महाराष्ट्र और बिहार में शिवसेना, जद (यू) कर रही हैं सीटों की जोर आजमाइश, भाजपा बरत रही संयम
भाजपा को बहुमत का भरोसा
बताते हैं भाजपा दोनों राज्यों में अपने बूते पर विधानसभा चुनाव में जाने और चुनाव बाद सरकार के लिए बहुमत लाने में सक्षम है, लेकिन पार्टी सहयोगियों को उनका उचित सम्मान देना चाहती है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि शिवसेना और जद (यू) दोनों विधानसभा चुनाव में अपने पाले में गठबंधन की अधिक सीटें लेने की जोर अजमाइश कर रहे हैं।
संयम बरतते हैं अमित शाह
लोकसभा चुनाव से पहले शिवसेना के नेता उद्धव ठाकरे के बोल काफी सख्त थे, लेकिन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह मे काफी संयम बरता था। वह लगातार महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ऩे की बात कहते रहे और अंत में यही हुआ। अमित शाह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आक्रामक तेवर अपनाने के बाद भी यही कहा था और संतुलित, संयमित रहकर गठबंधन को आगे बढ़ाया। इस दौरान अमित शाह का कहना था कि भाजपा अपने सहयोगी दलों का सम्मान करती है। गठबंधन के बारे में आज भी उनकी यह राय नहीं बदली है।
नीतीश कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र
गठबंधन को लेकर अमित शाह का कहना था कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लगेगा कि जहां बाधा कम है, वह उस दल के साथ रहेंगे। शाह ने केन्द्र सरकार के चार साल पूरा होने के बाद पार्टी द्वारा आयोजित कार्यक्रम से इतर यह भी कहा था कि उन्होंने नीतीश कुमार को पकड़ा नहीं है। वह कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र हैं। इसके साथ-साथ भाजपा अध्यक्ष ने उम्मीद जताई थी कि शिवसेना और जद (यू) दोनों दल भाजपा के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे और यह हुआ भी। बिहार से आने वाले भाजपा के एक केंद्रीय मंत्री का कहना है कि इस स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है।
बिहार विधानसभा में हैं 240 सीटें
बिहार विधानसभा में कुल 240 सीटें हैं। जद (यू) इसमें अपनी ठीक-ठाक स्थिति चाहती है। पिछले विधानसभा चुनाव में जद (यू) ने 100, राजद ने 100 और कांग्रेस ने 40 सीट पर चुनाव लड़ा था। भाजपा के नेताओं का कहना है कि बिहार में जद (यू) आगामी चुनाव में भी खुद को 100 सीटों तक ही सीमित रहना चाहिए। हालांकि सूत्र का कहना है कि इस बारे में कोई भी फैसला पार्टी का केन्द्रीय नेतृत्व करेगा और अभी इसमें काफी समय है।
महाराष्ट्र में शिवसेना चाहती है आधी सीटें
यही स्थिति महाराष्ट्र में भी है। महाराष्ट्र में शिवसेना विधानसभा की आधी सीटों पर चुनाव लड़ने का सपना देख रही है। भाजपा को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की इस महत्वकांक्षा का अंदाजा है। जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सरकार बनाने के लिए पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया था। पार्टी के नेताओं का मानना है कि महाराष्ट्र में भाजपा की स्थिति पहले से मजबूत हुई है। इसलिए पार्टी बहुत फूंक-फूंक कर कदम रख रही है।