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अब नहीं चलेगा पाकिस्तान का प्रोपेगैंडा: DGMO की प्रेस ब्रीफिंग में खुली पड़ोसी की पोल; 10 ग्राफिक्स में देखिए
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Mon, 12 May 2025 08:44 AM IST
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सार
Armed Forces Briefing: भारत की थल सेना, नौसेना और वायु सेना के डीजीएमओ ने रविवार को ऑपरेशन सिंदूर को लेकर मीडिया को जानकारी दी। इस दौरान पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई के सबूत दिखाए गए। पाकिस्तान के नापाक इरादों की पोल भी खोली गई।

Operation Sindoor
- फोटो : Amar Ujala

विस्तार
भारत की थल सेना, नौसेना और वायु सेना के सैन्य महानिदेशकों (डीजीएमओ) ने रविवार को मीडिया को संबोधित किया। तीनों सेनाओं के अधिकारी जब प्रेस ब्रीफिंग की शुरुआत के दौरान बैकग्राउंड में शिव तांडव बज रहा था। इनके जरिए भारतीय सेना ने स्पष्ट संदेश दिया कि बुराई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एयर मार्शल एके भारती, लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, वाइस एडमिरल एएन प्रमोद और मेजर जनरल एसएस शारदा ने भारतीय सेना की कार्रवाई के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने एक-एक कर के पाकिस्तान की पोल भी खोली। आइए जानते हैं...
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सेना के अधिकारियों ने तस्वीरों के साथ विस्तार से बताया कि सैन्य कार्रवाई से पहले के हालात कैसे थे और बाद का मंजर कैसा है। उन्होंने बताया कि भारत की जवाबी कार्रवाई के डर से कुछ आतंकी ठिकाने खाली हो गए। ऑपरेशन सिंदूर के लिए सोच-विचार कर नौ आतंकी शिविरों को हमले के लिए चुना गया। 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए। नौसेना के निशाने पर कराची था।

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लेफ्टिनेंट घई ने कहा, नौ आतंकी ठिकानों पर हुए हमलों में 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए, जिनमें यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदस्सिर अहमद जैसे कुछ बड़े लक्ष्य भी शामिल थे। ये सभी आईसी814 विमान अपहरण और पुलवामा हमले में शामिल थे। इसके बाद पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) का उल्लंघन किया और उनकी बौखलाहट साफ दिखी।

आतंकियों के ठिकानों का गहराई से अध्ययन
ऑपरेशन सिंदूर को सीमा पार आतंकियों के ठिकानों के गहराई से अध्ययन के बाद अंजाम दिया गया था। आतंकी शिविरों और उनके प्रशिक्षण लेने की जगहों की पहचान की गई। कई सारे ठिकानों का पता लगाया गया। बाद में हमें पता चला कि कुछ आतंकी शिविर भारत की जवाबी कार्रवाई के डर से पहले ही खाली करा लिए गए थे। हमारी खुफिया एजेंसियों ने उन नौ आतंकी शिविरों की पुष्टि की, जहां पर आतंकी मौजूद थे।

ऑपरेशन सिंदूर को सीमा पार आतंकियों के ठिकानों के गहराई से अध्ययन के बाद अंजाम दिया गया था। आतंकी शिविरों और उनके प्रशिक्षण लेने की जगहों की पहचान की गई। कई सारे ठिकानों का पता लगाया गया। बाद में हमें पता चला कि कुछ आतंकी शिविर भारत की जवाबी कार्रवाई के डर से पहले ही खाली करा लिए गए थे। हमारी खुफिया एजेंसियों ने उन नौ आतंकी शिविरों की पुष्टि की, जहां पर आतंकी मौजूद थे।

पाकिस्तान की सेना के 35-40 जवान मारे गए
9 और 10 मई की रात को भी पाकिस्तान ने एयरफील्ड और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की कोशिश की। थलसेना और वायुसेना की समेकित वायु रक्षा प्रणाली की वजह से हर हमले को नाकाम कर दिया गया। भारत की गोलाबारी में पाकिस्तान की सेना के 35-40 जवान मारे गए।
9 और 10 मई की रात को भी पाकिस्तान ने एयरफील्ड और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की कोशिश की। थलसेना और वायुसेना की समेकित वायु रक्षा प्रणाली की वजह से हर हमले को नाकाम कर दिया गया। भारत की गोलाबारी में पाकिस्तान की सेना के 35-40 जवान मारे गए।

