सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   SC asks HCs to provide details of pending acid attack trials across country

Supreme Court: 'एसिड अटैक के लंबित मामलों की जानकारी सौंपें..', शीर्ष कोर्ट का सभी उच्च न्यायालयों को निर्देश

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली। Published by: निर्मल कांत Updated Thu, 04 Dec 2025 02:12 PM IST
विज्ञापन
SC asks HCs to provide details of pending acid attack trials across country
सुप्रीम कोर्ट (फाइल तस्वीर) - फोटो : एएनआई (फाइल)
विज्ञापन
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सभी उच्च न्यायालयों को निर्देश दिया कि वे देशभर में एसिड अटैक के लंबित मामलों पर चार हफ्तों के भीतर जानकारी दें। शीर्ष कोर्ट ने दिल्ली की एक अदालत में 16 साल से लंबित एक मामले पर सख्त रुख दिया और इसे 'राष्ट्रीय शर्म' की बात कहा। 
Trending Videos


चीफ जस्टिस (सीजेआई) सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने एसिड अटैक पीड़ित शाहीन मलिक की जनहित याचिका पर यह आदेश दिया। कोर्ट ने मलिक के मामले में हुई देरी को भी 'राष्ट्रीय शर्म' बताया। यह मामला 2009 से रोहिणी अदालत में लंबित है।
विज्ञापन
विज्ञापन


ये भी पढ़ें: सेना के खिलाफ टिप्पणी का मामला, राहुल गांधी के खिलाफ ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर लगी रोक बढ़ी

बेंच ने कहा, कानून-व्यवस्था का मजाक बना दिया गया है। यह बहुत शर्मनाक है। अगर राष्ट्रीय राजधानी में भी यह हाल है, तो और जगह क्या होगा? यह राष्ट्रीय शर्म है। सीजेआई ने मलिक से कहा कि वह अपनी याचिका में यह बताएं कि उनका मामला अब तक क्यों नहीं निपटा और अदालत ने आश्वासन दिया कि वह जरूरी समझने पर खुद भी संज्ञान ले सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने सभी उच्च न्यायालयों की रजिस्ट्री से चार हफ्तों में लंबित मामलों की पूरी जानकारी मांगी है। सुनवाई के दौरान मलिक ने बताया कि कई पीड़ितों को एसिड पिलाया जाता है, जिससे उन्हें जिंदगीभर फीडिंग ट्यूब पर रहना पड़ता है और गंभीर दिव्यांगता झेलनी पड़ती हैं।

ये भी पढ़ें: कोर्ट ने याचिकाकर्ता और 10 अन्य को दी कार्तिगई दीपम जलाने की अनुमति, CISF को सुरक्षा देने का आदेश

शीर्ष कोर्ट ने केंद्र सरकार से भी जवाब मांगा कि एसिड अटैक पीड़ितों को 'दिव्यांग व्यक्ति' की श्रेणी में शामिल किया जाए, ताकि उन्हें सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने कहा कि सरकार इस मामले को गंभीरता से लेगी और दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed