सिंह ने कहा कि स्टार्टअप विकास में तेजी लाकर भारत नए अवसरों को खोल सकता है, रोजगार पैदा कर सकता है और आर्थिक आत्मनिर्भरता हासिल कर सकता है। भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम अभूतपूर्व वृद्धि देख रहा है और एसटीपीआई ने इस बदलाव को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एनजीआईएस हालात बदल देने वाली (गेम-चेंजर) संस्था रही है, जो उभरते स्टार्टअप को महत्वपूर्ण वित्त पोषण, संरक्षण और बाजार तक पहुंच प्रदान करता है। संयुक्त सचिव केके सिंह अब समय आ गया है कि इस गति को आगे बढ़ाया जाए, डीप-टेक नवाचार को प्रोत्साहित किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि दूसरी (टियर-2) और तीसरी श्रेणी (टियर-3) के शहरों में उद्यमियों को सफल होने के लिए आवश्यक समर्थन मिले।
निवेशक, बोर्ड सदस्य और वैश्विक व्यापार दिग्गज फरजाना हक ने अपने प्रेरक संबोधन में छात्रों को भविष्य के उद्यमी बनने योग्य बनाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने आत्मनिर्भरता और रोजगार सृजन की दिशा में बदलाव की वकालत की। हक ने जोर देकर कहा, उद्यमिता केवल व्यवसाय बनाना नहीं है; यह अवसर पैदा करना, आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना और भविष्य को आकार देना है। भारत वैश्विक निवेश के केंद्र में है, और हमारे स्टार्टअप में अपने नवाचार के साथ उद्योगों को फिर से परिभाषित करने की क्षमता है। हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि सही विचारों को सही समर्थन मिले। महिला उद्यमियों का समर्थन करने, छात्रों के नेतृत्व वाले नवाचारों को बढ़ावा देने और पूंजी तक पहुंच को सक्षम करने से विकास की एक नई लहर खुलेगी। मैं दुनिया का नवाचार केंद्र बनने की भारत की क्षमता में दृढ़ता से विश्वास करता हूं, और मुझे एसटीपीआई संगम में इस यात्रा का हिस्सा बनने पर गर्व है।
संगम 2025 सम्मेलन का एक मुख्य आकर्षण एसजीपीजीआईएमएस लखनऊ, एसटीपीआई, उत्तर प्रदेश सरकार, एआईएमईडी और एएमटीजेड के सहयोग से एसटीपीआई मेडटेक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई), लखनऊ के ओपन चैलेंज प्रोग्राम (ओसीपी) 6.0 का भव्य शुभारंभ था। यह बहुप्रतीक्षित पहल स्वास्थ्य-तकनीक स्टार्टअप को सशक्त बनाने के लिए डिज़ाइन की गई है, जिससे उन्हें चिकित्सा उपकरण, इलेक्ट्रॉनिकी और स्वास्थ्य सूचना विज्ञान में वास्तविक दुनिया की चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी। ओपन चैलेंज प्रोग्राम (ओसीपी) 6.0 के लिए आवेदन जमा करना 21 मार्च, 2025 से शुरू होगा, जिसकी अंतिम तिथि 20 अप्रैल, 2025 निर्धारित की गई है।
इस कार्यक्रम में एक और महत्वपूर्ण क्षण तीन समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर करना था, जो भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए रणनीतिक साझेदारी को औपचारिक रूप देते हैं। पहला समझौता ज्ञापन एसटीपीआईएनईएक्सटी इनिशिएटिव्स और सेंटर फॉर मेडिकल इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप (सीएमआईई), एम्स, नई दिल्ली के बीच आदान-प्रदान किया गया, जिसका उद्देश्य उभरते स्वास्थ्य सेवा स्टार्टअप को संरक्षण, ज्ञान-साझाकरण और समर्थन को सक्षम करते हुए चिकित्सा प्रौद्योगिकियों और डिजिटल स्वास्थ्य में नवाचार को आगे बढ़ाना था। तकनीकी उन्नति और उद्यमशीलता विकास को बढ़ावा देने के लिए एसटीपीआईएनईएक्सटी इनिशिएटिव्स और केआर मंगलम उद्यमिता एवं इनक्यूबेशन सेंटर के बीच दूसरे समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। नवाचार, डेटा गोपनीयता और डिजिटल परिवर्तन रणनीतियों का समर्थन करने वाली तकनीकी विशेषज्ञता का लाभ उठाने के लिए एसटीपीआईएनईएक्सटी इनिशिएटिव्स और नेटलिंक सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड, भोपाल के बीच तीसरे समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया।