डीजीएमओ बातचीत को क्यों तैयार हुए?
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि हमारा उद्देश्य आतंकी शिविरों को ठिकाना बनाना था और बाद की हमारी कार्रवाई सिर्फ पाकिस्तान के उकसावे के जवाब में थी। इस वजह से पाकिस्तान के डीजीएमओ से उनकी पहल पर बातचीत की गई। हालांकि, अपेक्षित रूप से पाकिस्तान ने कुछ ही घंटों में संघर्ष विराम का उल्लंघन कर दिया। संघर्ष विराम का उल्लंघन होने पर सेना के कमांडरों को जवाब देने की खुली छूट दी गई है।
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि हमारा उद्देश्य आतंकी शिविरों को ठिकाना बनाना था और बाद की हमारी कार्रवाई सिर्फ पाकिस्तान के उकसावे के जवाब में थी। इस वजह से पाकिस्तान के डीजीएमओ से उनकी पहल पर बातचीत की गई। हालांकि, अपेक्षित रूप से पाकिस्तान ने कुछ ही घंटों में संघर्ष विराम का उल्लंघन कर दिया। संघर्ष विराम का उल्लंघन होने पर सेना के कमांडरों को जवाब देने की खुली छूट दी गई है।

'उनकी तरफ नुकसान हुआ है, जो हमने पहुंचाया'
यह पूछे जाने पर कि कितने पाकिस्तानी विमान मार गिराए गए? एयर मार्शल एके भारती ने कहा, 'उनके विमानों को हमारी सीमा में घुसने से रोका गया... निश्चित रूप से हमने कुछ विमान मार गिराए हैं... उनकी तरफ नुकसान हुआ है, जो हमने पहुंचाया है।' एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा कि क्या हम आतंकवादी शिविरों को नष्ट करने के अपने उद्देश्य में सफल हो पाए हैं? और इसका उत्तर 'हां' है और परिणाम पूरी दुनिया के सामने हैं। वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने कहा कि इस बार अगर पाकिस्तान ने कोई कार्रवाई करने की हिम्मत की तो पाकिस्तान जानता है कि हम क्या करने जा रहे हैं।
यह पूछे जाने पर कि कितने पाकिस्तानी विमान मार गिराए गए? एयर मार्शल एके भारती ने कहा, 'उनके विमानों को हमारी सीमा में घुसने से रोका गया... निश्चित रूप से हमने कुछ विमान मार गिराए हैं... उनकी तरफ नुकसान हुआ है, जो हमने पहुंचाया है।' एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा कि क्या हम आतंकवादी शिविरों को नष्ट करने के अपने उद्देश्य में सफल हो पाए हैं? और इसका उत्तर 'हां' है और परिणाम पूरी दुनिया के सामने हैं। वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने कहा कि इस बार अगर पाकिस्तान ने कोई कार्रवाई करने की हिम्मत की तो पाकिस्तान जानता है कि हम क्या करने जा रहे हैं।

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, 'मैं अपने पांच शहीद साथियों और सशस्त्र बलों के भाइयों तथा नागरिकों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में दुखद रूप से अपनी जान गंवा दी। हमारी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं... उनके बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा... हमने अब तक बहुत संयम बरता है और हमारी कार्रवाई केंद्रित, संतुलित और गैर-उग्र रही है। हालांकि, हमारे नागरिकों की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और सुरक्षा के लिए किसी भी खतरे का निर्णायक बल से सामना किया जाएगा।'

लेफ्टिनेंट घई ने कहा, पिछले 3-4 दिनों से जो गतिविधियां चल रही हैं, वह किसी युद्ध से कम नहीं हैं। सामान्य परिस्थितियों में एक-दूसरे देशों की वायु सेनाएं हवा में उड़कर एक-दूसरे पर हमला नहीं करतीं। आमतौर पर नियंत्रण रेखा के पार घुसपैठ आतंकवादियों द्वारा की जाती है। हमारे पास सूचना है कि नियंत्रण रेखा के पार घुसपैठ में पाकिस्तानी सेना भी शामिल हो सकती है, जो हमारी चौकियों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही थी।

एयर मार्शल एके भारती ने कहा कि 8 और 9 की रात साढ़े दस बजे से हमारे शहरों पर ड्रोन और यूएवी से बड़े पैमाने पर हमला किया गया, जो श्रीनगर से नलिया तक किए गए... हम तैयार थे और हमारी वायु रक्षा तैयारियों ने सुनिश्चित किया कि जमीन पर या दुश्मन द्वारा तय किसी भी लक्षित लक्ष्य को कोई नुकसान न पहुंचे। एक संतुलित प्रतिक्रिया में हमने एक बार फिर लाहौर और गुजरांवाला में सैन्य प्रतिष्ठानों, निगरानी रडार साइट को निशाना बनाया... ड्रोन हमले सुबह तक जारी रहे, जिनका हमने जवाब दिया। ड्रोन हमले लाहौर के नजदीक कहीं से किए जा रहे थे, दुश्मन ने अपने नागरिक विमानों को भी लाहौर से उड़ान भरने की अनुमति दे दी थी, न केवल उनके अपने विमान बल्कि अंतरराष्ट्रीय यात्री विमान भी, जो काफी असंवेदनशील है और हमें अत्यधिक सावधानी बरतनी पड़ी।
