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Maharashtra: 'बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा के लिए करें हस्तक्षेप', धार्मिक नेता रामगिरी की केंद्र से मांग
न्यूज डेस्क, अमर उजाला
Published by: पवन पांडेय
Updated Tue, 10 Dec 2024 04:15 PM IST
सार
बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार से मांग की गई है। ये मांग धार्मिक नेता रामगिरी महाराज की तरफ से की गई है। बता दें कि, बांग्लादेश में जुलाई-अगस्त से जारी हिंसा में ज्यादातार हिंदुओं को निशाना बनाया गया है।
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रामगिरी महाराज, धर्मगुरु
- फोटो : ANI
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विस्तार
धार्मिक नेता रामगिरी महाराज ने मंगलवार को बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए केंद्र सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने हिंदू समुदाय से जाति समूहों में न बंटने और एकजुट रहने की भी अपील की है। महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिला कलेक्ट्रेट में प्रदर्शनकारियों की एक सभा को संबोधित करते हुए रामगिरी महाराज ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों के खिलाफ तुरंत बड़ा कदम उठाने की जरूरत है। बता दें कि, ये प्रदर्शन सकल हिंदू जनजागरण समिति की तरफ से आयोजित किया गया था।
'बांग्लादेश में हिंदू अत्याचारों के कारण पीड़ित हैं'
इस दौरान धार्मिक नेता रामगिरी महाराज ने कहा, 'बांग्लादेश में हिंदू अत्याचारों के कारण पीड़ित हैं। यहां तक कि हिंदू महिलाओं को भी नहीं बख्शा जा रहा है। मंदिरों और बुद्ध विहारों में तोड़फोड़ की जा रही है। सनातन धर्म किसी भी समुदाय से नफरत नहीं करता है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान इस्कॉन ने बांग्लादेश के लोगों को भोजन कराया, लेकिन अब वे संगठन के खिलाफ हो गए हैं।
हिंदुओं पर अत्याचार बंद होना चाहिए- रामगिरी
रामगिरी महाराज ने आगे कहा कि, 'कुछ मतलबी लोग सड़कों पर उतर रहे हैं। वे भारतीय संविधान पर विश्वास करने का आह्वान कर रहे हैं। अगर ऐसा है तो 'सर तन से जुदा' जैसे नारे क्यों लगाए जा रहे हैं?उन्होंने कहा कि हिंदुओं को जातियों में नहीं बांटा जाना चाहिए। सरकार को बांग्लादेश में अन्याय और अत्याचार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। अगर सरकार ऐसे फैसले नहीं ले सकती तो समुदाय को आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा, हिंदुओं पर अत्याचार बंद होना चाहिए।
सभी को अपने पसंद का धर्म अपनाने की स्वतंत्रता- रामगिरी
रामगिरी महाराज ने कहा कि हर किसी को अपनी पसंद का धर्म अपनाने की स्वतंत्रता है। इस साल की शुरुआत में हिंदू संत ने पैगंबर मोहम्मद और इस्लाम के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर विवाद खड़ा कर दिया था, जिसके कारण पूरे महाराष्ट्र में उनके खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए थे। इस बीच, मंगलवार को मराठवाड़ा क्षेत्र के नांदेड़ और परभणी शहरों और बीड जिले के कुछ गांवों में बांग्लादेश की स्थिति को लेकर प्रदर्शन हुए। शिवसेना विधायक बालाजी कल्याणकर नांदेड़ में एक हिंदू संगठन की तरफ से आयोजित प्रदर्शन में शामिल हुए। बीड जिले के परली शहर और परभणी शहर में शांतिपूर्ण बंद रहा।
बांग्लादेश में मानवाधिकारों का उल्लंघन दुर्भाग्यपूर्ण- राधारमण दास
इधर पश्चिम बंगाल में इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने कहा कि, 'आज मानवाधिकार दिवस है। बांग्लादेश में मानवाधिकारों का उल्लंघन दुर्भाग्यपूर्ण है। हमें उम्मीद है कि संयुक्त राष्ट्र जागेगा और देखेगा कि बांग्लादेश में क्या हो रहा है। बहुत सारे चरमपंथी नरसंहार का खुला आह्वान कर रहे हैं। भारत सरकार प्रयास कर रही है। विक्रम मिसरी भी कल वहां गए थे, लेकिन बांग्लादेश सरकार को ही ऐसे चरमपंथियों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी।
बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम
बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर मंगलवार को सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये। पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों को कथित तौर पर निशाना बनाये जाने के खिलाफ नागरिक समाज के सदस्यों ने विरोध जुलूस का आह्वान किया था। अधिकारियों ने बताया कि विरोध-प्रदर्शन के कारण यातायात बाधित हुआ और यात्रियों को असुविधा हुई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'हमने विरोध जुलूस के मद्देनजर बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर सुरक्षा बढ़ाई है। किसी को भी कानून-व्यवस्था का उल्लंघन करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।' 'दिल्ली सिविल सोसाइटी' और कई अन्य संगठनों ने पड़ोसी देश में हिंदुओं पर कथित अत्याचार के विरोध में बांग्लादेश उच्चायोग तक जुलूस का आह्वान किया था।
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'बांग्लादेश में हिंदू अत्याचारों के कारण पीड़ित हैं'
इस दौरान धार्मिक नेता रामगिरी महाराज ने कहा, 'बांग्लादेश में हिंदू अत्याचारों के कारण पीड़ित हैं। यहां तक कि हिंदू महिलाओं को भी नहीं बख्शा जा रहा है। मंदिरों और बुद्ध विहारों में तोड़फोड़ की जा रही है। सनातन धर्म किसी भी समुदाय से नफरत नहीं करता है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान इस्कॉन ने बांग्लादेश के लोगों को भोजन कराया, लेकिन अब वे संगठन के खिलाफ हो गए हैं।
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हिंदुओं पर अत्याचार बंद होना चाहिए- रामगिरी
रामगिरी महाराज ने आगे कहा कि, 'कुछ मतलबी लोग सड़कों पर उतर रहे हैं। वे भारतीय संविधान पर विश्वास करने का आह्वान कर रहे हैं। अगर ऐसा है तो 'सर तन से जुदा' जैसे नारे क्यों लगाए जा रहे हैं?उन्होंने कहा कि हिंदुओं को जातियों में नहीं बांटा जाना चाहिए। सरकार को बांग्लादेश में अन्याय और अत्याचार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। अगर सरकार ऐसे फैसले नहीं ले सकती तो समुदाय को आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा, हिंदुओं पर अत्याचार बंद होना चाहिए।
सभी को अपने पसंद का धर्म अपनाने की स्वतंत्रता- रामगिरी
रामगिरी महाराज ने कहा कि हर किसी को अपनी पसंद का धर्म अपनाने की स्वतंत्रता है। इस साल की शुरुआत में हिंदू संत ने पैगंबर मोहम्मद और इस्लाम के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर विवाद खड़ा कर दिया था, जिसके कारण पूरे महाराष्ट्र में उनके खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए थे। इस बीच, मंगलवार को मराठवाड़ा क्षेत्र के नांदेड़ और परभणी शहरों और बीड जिले के कुछ गांवों में बांग्लादेश की स्थिति को लेकर प्रदर्शन हुए। शिवसेना विधायक बालाजी कल्याणकर नांदेड़ में एक हिंदू संगठन की तरफ से आयोजित प्रदर्शन में शामिल हुए। बीड जिले के परली शहर और परभणी शहर में शांतिपूर्ण बंद रहा।
बांग्लादेश में मानवाधिकारों का उल्लंघन दुर्भाग्यपूर्ण- राधारमण दास
इधर पश्चिम बंगाल में इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने कहा कि, 'आज मानवाधिकार दिवस है। बांग्लादेश में मानवाधिकारों का उल्लंघन दुर्भाग्यपूर्ण है। हमें उम्मीद है कि संयुक्त राष्ट्र जागेगा और देखेगा कि बांग्लादेश में क्या हो रहा है। बहुत सारे चरमपंथी नरसंहार का खुला आह्वान कर रहे हैं। भारत सरकार प्रयास कर रही है। विक्रम मिसरी भी कल वहां गए थे, लेकिन बांग्लादेश सरकार को ही ऐसे चरमपंथियों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी।
#WATCH | West Bengal: ISKCON Kolkata Vice President Radharaman Das says, "Today is the Human Rights Day. The violation of human rights in Bangladesh is unfortunate... We hope that the United Nations wakes up and sees what is happening in Bangladesh. A lot of extremists are giving… pic.twitter.com/7UfPECWhFI
— ANI (@ANI) December 10, 2024
बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम
बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर मंगलवार को सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये। पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों को कथित तौर पर निशाना बनाये जाने के खिलाफ नागरिक समाज के सदस्यों ने विरोध जुलूस का आह्वान किया था। अधिकारियों ने बताया कि विरोध-प्रदर्शन के कारण यातायात बाधित हुआ और यात्रियों को असुविधा हुई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'हमने विरोध जुलूस के मद्देनजर बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर सुरक्षा बढ़ाई है। किसी को भी कानून-व्यवस्था का उल्लंघन करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।' 'दिल्ली सिविल सोसाइटी' और कई अन्य संगठनों ने पड़ोसी देश में हिंदुओं पर कथित अत्याचार के विरोध में बांग्लादेश उच्चायोग तक जुलूस का आह्वान किया था।