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Rahul on MGNREGA: राहुल गांधी का मोदी सरकार पर बड़ा हमला, कहा- 20 साल का मनरेगा एक दिन में ध्वस्त
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नितिन गौतम
Updated Fri, 19 Dec 2025 11:28 AM IST
सार
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मनरेगा कानून की जगह लाए गए नए विधेयक विकसित भारत जी राम जी को गांव विरोधी करार देते हुए केंद्र सरकार पर सीधा हमला बोला है। राहुल गांधी का आरोप है कि अधिकार और मांग आधारित गारंटी को खत्म कर दिया गया है और नए विधेयक को दिल्ली से नियंत्रित किया जा सकता है।
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राहुल गांधी
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने विकसित भारत जी राम जी विधेयक को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ने 20 साल के मनरेगा को एक दिन में खत्म कर दिया। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार ने विकसित भारत जी राम जी विधेयक को बिना ठीक से जांच पड़ताल किए संसद से पारित करवा दिया।
राहुल गांधी ने विकसित भारत जी राम जी विधेयक को गांव विरोधी करार दिया
राहुल गांधी ने मनरेगा की जगह लाए गए नए विधेयक विकसित भारत जी राम जी को गांव विरोधी करार दिया और कहा 'पीएम मोदी के लक्ष्य साफ हैं, ग्रामीण भारत, खासकर पिछड़े वर्ग की ताकत को कमजोर करना, सत्ता का केंद्रीकरण करना और फिर नारों को सुधार के तौर पर बेचना।' सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में राहुल गांधी ने लिखा, 'बीती रात मोदी सरकार ने 20 साल के मनरेगा को एक दिन में ध्वस्त कर दिया। इसने अधिकार आधारित, मांग आधारित गारंटी को खत्म कर दिया है और इसे एक राशन वाली योजना में बदल दिया है, जिसे दिल्ली से कंट्रोल किया जा सकता है। यह डिजाइन से ही राज्य विरोधी और गांव विरोधी है।'
ये भी पढ़ें- G RAM G Bill 2025: जी राम जी बिल के विरोध में आधी रात को धरने पर बैठा विपक्ष, संविधान सदन के बाहर डाला डेरा
मनरेगा कानून से शोषण और पलायन कम हुआ
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने यह भी कहा कि मनरेगा ने ग्रामीण मजदूरों को मोलभाव करने की ताकत दी। उन्होंने कहा, 'असली विकल्पों के साथ, शोषण और मजबूरी में पलायन कम हुआ, मजदूरी बढ़ी, काम करने की स्थिति में सुधार हुआ, और साथ ही ग्रामीण बुनियादी ढांचे का निर्माण और सुधार हुआ। यह सरकार ठीक उसी ताकत को तोड़ना चाहती है।' उन्होंने कहा कि काम को सीमित करके और इसे मना करने के और तरीके बनाकर विकसित भारत जी राम जी विधेयक ग्रामीण गरीबों के पास मौजूद एकमात्र हथियार को कमजोर करता है।
गांधी ने दावा किया, 'हमने देखा कि कोविड के दौरान मनरेगा का क्या मतलब था। जब अर्थव्यवस्था बंद हो गई और लोगों की आजीविका खत्म हो गई, तो मनरेगा ने करोड़ों लोगों को भूख और कर्ज में डूबने से बचाया।' कांग्रेस नेता ने दावा किया कि इसने महिलाओं की सबसे ज़्यादा मदद की। साल दर साल, महिलाओं के काम के दिनों में बढ़ोतरी हुई।
विकसित भारत जी राम जी विधेयक को जबरदस्ती पारित कराने का लगाया आरोप
नए विधेयक की आलोचना करते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'सबसे बड़ी बात यह है कि इस कानून को बिना ठीक से जांच-पड़ताल के संसद में जबरदस्ती पास कर दिया गया। बिल को स्टैंडिंग कमेटी में भेजने की विपक्ष की मांग को खारिज कर दिया गया। एक ऐसा कानून जो ग्रामीण सामाजिक अनुबंध को बदलता है, जो करोड़ों मजदूरों को प्रभावित करता है, उसे कभी भी गंभीर कमेटी जांच, विशेषज्ञ सलाह और सार्वजनिक सुनवाई के बिना जबरदस्ती पास नहीं किया जाना चाहिए।'
केंद्र सरकार पर राहुल गांधी ने लगाए गंभीर आरोप
राहुल गांधी ने कहा, 'पीएम मोदी के लक्ष्य साफ हैं: मजदूरों को कमजोर करना, ग्रामीण भारत, खासकर दलितों, ओबीसी और आदिवासियों की ताकत को कमजोर करना, सत्ता का केंद्रीकरण करना, और फिर नारों को सुधार के रूप में बेचना।' कांग्रेस नेता ने कहा, 'मनरेगा दुनिया के सबसे सफल गरीबी उन्मूलन और सशक्तिकरण कार्यक्रमों में से एक था। हम इस सरकार को ग्रामीण गरीबों की आखिरी सुरक्षा पंक्ति को नष्ट नहीं करने देंगे। हम इस कदम को हराने के लिए मजदूरों, पंचायतों और राज्यों के साथ खड़े होंगे और यह सुनिश्चित करने के लिए देशव्यापी मोर्चा बनाएंगे कि यह कानून वापस लिया जाए।'
