{"_id":"68c5028565c1933a500cc27e","slug":"pm-modi-congratulate-nepal-interim-pm-sushila-karki-said-india-committed-to-peace-prosperity-2025-09-13","type":"story","status":"publish","title_hn":"PM Modi: पीएम मोदी ने सुशीला कार्की को दीं शुभकामनाएं, कहा- नेपाल में शांति-समृद्धि के लिए भारत समर्पित","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
PM Modi: पीएम मोदी ने सुशीला कार्की को दीं शुभकामनाएं, कहा- नेपाल में शांति-समृद्धि के लिए भारत समर्पित
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नितिन गौतम
Updated Sat, 13 Sep 2025 11:11 AM IST
सार
भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति के तहत पीएम मोदी मई 2014 में सत्ता संभालने के बाद से पांच बार नेपाल का दौरा कर चुके हैं। वहीं इस दौरान नेपाल के प्रधानमंत्रियों ने 10 बार भारत का दौरा किया।
विज्ञापन
पीएम मोदी और सुशीला कार्की को शपथ दिलाते नेपाल के राष्ट्रपति
- फोटो : पीटीआई
विज्ञापन
विस्तार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री बनने पर सुशीला कार्की को शुभकामनाएं दीं। सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा कि 'नेपाल की अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री का पद संभालने वाली माननीय सुशीला कार्की जी को हार्दिक बधाई। भारत नेपाल के भाइयों और बहनों की शांति, विकास और समृद्धि के लिए समर्पित है।'
भारत और नेपाल के गहरे संबंध
भारत और नेपाल 1751 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं और भारत के पांच राज्यों सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सीमा नेपाल से मिलती है। भारत और नेपाल के संबंध हमेशा से ही मजबूत रहे हैं और दोनों देशों के धर्म, भाषा और संस्कृति में भी काफी समानताएं हैं। भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति के तहत पीएम मोदी मई 2014 में सत्ता संभालने के बाद से पांच बार नेपाल का दौरा कर चुके हैं। वहीं इस दौरान नेपाल के प्रधानमंत्रियों ने 10 बार भारत का दौरा किया। शुक्रवार को नेपाल संसद को औपचारिक रूप से भंग कर दिया गया और 5 मार्च 2026 तक फिर से चुनाव कराना तय किया गया है।
ये भी पढ़ें- PM Modi Northeast Visit: आज मणिपुर पहुंचेंगे PM मोदी, राज्य को 8,500 करोड़ की मिलेगी सौगात; बिहार-WB भी जाएंगे
पूर्व राजदूत को उम्मीद- नेपाल में जल्द सुधरेंगे हालात
नेपाल में भारत के पूर्व राजदूत जयंत प्रसाद ने सुशीला कार्की के अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने पर कहा, 'नेपाल एक स्थिर प्रभाव की तलाश में था, और मुझे लगता है कि यह एक अच्छी बात है क्योंकि सुशीला कार्की एक स्वतंत्र और निष्पक्ष व्यक्ति के रूप में जानी जाती हैं, और वह चुनाव कराने में सक्षम होंगी, बांग्लादेश की तरह नहीं, जहां कार्यवाहक सरकार होने के बावजूद एक साल से ज़्यादा समय से कोई चुनाव नहीं हुआ है। मुझे पूरा यकीन है कि सुशीला कार्की अगले चुनावों का प्रबंधन करने में सक्षम होंगी। साल 2013 में भी, उस समय के मुख्य न्यायाधीश ने सर्वदलीय सहमति के बाद सरकार की बागडोर अपने हाथों में ली थी और चुनाव कराए थे। इसलिए यह एक बहुत ही विकट स्थिति है, और इस समय सुशीला कार्की के कार्यभार संभालने से निश्चित रूप से स्थिति स्थिर होगी।'
Trending Videos
भारत और नेपाल के गहरे संबंध
भारत और नेपाल 1751 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं और भारत के पांच राज्यों सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सीमा नेपाल से मिलती है। भारत और नेपाल के संबंध हमेशा से ही मजबूत रहे हैं और दोनों देशों के धर्म, भाषा और संस्कृति में भी काफी समानताएं हैं। भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति के तहत पीएम मोदी मई 2014 में सत्ता संभालने के बाद से पांच बार नेपाल का दौरा कर चुके हैं। वहीं इस दौरान नेपाल के प्रधानमंत्रियों ने 10 बार भारत का दौरा किया। शुक्रवार को नेपाल संसद को औपचारिक रूप से भंग कर दिया गया और 5 मार्च 2026 तक फिर से चुनाव कराना तय किया गया है।
विज्ञापन
विज्ञापन
ये भी पढ़ें- PM Modi Northeast Visit: आज मणिपुर पहुंचेंगे PM मोदी, राज्य को 8,500 करोड़ की मिलेगी सौगात; बिहार-WB भी जाएंगे
पूर्व राजदूत को उम्मीद- नेपाल में जल्द सुधरेंगे हालात
नेपाल में भारत के पूर्व राजदूत जयंत प्रसाद ने सुशीला कार्की के अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने पर कहा, 'नेपाल एक स्थिर प्रभाव की तलाश में था, और मुझे लगता है कि यह एक अच्छी बात है क्योंकि सुशीला कार्की एक स्वतंत्र और निष्पक्ष व्यक्ति के रूप में जानी जाती हैं, और वह चुनाव कराने में सक्षम होंगी, बांग्लादेश की तरह नहीं, जहां कार्यवाहक सरकार होने के बावजूद एक साल से ज़्यादा समय से कोई चुनाव नहीं हुआ है। मुझे पूरा यकीन है कि सुशीला कार्की अगले चुनावों का प्रबंधन करने में सक्षम होंगी। साल 2013 में भी, उस समय के मुख्य न्यायाधीश ने सर्वदलीय सहमति के बाद सरकार की बागडोर अपने हाथों में ली थी और चुनाव कराए थे। इसलिए यह एक बहुत ही विकट स्थिति है, और इस समय सुशीला कार्की के कार्यभार संभालने से निश्चित रूप से स्थिति स्थिर होगी।'