एसटीपीआई संगम 2025 में विषयगत नवाचार शोकेस किए गए, जिसमें डीपटेक, हेल्थटेक, फिनटेक, ग्रीनटेक और एग्रीटेक जैसे विविध क्षेत्रों में अभूतपूर्व स्टार्टअप्स पर प्रकाश डाला गया। आयोजकों ने बताया, एसटीपीआई संगम 2025 एक ऐतिहासिक पहल साबित हुई, जिसने एक संपन्न स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने, तकनीकी प्रगति में तेजी लाने और इनोवेटर्स की अगली लहर को सशक्त बनाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को मजबूत किया। रणनीतिक साझेदारी, फंडिंग के अवसरों और नवाचार-संचालित सहयोग के साथ इस सम्मेलन ने भारत की उद्यमशीलता के भविष्य के लिए एक शक्तिशाली मिसाल कायम की। कार्यक्रम में निवेशक, बोर्ड सदस्य और वैश्विक व्यापार दिग्गज फरजाना हक, साइबरमीडिया के अध्यक्ष और एमडी प्रदीप गुप्ता, वाधवानी फाउंडेशन के भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के मुख्य परिचालन अधिकारी संजय शाह और वेंचर कैटालिस्ट्स++ के सह-संस्थापक डॉ. अपूर्व रंजन शर्मा, एसटीपीआई के वरिष्ठ निदेशक डॉ. संजय गुप्ता और एसटीपीआई के निदेशक सुबोध सचान उपस्थित रहे।
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एमईआईटीवाई सचिव एस. कृष्णन ने भारत के आर्थिक भविष्य को आकार देने में स्टार्टअप की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए कहा, 'स्टार्टअप' नवाचार और आर्थिक विकास के इंजन हैं। उनकी विघटनकारी भावना, चपलता और वास्तविक दुनिया की चुनौतियों को हल करने की प्रतिबद्धता भारत के भविष्य को आकार दे रही है। एनजीआईएस जैसी पहलों और एसटीपीआई संगम जैसे मंचों के जरिए हम न केवल स्टार्टअप का समर्थन कर रहे हैं, बल्कि एक ऐसी प्रणाली बना रहे हैं, जहां विचार प्रभावशाली व्यवसायों में बदल जाते हैं। सरकार इस परिदृश्य को पोषित करने, उद्यमियों को भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने, नवाचार करने और आगे बढ़ाने में सक्षम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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एसटीपीआई के महानिदेशक अरविंद कुमार ने कहा, समावेशीपन एक मजबूत नवाचार प्रणाली की नींव है। हर स्टार्टअप, चाहे वह महानगरों से हो या छोटे शहरों से, बढ़ने के लिए एक मंच का हकदार है। एसटीपीआई के स्टार्टअप पोर्टफोलियो में 44 प्रतिशत महिला उद्यमी हैं, जिनमें से कई दूसरी (टियर-2) और तीसरी श्रेणी (टियर-3) के शहरों से आती हैं। उनकी आकांक्षाओं का पोषण करना और उन्हें आवश्यक संसाधन प्रदान करना हमारी जिम्मेदारी है। हम आज केवल स्टार्टअप की सफलता की कहानियों का सम्मान नहीं कर रहे हैं। हम यह भी विचार कर रहे हैं कि हम कैसे सुधार कर सकते हैं, अपनी नीतियों को कैसे बेहतर बना सकते हैं, अपनी पहुंच का कैसे विस्तार कर सकते हैं और कैसे यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हमारी स्टार्टअप प्रणाली अपनी पूरी क्षमता तक पहुंच सके। एनजीआईएस योजना के तहत, एसटीपीआई ने 685 स्टार्टअप की मदद की, 136 स्टार्टअप को सीड फंडिंग प्रदान की है और 7,000 से अधिक नौकरियों का सृजन किया है।
