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पीडब्ल्यूसी का दावा: देश में हर दिन होंगे एक अरब यूपीआई लेनदेन, ग्रामीण इलाकों ने शहरों को पीछे छोड़ा

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली। Published by: देव कश्यप Updated Mon, 29 May 2023 06:24 AM IST
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सार

रिपोर्ट के मुताबिक, डिजिटल भुगतान में क्रांति लाने वाले यूपीआई की मदद से लेनदेन 2026-27 तक बढ़कर सालाना 379 अरब के स्तर पर पहुंच जाएगा। 2022-23 में यह आंकड़ा महज 83.71 अरब रहा था। 

PWC claims there will be one billion UPI transactions every day in India
यूपीआई (सांकेतिक तस्वीर)। - फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
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यूपीआई के जरिये लेनदेन काफी तेजी से बढ़ रहा है। आलम यह है कि 2026-27 तक देश में हर दिन एक अरब यूपीआई लेनदेन होंगे। पीडब्ल्यूसी इंडिया ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि यूपीआई लेनदेन में वृद्धि के साथ इस अवधि तक कुल डिजिटल लेनदेन में इसकी हिस्सेदारी बढ़कर 90 फीसदी पहुंच जाएगी। 2022-23 में यह हिस्सा 75 फीसदी रहा था।

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रिपोर्ट के मुताबिक, डिजिटल भुगतान में क्रांति लाने वाले यूपीआई की मदद से लेनदेन 2026-27 तक बढ़कर सालाना 379 अरब के स्तर पर पहुंच जाएगा। 2022-23 में यह आंकड़ा महज 83.71 अरब रहा था। रिपोर्ट के मुताबिक, मात्रा के लिहाज से भारतीय डिजिटल भुगतान बाजार सालाना 50 फीसदी की दर से आगे बढ़ रहा है। 2026-27 में डिजिटल लेनदेन की संख्या बढ़कर 411 अरब के स्तर पर पहुंच जाएगी। 2022-23 में 103 अरब लेनदेन डिजिटल तरीके से हुए थे। अगले चार-पांच वर्षों में भारत में डिजिलट भुगतान के पारिस्थितिकी तंत्र में काफी बदलाव देखने को मिलेगा। इससे यूपीआई क्रांति को और रफ्तार मिलेगी।
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क्रेडिट कार्ड से भुगतान में आएगी तेजी
पीडब्ल्यूसी के मुताबिक, क्रेडिट कार्ड श्रेणी में बेहतर तेजी दिख रही है। आने वाले वर्षों में क्रेडिट कार्ड से लेनदेन की संख्या डेबिट कार्ड से अधिक पहुंचने की उम्मीद है। अगले पांच साल तक क्रेडिट कार्ड जारी करने की रफ्तार बढ़कर सालाना 21 फीसदी पहुंच जाएगी। 

ग्रामीण इलाकों ने शहरों को पीछे छोड़ा
एसबीआई ने हाल ही में एक रिपोर्ट में कहा, यूपीआई से लेनदेन में गांवों ने शहरों को पीछे छोड़ दिया है। 2022-23 में मूल्य के लिहाज से यूपीआई भुगतान में गांवों का हिस्सा बढ़कर 25 फीसदी पहुंच गया। शहरों की हिस्सेदारी 20 फीसदी रही। 

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