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BRS: 'फॉर्मूला-ई रेस विवाद में किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार', केटी रामा राव का बड़ा दावा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला Published by: पवन पांडेय Updated Thu, 14 Nov 2024 08:30 PM IST
सार

BRS: नगर निगम मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कैबिनेट की मंजूरी के बिना फॉर्मूला-ई रेसिंग कंपनी को 55 करोड़ रुपये हस्तांतरित करने के आरोपों का जवाब देते हुए केटी रामा राव ने कहा, मैं किसी भी जांच के लिए तैयार हूं।
 

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Ready to face any probe into Formula-E race controversy: KT Rama Rao, News in hindi
केटी. रामा राव, कार्यकारी अध्यक्ष, बीआरएस - फोटो : ANI
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विस्तार
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भारत राष्ट्र समिति के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने गुरुवार को दावा किया कि उनकी पार्टी से लोगों का पलायन रुक गया है और उन्होंने तेलंगाना में सत्तारूढ़ कांग्रेस को अपना मुख्य प्रतिद्वंद्वी बताया, इसके साथ ही उन्होंने फॉर्मूला-ई रेस विवाद में किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार होने की बात भी कही।
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किसी भी जांच के लिए तैयार हूं- केटीआर
नगर निगम मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कैबिनेट की मंजूरी के बिना फॉर्मूला-ई रेसिंग कंपनी को 55 करोड़ रुपये हस्तांतरित करने के आरोपों का जवाब देते हुए केटी रामा राव ने कहा, मैं किसी भी जांच के लिए तैयार हूं।
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'कांग्रेस सरकार के चुनावी वादा ध्यान भटकाने वाला खेल'
केटीआर के नाम से मशहूर केटी रामा राव ने जांच को कांग्रेस सरकार की तरफ से अधूरे चुनावी वादों से ध्यान हटाने के लिए खेला गया ध्यान भटकाने वाला खेल करार दिया। अपने पिता और तेलंगाना विधानसभा में विपक्ष के नेता के चंद्रशेखर राव की सदन से अनुपस्थिति के बारे में अटकलों को खारिज करते हुए केटीआर ने कहा: फिलहाल, हम उनसे (मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी) निपटने के लिए पर्याप्त हैं। समय आने पर केसीआर आएंगे।"

'हम मामूली अंतर से हारे, हम चार लाख वोटों से हारे'
उन्होंने कहा कि केसीआर की उपस्थिति के बजाय सरकार की तरफ से छह चुनावी वादों के क्रियान्वयन पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। वहीं पार्टी के दलबदल पर, उन्होंने कहा कि 10 विधायक चले गए हैं जो निलंबित अवस्था में हैं", लेकिन पलायन रुक गया है। हाल ही में विधानसभा चुनाव में हार का विश्लेषण करते हुए, केटीआर ने धारणा प्रबंधन और संचार में विफलताओं का हवाला दिया। उन्होंने कहा, हम मामूली अंतर से हारे, हम चार लाख वोटों से हारे, उन्होंने मतदाताओं तक पार्टी की उपलब्धियों को पहुंचाने में संचार अंतराल को स्वीकार किया।

अपने 10 साल के शासन के दौरान 1.60 लाख युवाओं को रोजगार देने और सरकारी कर्मचारियों के लिए 73 प्रतिशत की बढ़ोतरी लागू करने के बावजूद, केटीआर ने स्वीकार किया कि ये उपलब्धियां मतदाताओं को प्रभावित करने में विफल रहीं। उन्होंने कहा कि पार्टी ने कालेश्वरम सिंचाई परियोजना में मेदिगड्डा बैराज विफलता जैसे मुद्दों पर आलोचना का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए भी संघर्ष किया।

केटीआर ने कांग्रेस को बताया प्राथमिक प्रतिद्वंद्वी
राजनीतिक परिदृश्य का आकलन करते हुए, केटीआर ने भाजपा के प्रभाव को कम करके आंकते हुए कांग्रेस को प्राथमिक प्रतिद्वंद्वी के रूप में स्थापित किया। उन्होंने कहा, अभी चूंकि कांग्रेस सत्ता में है, इसलिए मुझे लगता है कि यवह मेरी प्रतिद्वंद्वी है और भाजपा कम प्रतिद्वंद्वी है। भाजपा के पास कोई संगठनात्मक आधार नहीं है। उन्होंने भाजपा के मंत्रियों की आलोचना करते हुए कहा कि वे 'रेवंत रेड्डी के सबसे बड़े समर्थक हैं।

अमृत योजना के टेंडरों में कथित अनियमितताओं के जांच की मांग
इस दौरान बीआरएस नेता ने भी आक्रामक रुख अपनाया और अमृत योजना के टेंडरों में कथित अनियमितताओं की केंद्रीय जांच की मांग की। उन्होंने मुख्यमंत्री पर रिश्तेदारों को ठेके देने का आरोप लगाया और कर्नाटक और झारखंड में विवादों से तुलना की। केटीआर ने आरोप लगाया, यह कर्नाटक में एमयूडीए मामले और झारखंड में हेमंत सोरेन से जुड़े भूमि घोटाले मामले की तरह 'लाभ के पद' का स्पष्ट मामला है। बीआरएस नेता ने कांग्रेस सरकार के प्रदर्शन को बेहद खराब करार दिया और आधी गारंटी के क्रियान्वयन का आकलन करने के लिए सर्वेक्षण की मांग की।
 
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