Operation Sindoor: 'ऑपरेशन सिंदूर नाम रखना धर्म और स्त्री का अपमान', मोदी सरकार पर संजय राउत का तीखा हमला
ऑपरेशन सिंदूर और पाहलगाम हमले पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा कि सेना को धर्म से जोड़ना गलत है। उन्होंने ऑपरेशन का नाम 'सिंदूर' रखने को धर्म और स्त्री सम्मान का अपमान बताया। राउत ने आरोप लगाया कि हमले के बाद गोधरा जैसे दंगे भड़काने की कोशिश हुई। साथ ही उन्होंने बेरोजगारी को लेकर कहा कि जब तक भूख और बेरोजगारी रहेगी, तब तक समाज में राक्षस पैदा होते रहेंगे।
विस्तार
ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले को लेकर देश में जारी बयानबाजी के बीच शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने बड़ा बयान दिया है। साथ ही इस मामले में हो रही राजनीतिक बयानबाजी पर कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस सैन्य अभियान को धार्मिक युद्ध बताया और कहा कि यह तब तक नहीं रुकेगा जब तक पाकिस्तान खत्म नहीं हो जाता। राउत ने पूछा कि अगर सच में यह धार्मिक युद्ध था, तो 'अखंड भारत' का सपना अब तक क्यों पूरा नहीं किया गया? उन्होंने कहा कि देश में कुछ लोग हर बार धर्म के नाम पर सेना का इस्तेमाल करते हैं और राजनीति करते हैं।
ऑपरेशन सिंदूर नाम रखना धर्म और स्त्री का अपमान
संजय राउत ने ऑपरेशन सिंदूर का नाम लेते हुए कहा कि इसका नाम 'सिंदूर' रखना धर्म और स्त्री सम्मान दोनों का अपमान है। इससे पहले भी 'ऑपरेशन महादेव' और 'गंगा-जमुना' जैसे नाम दिए गए। सेना को धर्म से जोड़ना गलत है।
राउत ने यह भी आरोप लगाया कि पाहलगाम हमले के बाद देश में गोधरा जैसे दंगे भड़काने की कोशिश की गई, लेकिन कई बहादुर महिलाओं और मां-बहनों ने ऐसी अफवाहों को नकार दिया। उन्होंने कहा कि हां, हमारा देश बहुसंख्यक हिंदू है, लेकिन हर चीज में धर्म को घसीटना ओवरडोज बन जाता है, जो सही नहीं है।
ये भी पढ़ें:- Assembly Elections: बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा शुरू करेगी नया अभियान, फर्जी कार्यकर्ताओं की होगी छुट्टी
गरीबी और बेरोजगारी पर भी बोले राउत
गरीबी और बेरोजगारी को लेकर शिवसेना (यूबीटी) ने कहा कि जब तक किसी देश में भूख और बेरोजगारी रहेगी, तब तक वहां राक्षस पैदा होते रहेंगे। उन्होंने कहा कि भूख इंसान को मजबूर करती है कि वह या तो चोर बने, बंदूक उठाए या फिर आतंकवादी। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान राउत ने कहा कि भूख और गरीबी से ही राक्षस पैदा होते हैं। जब किसी के पास रोजगार नहीं होता, पेट भरने को खाना नहीं होता, तो वह गलत रास्ता चुनता है।
गरीबी में लोग उठाते हैं हथियार- राउत
राउत ने आगे कहा कि दुनियाभर में जहां-जहां गरीबी है, वहां के लोगों ने हथियार उठाए हैं। उन्हें कोई आतंकवादी कहता है, कोई नक्सली, कोई माओवादी या फिर धर्म के नाम पर कुछ और नाम दे देता है। उन्होंने कहा कि ये स्थिति भारत, पाकिस्तान, सीरिया, रूस जैसे देशों में देखी जा सकती है। राउत ने कहा कि सरकारें ही ऐसे राक्षस पैदा करती हैं, क्योंकि वे गरीबी, बेरोजगारी और अशिक्षा को खत्म करने के लिए सही कदम नहीं उठातीं।
ये भी पढ़ें:- Maharashtra: चार महीने बाद भी धनंजय मुंडे ने नहीं खाली किया सरकारी बंगला, भुजबल अब भी कर रहे इंतजार
कसाब को लेकर क्या बोले राउत
इस दौरान संजय राउत ने 26/11 मुंबई हमले के आतंकवादी अजमल कसाब का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान में शिक्षा और गरीबी के खिलाफ कदम उठाए गए होते, तो कसाब जैसा आतंकवादी पैदा नहीं होता। गरीबों को धर्म के नाम पर बरगलाया जाता है और वही आतंक का रास्ता चुनते हैं। कसाब उनमें से एक था। और ऐसे लोग हमारे देश में भी मौजूद हैं। उन्होंने सरकारों से अपील की कि वे सिर्फ आतंकवाद से लड़ने की बात न करें, बल्कि उसकी जड़ यानी भूख, गरीबी और बेरोजगारी को खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाएं।