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असम के विकास के लिए मोदी ने दिया हर संभव मदद करने का भरोसा: सर्बानंद सोनोवाल
डिजिटल ब्यूरो अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Wed, 12 Jun 2019 08:58 PM IST
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सर्बानंद सोनोवाल
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असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उनके समक्ष राज्य के विकास से जुड़ी कई योजनाएं रखी। सोनोवाल के मुताबिक, पीएम ने उन्हें असम के विकास के लिए हर संभव मदद करने का भरोसा दिया है। इतना ही नहीं, पीएम ने यह आश्वासन भी दिया है कि असम के कई ऐसे मामले जो अभी तक अनसुलझे हैं, उनका जल्द से जल्द समाधान कर लिया जाएगा। मुख्यमंत्री सोनोवाल ने पीएम को एक ज्ञापन सौंपकर उनसे बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम के पुनरुद्धार का आग्रह किया है।
मुख्यमंत्री सोनोवाल ने कहा, बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम राज्य में बाढ़ और कटाव प्रबंधन कार्य करने के लिए धन का महत्वपूर्ण स्रोत रहा है। इस कार्यक्रम को अब और ज्यादा मजबूत बनाया जाएगा। सोनोवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि असम सबसे अधिक आपदाग्रस्त प्रदेश है। यहां पर बाढ़ एक बड़ी दिक्कत तो है ही, उसके साथ-साथ नदी के किनारे का कटाव होना भी एक गंभीर समस्या है। इससे राज्य के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को बहुत नुकसान पहुंचा है। असम में भूमि कटाव की समस्या को एसडीआरएफ के दिशानिर्देशों में शामिल नहीं किया गया है। इस वजह से कटाव का मुकाबला करने के लिए त्वरित और समय पर कोई मदद नहीं मिल पाती।
सोनोवाल ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि नदी कटाव की समस्या पर असम के लोगों को एनडीआरएफ/एसडीआरएफ के तहत सहायता प्रदान की जाए। इसके अलावा प्रमुख क्षेत्रों का विकास जैसे, शहरी विकास, मत्स्य पालन, सड़क, पुल, पर्यटन, स्वास्थ्य सेवा, बिजली और जल संसाधन आदि के लिए 20,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी जाए। नॉर्थ ईस्ट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट स्कीम के संबंध में सोनोवाल ने कहा, इस बाबत मैंने प्रधानमंत्री मोदी से अनुरोध किया कि वे इसे और अधिक आकर्षक बनाने के लिए संबंधित मंत्रालयों को दिशा-निर्देश जारी करें। खासतौर पर बड़े निवेश वाली कंपनियों (10 करोड़ रुपये और इससे अधिक) को असम में उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहन दें।
उत्तर पूर्व क्षेत्र भारत के विकास का नया इंजन बने, इसके लिए उत्तर पूर्व क्षेत्र को आसियान से जोड़ने के लिए देश के एक्सप्रेस वे को जल्द से जल्द पूरा करना होगा। सोनोवाल ने इसके लिए प्रधानमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। थाइलैंड में माई सोत से एशियाई त्रिपक्षीय राजमार्ग जो वाया म्यांमार होते हुए मणिपुर में मोरेह तक पहुंचेगा, उसे जल्द पूरा करने की मांग की गई है। यह मार्ग आसियान के साथ उत्तर पूर्व के व्यापार लिंक का एक लंबा रास्ता तय करेगा।

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मुख्यमंत्री सोनोवाल ने कहा, बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम राज्य में बाढ़ और कटाव प्रबंधन कार्य करने के लिए धन का महत्वपूर्ण स्रोत रहा है। इस कार्यक्रम को अब और ज्यादा मजबूत बनाया जाएगा। सोनोवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि असम सबसे अधिक आपदाग्रस्त प्रदेश है। यहां पर बाढ़ एक बड़ी दिक्कत तो है ही, उसके साथ-साथ नदी के किनारे का कटाव होना भी एक गंभीर समस्या है। इससे राज्य के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को बहुत नुकसान पहुंचा है। असम में भूमि कटाव की समस्या को एसडीआरएफ के दिशानिर्देशों में शामिल नहीं किया गया है। इस वजह से कटाव का मुकाबला करने के लिए त्वरित और समय पर कोई मदद नहीं मिल पाती।
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सोनोवाल ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि नदी कटाव की समस्या पर असम के लोगों को एनडीआरएफ/एसडीआरएफ के तहत सहायता प्रदान की जाए। इसके अलावा प्रमुख क्षेत्रों का विकास जैसे, शहरी विकास, मत्स्य पालन, सड़क, पुल, पर्यटन, स्वास्थ्य सेवा, बिजली और जल संसाधन आदि के लिए 20,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी जाए। नॉर्थ ईस्ट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट स्कीम के संबंध में सोनोवाल ने कहा, इस बाबत मैंने प्रधानमंत्री मोदी से अनुरोध किया कि वे इसे और अधिक आकर्षक बनाने के लिए संबंधित मंत्रालयों को दिशा-निर्देश जारी करें। खासतौर पर बड़े निवेश वाली कंपनियों (10 करोड़ रुपये और इससे अधिक) को असम में उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहन दें।
उत्तर पूर्व क्षेत्र भारत के विकास का नया इंजन बने, इसके लिए उत्तर पूर्व क्षेत्र को आसियान से जोड़ने के लिए देश के एक्सप्रेस वे को जल्द से जल्द पूरा करना होगा। सोनोवाल ने इसके लिए प्रधानमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। थाइलैंड में माई सोत से एशियाई त्रिपक्षीय राजमार्ग जो वाया म्यांमार होते हुए मणिपुर में मोरेह तक पहुंचेगा, उसे जल्द पूरा करने की मांग की गई है। यह मार्ग आसियान के साथ उत्तर पूर्व के व्यापार लिंक का एक लंबा रास्ता तय करेगा।