सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   Railway Minister Ashwini Vaishnaw said Lapses in signalling circuit alteration caused Odisha train accident

Odisha Train Accident: सरकार ने संसद में बताई हादसे की वजह, सिग्नलिंग सर्किट में गड़बड़ी से हुई दुर्घटना

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली। Published by: देव कश्यप Updated Sat, 22 Jul 2023 10:14 AM IST
सार

वैष्णव ने बताया कि 16 जुलाई तक, प्रत्येक मृतक के परिजनों को 10-10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2-2 लाख रुपये और मामूली चोट के लिए प्रत्येक यात्री को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि के रूप में 29.49 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।

विज्ञापन
Railway Minister Ashwini Vaishnaw said Lapses in signalling circuit alteration caused Odisha train accident
ओडिशा रेल दुर्घटना - फोटो : सोशल मीडिया
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को राज्यसभा को बताया कि 'सिग्नलिंग-सर्किट-परिवर्तन' में चूक के कारण गलत सिग्नल दिया गया और इसी वजह से दो जून को ओडिशा के बालासोर जिले में दुखद ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना हुई। इस हादसे में 295 लोगों की जान चली गई थी। अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में कहा कि रेलवे में पिछले पांच साल में सिग्नल फेल होने के 13 मामले सामने आए हैं, लेकिन इंटरलॉकिंग सिग्नल प्रणाली में खराबी के कारण कोई घटना नहीं हुई। रेल मंत्री वैष्णव ने दो जून को ओडिशा के बालासोर में हुई रेल दुर्घटना को लेकर विभिन्न सदस्यों के सवालों के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।

Trending Videos


पहली बार रेलवे सुरक्षा आयुक्त की रिपोर्ट से विवरण साझा करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, सिग्नल सर्किट-परिवर्तन में चूक के कारण और इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर के प्रतिस्थापन से संबंधित सिग्नलिंग कार्य के निष्पादन के दौरान पीछे से टक्कर हुई थी। इन खामियों के कारण ट्रेन संख्या 12841 को गलत सिग्नल दिया गया। जिसमें यूपी होम सिग्नल ने स्टेशन की यूपी मुख्य लाइन पर रन-थ्रू मूवमेंट के लिए हरे रंग का संकेत दिया, लेकिन यूपी मुख्य लाइन को यूपी लूप लाइन (क्रॉसओवर 17 ए/बी) से जोड़ने वाले क्रॉसओवर को यूपी लूप लाइन पर सेट किया गया था; गलत सिग्नलिंग के परिणामस्वरूप ट्रेन नंबर 12841 यूपी लूप लाइन पर चली गई और अंततः वहां खड़े मालगाड़ी (नंबर एन/डीडीआईपी) के साथ पीछे से टक्कर हो गई। मंत्री राज्यसभा में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता जॉन ब्रिटास और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह के सवालों का जवाब दे रहे थे।
विज्ञापन
विज्ञापन


बता दें कि दो जून को हुई दुखद ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना में चेन्नई जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस, हावड़ा जाने वाली शालीमार एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी शामिल थी। वैष्णव ने कहा कि 295 यात्रियों की जान चली गई, जबकि 176 को गंभीर चोटें आईं, 451 को साधारण चोटें आईं और 180 को प्राथमिक उपचार मिला और वे घर चले गए।

41 लोगों के अवशेषों की अभी तक नहीं हो सकी पहचान
उन्होंने एक अलग प्रश्न के उत्तर में कहा, पिछले पांच साल में सिग्नल फेल होने के 13 मामले सामने आए हैं। उन्होंने सदन को सूचित किया कि बालासोर दुर्घटना में मारे गए 41 लोगों के अवशेषों की अभी तक पहचान नहीं हो सकी है। उन्होंने कहा कि अज्ञात यात्रियों के शव एम्स, भुवनेश्वर में चिकित्सकीय रूप से निर्धारित तरीके से रखे गए हैं और सीएफएसएल, नई दिल्ली में विश्लेषण के लिए उनके डीएनए नमूने लिए गए हैं।

विभागीय जांच समिति और रेलवे सुरक्षा आयुक्त दुर्घटना के कारणों की जांच करने वाली मुख्य एजेंसियां हैं। वैष्णव ने सदन को यह भी बताया कि 16 जुलाई तक प्रत्येक मृतक के परिजनों को 10-10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2-2 लाख रुपये और मामूली चोट के लिए प्रत्येक यात्री को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि के रूप में 29.49 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा कि 13 जुलाई तक रेलवे दावा न्यायाधिकरण की विभिन्न पीठों में 258 दावे प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 51 दावों का निपटारा कर दिया गया है।

मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा, पिछले पांच साल में इंटरलॉकिंग सिग्नल प्रणाली में खराबी के कारण कोई घटना नहीं हुई है... किसी भी विशेषज्ञ ने रेलवे की इंटरलॉकिंग सिग्नल प्रणाली में कोई खामी नहीं बताई है।

1465 रूट किलोमीटर पर 'कवच' तैनात
राज्यसभा को यह भी बताया गया कि स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली 'कवच' अब तक दक्षिण मध्य रेलवे में 1,465 रूट किमी और 121 लोकोमोटिव (इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट रेक सहित) पर तैनात की गई है। दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा कॉरिडोर (लगभग 3,000 रूट किमी) के लिए कवच टेंडर दिए गए हैं और इन मार्गों पर काम जारी है। उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे अन्य 6,000 किमी के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट और विस्तृत अनुमान तैयार कर रहा है। कवच कार्यान्वयन पर अब तक खर्च की गई राशि 351.91 करोड़ रुपये है। कवच के स्टेशन उपकरण सहित ट्रैक साइड के प्रावधान की लागत लगभग 50 लाख रुपये प्रति किमी है और इंजन पर कवच उपकरण के प्रावधान की लागत लगभग 70 लाख रुपये प्रति इंजन है। उन्होंने कहा कि कवच की क्षमता बढ़ाने और कार्यान्वयन को बढ़ाने के लिए और अधिक वेंडर्स को विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। वैष्णव ने यह भी कहा कि 2017-18 से 2021-22 तक राष्ट्रीय रेल संरक्षण कोष (RRSK) के कार्यों पर 1.08 लाख करोड़ रुपये खर्च हुआ।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed