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Project Cheetah: भारत में फिर से बसी चीतों की आबादी, पीएम मोदी ने कहा- चीता टूरिज्म का लुत्फ उठाएं
अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: शिवम गर्ग
Updated Fri, 05 Dec 2025 07:33 AM IST
सार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोजेक्ट चीता की सफलता पर वन्यजीव प्रेमियों को बधाई दी है। तीन साल पहले शुरू किए गए इस अभियान के तहत भारत में चीते की आबादी फिर से लौट आई है और अब देश में कुल 32 चीते हैं, जिनमें से 21 शावकों ने जन्म लिया।
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प्रोजेक्ट चीता
- फोटो : X (@narendramodi)
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विस्तार
भारत ने 2022 में प्रोजेक्ट चीता के साथ जब इस वन्य जीव को उसके प्राकृतिक आवास में फिर से बसाने के प्रयास शुरू किए तो तमाम तरह की आशंकाएं जताई गईं। शुरुआती अड़चनों के बाद चीतों के संरक्षण का यह अभियान सफल रहा और अब भारत को कई चीतों का घर होने पर गर्व भी है।
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प्रधानमंत्री ने बृहस्पतिवार को अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस पर वन्य जीव प्रेमियों को इसके लिए बधाई दी। साथ ही, देश-दुनिया के लोगों से चीता टूरिज्म का लुत्फ उठाने का आग्रह भी किया। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा तीन साल पहले शुरू किए गए प्रोजेक्ट चीता का उद्देश्य इस शानदार प्रजाति की रक्षा करना और उस पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जन्म देना है जिसमें चीते वाकई फल-फूल सके। सबसे ज्यादा खुशी की बात यह है कि आज भारत कई चीतों का घर है और इनमें से कई भारतीय धरती पर ही जन्मे हैं। उन्होंने लिखा, प्रोजेक्ट चीता इस पर्यावरणीय विरासत को पुनर्जीवित करने और हमारी जैव-विविधता को मजबूत करने का एक प्रयास भी था।
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प्रधानमंत्री ने अपनी पोस्ट में लिखा, हमारी धरती के सबसे खास जीवों में से एक चीते की रक्षा के लिए समर्पित सभी वन्यजीव प्रेमियों और संरक्षणकर्ताओं को मेरी शुभकामनाएं। अब कूनो व गांधी सागर अभयारण्य में फल-फूल रहे चीतों में कई भारत की धरती पर पैदा हुए हैं। चीता टूरिज्म लोकप्रिय होते देखना भी खुशी की बात है। मैं चाहता हूं कि दुनियाभर के वन्यजीव प्रेमियों को भारत आने और चीते को उसकी पूरी शान में देखने के लिए बढ़ावा देता हूं।
भारत में 21 शावकों ने लिया जन्म
हालांकि, विदेश से लाए गए कुछ चीते यहां के परिवेश के साथ तालमेल नहीं बैठा पाए और उनकी जान चली गई। लेकिन कुल मिलाकर इन प्रजातियों को फिर से बसाने की भारत की पहल कामयाब रही और अब तक 21 शावक जन्म ले चुके हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि भारत में जन्मी मादा मुखी ने इसी साल नवंबर में पांच स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया। भारत में 1952 में चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया गया था।
नामीबिया से 8 और साउथ अफ्रीका से लाए गए थे 12 चीते चीतों के संरक्षण के प्रयासों के तहत सितंबर 2022 में नामीबिया से आठ चीते मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क लाए गए। इसके बाद फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते यहां पहुंचे। उनकी आबादी और रहने की जगह बढ़ाने की कोशिशों और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी में मजबूती ने भारत की इन कोशिशों को नए मुकाम पर पहुंचा दिया है। दिसंबर 2025 तक भारत में चीतों की आबादी बढ़कर 32 पहुंच गई।
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