गुरुवार रात को संसद ने विपक्ष के जोरदार विरोध के बीच विकसित भारत जी राम जी (विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)) विधेयक को पारित कर दिया, जो 20 साल पुराने मनरेगा कानून की जगह लेगा। नया विधेयक हर साल 125 दिनों की ग्रामीण मजदूरी रोजगार की गारंटी देता है। विपक्ष ने मौजूदा ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाने का कड़ा विरोध किया और केंद्र सरकार पर राज्यों पर वित्तीय बोझ डालने का आरोप लगाया।
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राहुल गांधी ने विकसित भारत जी राम जी विधेयक को गांव विरोधी करार दिया
राहुल गांधी ने मनरेगा की जगह लाए गए नए विधेयक विकसित भारत जी राम जी को गांव विरोधी करार दिया और कहा 'पीएम मोदी के लक्ष्य साफ हैं, ग्रामीण भारत, खासकर पिछड़े वर्ग की ताकत को कमजोर करना, सत्ता का केंद्रीकरण करना और फिर नारों को सुधार के तौर पर बेचना।' सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में राहुल गांधी ने लिखा, 'बीती रात मोदी सरकार ने 20 साल के मनरेगा को एक दिन में ध्वस्त कर दिया। इसने अधिकार आधारित, मांग आधारित गारंटी को खत्म कर दिया है और इसे एक राशन वाली योजना में बदल दिया है, जिसे दिल्ली से कंट्रोल किया जा सकता है। यह डिजाइन से ही राज्य विरोधी और गांव विरोधी है।'
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मनरेगा कानून से शोषण और पलायन कम हुआ
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने यह भी कहा कि मनरेगा ने ग्रामीण मजदूरों को मोलभाव करने की ताकत दी। उन्होंने कहा, 'असली विकल्पों के साथ, शोषण और मजबूरी में पलायन कम हुआ, मजदूरी बढ़ी, काम करने की स्थिति में सुधार हुआ, और साथ ही ग्रामीण बुनियादी ढांचे का निर्माण और सुधार हुआ। यह सरकार ठीक उसी ताकत को तोड़ना चाहती है।' उन्होंने कहा कि काम को सीमित करके और इसे मना करने के और तरीके बनाकर विकसित भारत जी राम जी विधेयक ग्रामीण गरीबों के पास मौजूद एकमात्र हथियार को कमजोर करता है।
गांधी ने दावा किया, 'हमने देखा कि कोविड के दौरान मनरेगा का क्या मतलब था। जब अर्थव्यवस्था बंद हो गई और लोगों की आजीविका खत्म हो गई, तो मनरेगा ने करोड़ों लोगों को भूख और कर्ज में डूबने से बचाया।' कांग्रेस नेता ने दावा किया कि इसने महिलाओं की सबसे ज़्यादा मदद की। साल दर साल, महिलाओं के काम के दिनों में बढ़ोतरी हुई।
विकसित भारत जी राम जी विधेयक को जबरदस्ती पारित कराने का लगाया आरोप
नए विधेयक की आलोचना करते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'सबसे बड़ी बात यह है कि इस कानून को बिना ठीक से जांच-पड़ताल के संसद में जबरदस्ती पास कर दिया गया। बिल को स्टैंडिंग कमेटी में भेजने की विपक्ष की मांग को खारिज कर दिया गया। एक ऐसा कानून जो ग्रामीण सामाजिक अनुबंध को बदलता है, जो करोड़ों मजदूरों को प्रभावित करता है, उसे कभी भी गंभीर कमेटी जांच, विशेषज्ञ सलाह और सार्वजनिक सुनवाई के बिना जबरदस्ती पास नहीं किया जाना चाहिए।'
केंद्र सरकार पर राहुल गांधी ने लगाए गंभीर आरोप
राहुल गांधी ने कहा, 'पीएम मोदी के लक्ष्य साफ हैं: मजदूरों को कमजोर करना, ग्रामीण भारत, खासकर दलितों, ओबीसी और आदिवासियों की ताकत को कमजोर करना, सत्ता का केंद्रीकरण करना, और फिर नारों को सुधार के रूप में बेचना।' कांग्रेस नेता ने कहा, 'मनरेगा दुनिया के सबसे सफल गरीबी उन्मूलन और सशक्तिकरण कार्यक्रमों में से एक था। हम इस सरकार को ग्रामीण गरीबों की आखिरी सुरक्षा पंक्ति को नष्ट नहीं करने देंगे। हम इस कदम को हराने के लिए मजदूरों, पंचायतों और राज्यों के साथ खड़े होंगे और यह सुनिश्चित करने के लिए देशव्यापी मोर्चा बनाएंगे कि यह कानून वापस लिया जाए।'
गुरुवार रात को संसद ने विपक्ष के जोरदार विरोध के बीच विकसित भारत जी राम जी (विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)) विधेयक को पारित कर दिया, जो 20 साल पुराने मनरेगा कानून की जगह लेगा। नया विधेयक हर साल 125 दिनों की ग्रामीण मजदूरी रोजगार की गारंटी देता है। विपक्ष ने मौजूदा ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाने का कड़ा विरोध किया और केंद्र सरकार पर राज्यों पर वित्तीय बोझ डालने का आरोप लगाया।