Tribute To Vajpayee: आज पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की पुण्यतिथि, सदैव अटल पहुंच राष्ट्रपति और पीएम ने किया नमन
अटल बिहारी वाजपेयी 16 से 31 मार्च 1996 और फिर 19 मार्च 1998 से 13 मई 2004 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। मार्च 2015 में उन्हें भारत रत्न प्रदान किया गया। 16 अगस्त 2018 को 93 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था। आज सदैव अटल स्मारक पर पूर्व पीएम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम नरेंद्र मोदी ने पहुंचकर श्रद्धांजलि दी।

विस्तार

#WATCH | Delhi | President Droupadi Murmu, PM Modi and other senior leaders attend the prayer meeting at 'Sadaiv Atal', the memorial of former PM Atal Bihari Vajpayee, on his death anniversary
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(Video source: DD) pic.twitter.com/iT2zqi0k77 — ANI (@ANI) August 16, 2025
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दत्तक पुत्री नमिता कौल भट्टाचार्य ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
Remembering Atal Ji on his Punya Tithi. His dedication and spirit of service towards the all-round progress of India continue to inspire everyone in building a developed and self-reliant India.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 16, 2025
इससे पहले पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा कि अटल जी को उनकी पुण्यतिथि पर शत-शत नमन। भारत की सर्वांगीण प्रगति के प्रति उनका समर्पण और सेवाभाव सभी को एक विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए प्रेरित करता रहेगा। सभी देशवासियों की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी जी को उनके स्मारक पर सादर नमन। राष्ट्र के चौतरफा विकास को लेकर उनके संकल्प, सेवा भाव विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान के लिए हर किसी को प्रेरित करता है।
आंध्रप्रदेश के सीएम नायडू ने किया पूर्व पीएम को नमन
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी सातवीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उन्होंने देश को सर्वोपरि रखने के दर्शन का पालन किया और जीवन भर इसके लिए काम किया। नायडू ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी एक साहसी दूरदर्शी व्यक्ति थे, जिन्होंने देश को सर्वोपरि रखने के दर्शन का पालन किया और जीवन भर इसके लिए काम किया।
ऐसा रहा अटल बिहारी वाजपेय का सियासी सफर
अटल बिहारी वाजपेयी 16 से 31 मार्च 1996 और फिर 19 मार्च 1998 से 13 मई 2004 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। वाजपेयी जवाहर लाल नेहरू के बाद लगातार तीन लोकसभा चुनाव जीतकर प्रधानमंत्री बनने वाले पहले नेता बन गए थे। इंदिरा गांधी के बाद लगातार तीन बार अपने नेतृत्व में पार्टी को जीत दिलाने वाले इकलौते प्रधानमंत्री का गौरव भी वाजपेयी के नाम है। 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में कृष्ण बिहारी वाजपेयी और कृष्णा देवी के घर जन्मे अटल बिहारी वाजपेयी के पास चार दशक से अधिक समय का संसदीय अनुभव था। वे 1957 से संसद सदस्य रहे हैं।
2015 में सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से नवाजा गया
अटल बिहारी वाजपेयी को राष्ट्र के प्रति उनके सेवाओं के मद्देनजर वर्ष 1992 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। उन्हें लोकमान्य तिलक पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ संसद सदस्य आदि पुरस्कार से नवाजा गया। इससे पहले 1993 में कानपुर विश्वदविद्यालय ने मानद डॉक्ट्रेट की उपाधि से नवाजा था। वर्ष 2014 में उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा की गई और मार्च 2015 में उन्हें भारत रत्न से प्रदान किया गया। उन्हें 2015 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' की उपाधि से अलंकृत किया गया। 16 अगस्त 2018 को 93 साल की उम्र में उनका निधन हो गया।
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