एमईआईटीवाई के संयुक्त सचिव केके सिंह ने कहा कि स्टार्टअप विकास में तेजी लाकर भारत नए अवसरों को खोल सकता है, रोजगार पैदा कर सकता है और आर्थिक आत्मनिर्भरता हासिल कर सकता है। भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम अभूतपूर्व वृद्धि देख रहा है और एसटीपीआई ने इस बदलाव को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एनजीआईएस हालात बदल देने वाली (गेम-चेंजर) संस्था रही है, जो उभरते स्टार्टअप को महत्वपूर्ण वित्त पोषण, संरक्षण और बाजार तक पहुंच प्रदान करता है। संयुक्त सचिव केके सिंह अब समय आ गया है कि इस गति को आगे बढ़ाया जाए, डीप-टेक नवाचार को प्रोत्साहित किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि दूसरी (टियर-2) और तीसरी श्रेणी (टियर-3) के शहरों में उद्यमियों को सफल होने के लिए आवश्यक समर्थन मिले।
निवेशक, बोर्ड सदस्य और वैश्विक व्यापार दिग्गज फरजाना हक ने अपने प्रेरक संबोधन में छात्रों को भविष्य के उद्यमी बनने योग्य बनाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने आत्मनिर्भरता और रोजगार सृजन की दिशा में बदलाव की वकालत की। हक ने जोर देकर कहा, उद्यमिता केवल व्यवसाय बनाना नहीं है; यह अवसर पैदा करना, आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना और भविष्य को आकार देना है। भारत वैश्विक निवेश के केंद्र में है, और हमारे स्टार्टअप में अपने नवाचार के साथ उद्योगों को फिर से परिभाषित करने की क्षमता है। हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि सही विचारों को सही समर्थन मिले। महिला उद्यमियों का समर्थन करने, छात्रों के नेतृत्व वाले नवाचारों को बढ़ावा देने और पूंजी तक पहुंच को सक्षम करने से विकास की एक नई लहर खुलेगी। मैं दुनिया का नवाचार केंद्र बनने की भारत की क्षमता में दृढ़ता से विश्वास करता हूं, और मुझे एसटीपीआई संगम में इस यात्रा का हिस्सा बनने पर गर्व है।
संगम 2025 सम्मेलन का एक मुख्य आकर्षण एसजीपीजीआईएमएस लखनऊ, एसटीपीआई, उत्तर प्रदेश सरकार, एआईएमईडी और एएमटीजेड के सहयोग से एसटीपीआई मेडटेक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई), लखनऊ के ओपन चैलेंज प्रोग्राम (ओसीपी) 6.0 का भव्य शुभारंभ था। यह बहुप्रतीक्षित पहल स्वास्थ्य-तकनीक स्टार्टअप को सशक्त बनाने के लिए डिज़ाइन की गई है, जिससे उन्हें चिकित्सा उपकरण, इलेक्ट्रॉनिकी और स्वास्थ्य सूचना विज्ञान में वास्तविक दुनिया की चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी। ओपन चैलेंज प्रोग्राम (ओसीपी) 6.0 के लिए आवेदन जमा करना 21 मार्च, 2025 से शुरू होगा, जिसकी अंतिम तिथि 20 अप्रैल, 2025 निर्धारित की गई है।
इस कार्यक्रम में एक और महत्वपूर्ण क्षण तीन समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर करना था, जो भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए रणनीतिक साझेदारी को औपचारिक रूप देते हैं। पहला समझौता ज्ञापन एसटीपीआईएनईएक्सटी इनिशिएटिव्स और सेंटर फॉर मेडिकल इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप (सीएमआईई), एम्स, नई दिल्ली के बीच आदान-प्रदान किया गया, जिसका उद्देश्य उभरते स्वास्थ्य सेवा स्टार्टअप को संरक्षण, ज्ञान-साझाकरण और समर्थन को सक्षम करते हुए चिकित्सा प्रौद्योगिकियों और डिजिटल स्वास्थ्य में नवाचार को आगे बढ़ाना था। तकनीकी उन्नति और उद्यमशीलता विकास को बढ़ावा देने के लिए एसटीपीआईएनईएक्सटी इनिशिएटिव्स और केआर मंगलम उद्यमिता एवं इनक्यूबेशन सेंटर के बीच दूसरे समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। नवाचार, डेटा गोपनीयता और डिजिटल परिवर्तन रणनीतियों का समर्थन करने वाली तकनीकी विशेषज्ञता का लाभ उठाने के लिए एसटीपीआईएनईएक्सटी इनिशिएटिव्स और नेटलिंक सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड, भोपाल के बीच तीसरे समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया।
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