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PM Modi: 'असम आंदोलन का भारत के इतिहास में खास स्थान', पीएम मोदी ने स्वाहिद दिवस पर शहीदों को दी श्रद्धांजलि

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शुभम कुमार Updated Wed, 10 Dec 2025 11:55 AM IST
सार

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वाहिद दिवस पर असम आंदोलन में शहीद हुए वीरों को याद किया और उनके त्याग को सलाम किया। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। साथ ही पीएम मोदी ने केंद्र सरकार की असम की संस्कृति और विकास को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दोहराया।

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PM Modi pays tribute to martyrs on Swahid Divas Assam movement holds a special place in India history
कार्यक्रम को संबोधित करते पीएम मोदी - फोटो : एएनआई
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विस्तार
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को स्वाहिद दिवस के मौके पर असम आंदोलन में भाग लेने वाले सभी शहीदों को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री ने इस आंदोलन को भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान वाला बताया और केंद्र सरकार की असम के सांस्कृतिक और विकासात्मक सपनों को पूरा करने की प्रतिबद्धता दोहराई। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा कि आज स्वाहिद दिवस पर हम असम आंदोलन में भाग लेने वाले सभी वीरों के साहस और त्याग को याद करते हैं।

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उन्होंने कहा कि यह आंदोलन हमेशा हमारे इतिहास में प्रमुख स्थान रखेगा। हम यह दोहराते हैं कि उन लोगों के सपनों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिन्होंने असम आंदोलन में हिस्सा लिया, खासकर असम की संस्कृति को मजबूत करने और राज्य के विकास के लिए।
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सर्बानंद सोनोवाल ने भी शहीदों को दी श्रद्धांजलि
स्वाहिद दिवस के मौके पर केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने असम आंदोलन को भव्य संघर्ष बताया। साथ ही कहा कि इसका उद्देश्य राज्य की भाषा, संस्कृति, जनसांख्यिकी और अस्तित्व की रक्षा करना था। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि ऐतिहासिक असम आंदोलन एक भव्य संघर्ष था, जिसने असम की पहचान और संस्कृति की रक्षा की। इस आंदोलन ने बड़े असमी समाज को राष्ट्रीय हित में एकजुट होने की प्रेरणा दी। इस आंदोलन के दौरान 860 वीर असमी शहीद हुए और अनगिनत अन्य लोगों को उत्पीड़न और स्थायी चोटें झेलनी पड़ीं।

सोनोवाल ने कहा कि स्वाहिद दिवस पर हम उन शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। उन्होंने जो आंदोलन किया वह राष्ट्रीय चेतना, बलिदान और साहस का प्रतीक है और यह हर असमी को प्रेरित करता रहेगा कि वे एकजुट होकर अपने समाज और देश के कल्याण में योगदान दें।

स्वाहिद दिवस और इतिहास
बता दें कि स्वाहिद दिवस हर साल 10 दिसंबर को मनाया जाता है। यह उन शहीदों की स्मृति में मनाया जाता है जिन्होंने असम आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति दी। असम आंदोलन 1979 में असम स्टूडेंट्स यूनियन (एएसयू) और ऑल असम गण संघर्ष परिषद (एएएसजीपी) की तरफ से शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य बांग्लादेश से असम में आए घुसपैठियों के खिलाफ आवाज उठाना था।

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कैसे खत्म हुआ आंदोलन?
यह आंदोलन 1985 में खत्म हुआ, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने ऐतिहासिक असम समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते में अवैध प्रवासियों की पहचान सुनिश्चित करने और असम की सांस्कृतिक, सामाजिक और भाषाई पहचान व विरासत को संरक्षित, संवर्धित और सुरक्षित करने के लिए संवैधानिक, विधायी और प्रशासनिक गारंटी देने का वादा किया गया।

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