{"_id":"5d980b428ebc3e014a689c31","slug":"prime-minister-narendra-modi-visit-saudi-arabia","type":"story","status":"publish","title_hn":"डोभाल के बाद अब पीएम मोदी करेंगे सऊदी का दौरा, प्रिंस सलमान से निवेश पर होगी चर्चा","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
डोभाल के बाद अब पीएम मोदी करेंगे सऊदी का दौरा, प्रिंस सलमान से निवेश पर होगी चर्चा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अनवर अंसारी
Updated Sat, 05 Oct 2019 08:48 AM IST
विज्ञापन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान
विज्ञापन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही सऊदी अरब का दौरा करेंगे, जिस दौरान वे क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान सहित शीर्ष सऊदी नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय बैठकों का आयोजन करेंगे।
Trending Videos
अपने दौरे के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजधानी रियाद में खाड़ी राष्ट्र द्वारा आयोजित एक 'निवेश शिखर सम्मेलन' में भाग लेने की भी उम्मीद है। लेकिन पीएम मोदी के इस दौरे को लेकर अभी तक किसी भी प्रकार की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
विज्ञापन
विज्ञापन
सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल की हालिया सऊदी अरब यात्रा ने इस महीने के अंत में होने वाली प्रधानमंत्री की यात्रा के लिए जमीन तैयार की है।
डोभाल ने दौरे पर सऊदी के नेताओं के साथ द्विपक्षीय मुद्दों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के भारत के फैसले के बारे में सऊदी नेतृत्व को समझाया, जिसके बाद सऊदी ने कथित तौर पर कहा कि वह इस संबंध में भारत की स्थिति को समझता है।
इस खाड़ी देश में पीएम मोदी यह दूसरी यात्रा होगी। उन्होंने आखिरी बार 2016 में रियाद का दौरा किया था, जिसके दौरान उन्हें अब्दुल अजीज सऊद के नाम पर देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इस साल फरवरी में भारत का दौरा किया, जिस दौरान दोनों देशों ने 'रियाद घोषणा' में परिकल्पित रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए गहरी प्रतिबद्धता की पुष्टि की और चरमपंथ और आतंकवाद की भी निंदा की।
सऊदी अरब, जो दुनिया का सबसे बड़ा तेल निर्यातक है, रिफाइनिंग, ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में 100 बिलियन अमरीकी डालर का निवेश करना चाहता है। भारत इसके लिए एक सुगम स्थान हो सकता है। देश की सबसे बड़ी तेल कंपनी अरामको भी भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी कर रही है।