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राज्यसभा: धनखड़ बोले- सरकार ही सर्वोच्च और लोकतंत्र में शासन केवल कार्यपालिका ही चला सकती, न्यायालय नहीं

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: राहुल कुमार Updated Wed, 02 Apr 2025 03:52 PM IST
सार

राज्यसभा में बुधवार को नीट परीक्षा और शासन प्रणाली को लेकर बड़ी बहस हुई। इस दौरान राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि लोकतंत्र में शासन केवल सरकार के हाथ में होना चाहिए, न कि अदालतों के पास, क्योंकि सरकार संसद और जनता के प्रति जवाबदेह होती है।  

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RS Chairman Dhankhar says Governance in democracy can only be by executive, not courts
राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ - फोटो : वीडियो ग्रैब- संसद टीवी
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विस्तार
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राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को कहा कि सरकार "सर्वोच्च" है और लोकतंत्र में शासन केवल कार्यपालिका द्वारा ही किया जा सकता है, न्यायालयों द्वारा नहीं, क्योंकि कार्यपालिका संसद और उसे चुनने वाले लोगों के प्रति जवाबदेह होती है। प्रश्नकाल के दौरान यह टिप्पणी जगदीप धनखड़ ने डीएमके सदस्य कनिमोझी की राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के विकेंद्रीकरण की मांग पर की।
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कनिमोझी ने सवाल किया था कि सरकार 'प्रवेश के लिए परीक्षाओं को अपने संस्थानों तक सीमित नहीं रख सकती। वह इन परीक्षाओं का विकेंद्रीकृत क्यों नहीं कर सकती, जहां राज्य बोर्ड परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के आधार पर राज्य भरते हैं। केंद्रीय मत्री धर्मेंद्र प्रधान ने केंद्रीकृत परीक्षा प्रणाली का बचाव करते हुए कहा कि इसकी शुरुआत पिछली यूपीए सरकार ने की थी। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है और मेडिकल प्रवेश परीक्षा केंद्रीकृत है।

एनटीए शानदार काम कर रहा है- प्रधान
उन्होंने कहा, प्रश्न का मूल यह है कि आप नीट परीक्षा को खत्म क्यों नहीं कर देते और राज्यों को अधिकार क्यों नहीं दे देते। उन्होंने कनिमोझी को संबोधित करते हुए कहा, पिछली यूपीए सरकार ने इस मॉडल की शुरुआत की थी। हमें इसे आगे बढ़ाना है। आप उस सरकार का हिस्सा थीं। वह उस समय इस पर राजी हो सकती थीं। धर्मेंद्र प्रधान ने स्वीकार किया कि नीट परीक्षा में कुछ चुनौतियां आई हैं, लेकिन हर साल इसमें सुधार किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, 'एनटीए शानदार काम कर रहा है, और आने वाले समय में यह देश के लिए एक मजबूत प्रवेश परीक्षा प्रणाली होगी।

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राज्यसभा अध्यक्ष का बड़ा बयान
इस चर्चा के दौरान राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड ने कहा, 'क्या सरकार अपनी कार्यकारी शक्ति अदालत को सौंप सकती है? लोकतंत्र में शासन केवल कार्यपालिका के हाथ में होना चाहिए, क्योंकि वही संसद और जनता के प्रति जवाबदेह होती है।' उन्होंने आगे कहा, 'सरकार जनता द्वारा चुनी जाती है ताकि वह देश का प्रशासन कर सके। ऐसे में कार्यकारी शक्ति सरकार के अलावा किसी और के पास नहीं हो सकती। सरकार ही अंतिम है।'

राज्यसभा में अन्य मुद्दों पर हुई चर्चा
इसके अलावा, शिक्षा मंत्री ने 2025-26 के बजट में डिजिटल कनेक्टिविटी के लिए धन आवंटित करने की जानकारी दी। वहीं, यूजीसी के नए दिशा-निर्देशों पर बहस के दौरान सीपीआई (एम) नेता जॉन ब्रिट्टास ने गवर्नरों को दी गई ज्यादा शक्तियों और संविदा कर्मचारियों के लिए सुरक्षा की कमी पर सवाल उठाए। इस पर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कुछ राज्यों में मुख्यमंत्री कार्यालयों से जुड़े प्रभावशाली लोग अपने परिवार के सदस्यों और करीबियों को कुलपति और प्रोफेसर बना रहे थे।

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