सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   RG Kar impasse: Agitating doctors write to President Murmu, PM Modi seeking their intervention

RG Kar Case: आंदोलनकारी डॉक्टरों का राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी को पत्र, कहा- चिकित्सकों को दिलाएं न्याय

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता Published by: बशु जैन Updated Fri, 13 Sep 2024 05:14 PM IST
सार

अस्पताल के सेमिनार कक्ष में नौ अगस्त को प्रशिक्षु डॉक्टर का शव मिलने के बाद से घटना के विरोध में देशव्यापी प्रदर्शन हो रहे हैं। नौ सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सभी डॉक्टरों से 10 सितंबर को शाम पांच बजे तक काम पर लौटने का आग्रह किया था।  फिर भी डॉक्टर पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।

विज्ञापन
RG Kar impasse: Agitating doctors write to President Murmu, PM Modi seeking their intervention
कोलकाता की घटना के विरोध में प्रदर्शन जारी - फोटो : पीटीआई
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर की हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। डॉक्टरों ने पत्र में आरजी कर मामले में मृत चिकित्सक और अन्य चिकित्सकों को न्याय दिलाने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की है। 

Trending Videos


डॉक्टरों ने पत्र में लिखा है कि हम देश के प्रमुख के तौर पर आपके समक्ष मुद़्दा रखते हैं। हम चाहते हैं कि हमारे जो सहयोगी अपराध का शिकार हुए हैं, उनको न्याय मिले। आपके हस्तक्षेप के बाद ही पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग के तहत स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर भय और आशंका के बिना जनता के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में सक्षम हो सकते हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन


उन्होंने लिखा कि कठिन समय में आपका हस्तक्षेप हमारे लिए प्रकाश की किरण के रूप में काम करेगा। जो हमें अंधेरे से बाहर निकलने का रास्ता दिखाएगा। पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट द्वारा लिखे गए चार पन्नों के पत्र की प्रतियां उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को भी भेजी गईं। डॉक्टर अनिकेत महतो ने बताया कि पत्र को महीने की शुरुआत में तैयार किया गया था और गुरुवार रात को भेजा गया।

यह है मामला
गौरतलब है, अस्पताल के सेमिनार कक्ष में नौ अगस्त को प्रशिक्षु डॉक्टर का शव मिलने के बाद से घटना के विरोध में देशव्यापी प्रदर्शन हो रहे हैं। पुलिस ने इस सिलसिले में कोलकाता पुलिस के नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को गिरफ्तार किया था। टीएमसी सरकार और पश्चिम बंगाल पुलिस कठघरे में है। सुप्रीम कोर्ट से लगातार फटकार लग रही है। तनाव बढ़ता देख कलकत्ता हाईकोर्ट ने 13 अगस्त को जांच सीबीआई को सौंप दी थी। इससे पहले कोलकाता पुलिस मामले की जांच कर रही थी।

सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों से काम पर वापस जाने को कहा
वहीं, घटना के बाद देशभर के डॉक्टर सड़कों पर उतर आए थे। इससे मरीजों को दिक्कत होने लगी। इस पर नौ सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सभी डॉक्टरों से 10 सितंबर को शाम पांच बजे तक काम पर लौटने का आग्रह किया था। शीर्ष अदालत ने चेतावनी दी थी कि अगर काम से लगातार गायब रहे, तो अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। हालांकि, फिर भी डॉक्टर पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। जूनियर डॉक्टरों लगातार घटना के खिलाफ अपना विरोध जता रहे हैं। वह न्याय की मांग कर रहे हैं।  

डॉक्टरों के भारत की राष्ट्रपति को पत्र लिखने पर केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने कहा कि कोलकाता में जो हुआ वह नियंत्रण से बाहर है। अगर राष्ट्रपति और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल कार्यभार नहीं संभालते हैं तो नागरिकों द्वारा हिंसा हो सकती है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि साठ दिन से अधिक हो गए हैं और वह इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने में असमर्थ हैं। 



केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि पश्चिम बंगाल में कोई लोकतंत्र नहीं है। सही मायनों में पश्चिम बंगाल में तानाशाही है और यही काम ममता बनर्जी के आने से पहले सीपीएम सरकार ने भी किया था। ममता बनर्जी ने भी उसी मॉडल को अपनाया और उसी रास्ते पर काम कर रही हैं। वे पश्चिम बंगाल के लोगों का अपमान कर रही हैं।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed