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शिवसेना चुनाव चिह्न विवाद: उद्धव गुट की याचिका पर 12 नवंबर को होगी सुनवाई, निकाय चुनाव से पहले आ सकता है फैसला
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नितिन गौतम
Updated Wed, 08 Oct 2025 02:12 PM IST
सार
14 जुलाई को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मुद्दा लंबे समय से लंबित है और अनिश्चितता को जारी नहीं रहने दिया जा सकता।
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एकनाथ शिंदे, उद्धव ठाकरे
- फोटो : एएनआई (फाइल)
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विस्तार
शिवसेना चुनाव चिह्न विवाद पर आखिरी सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 12 नवंबर की तारीख तय की है। महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष द्वारा एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी को 'धनुष-बाण' चुनाव चिह्न आवंटित करने के फैसले के खिलाफ शिवसेना यूबीटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि याचिका पर सुनवाई 12 नवंबर से शुरू होगी और अगर जरूरत पड़ी तो यह 13 नवंबर को भी जारी रहेगी।
स्थानीय निकाय चुनाव से पहले
शिवसेना-यूबीटी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव अगले साल जनवरी में होने की संभावना है और इसलिए इस मामले में तत्काल सुनवाई की जरूरत है। इस पर पीठ ने कहा, 'हम 12 नवंबर को सभी पक्षों की सुनवाई करेंगे और अगर जरूरत पड़ी तो हम 13 नवंबर को सुनवाई जारी रख सकते हैं।' एकनाथ शिंदे की शिवसेना की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और नीरज किशन कौल पेश हुए।
विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को शिवसेना यूबीटी ने दी है चुनौती
उद्धव गुट ने याचिका में कहा कि 2023 में विधायी बहुमत के आधार पर शिवसेना का चुनाव चिह्न एकनाथ शिंदे गुट को सौंपने का विधानसभा अध्यक्ष का फैसला सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के फैसले के खिलाफ है। 7 मई को शिवसेना यूबीटी ने सुप्रीम कोर्ट से उनकी याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की थी। जनवरी 2024 में, विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने एकनाथ शिंदे सहित उनकी पार्टी के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की शिवसेना-यूबीटी की याचिका खारिज कर दी थी। शिवसेना यूबीटी ने याचिका में कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का फैसला दलबदल करने वाले विधायकों को दंडित करने के बजाय उन्हें पुरस्कृत करने वाला था और वे असली शिवसेना हैं।
ये भी पढ़ें- रामपुर: दिल से मिले दिल... अखिलेश और आजम खां की मुलाकात की पहली तस्वीर, एक-दूसरे के हाथ पकड़कर चले साथ
विधानसभा अध्यक्ष के फैसले से महाराष्ट्र में बनी महायुति गठबंधन की सरकार
याचिका में दावा किया गया कि अध्यक्ष ने यह मानकर गलती की कि शिवसेना के बहुसंख्यक विधायक शिवसेना की इच्छा का प्रतिनिधित्व करते हैं। अयोग्यता याचिकाओं पर अपने फैसले में, अध्यक्ष ने प्रतिद्वंद्वी खेमे के किसी भी विधायक को अयोग्य नहीं ठहराया। अध्यक्ष के फैसले के चलते महा विकास अघाड़ी की सरकार गिर गई और भाजपा शिवसेना की महायुति गठबंधन सरकार सत्ता में आई और एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने। 2024 के लोकसभा चुनावों में, शिंदे गुट ने सात सीटें जीतीं। महाराष्ट्र चुनावों में, पार्टी ने 57 सीटें जीतीं, भाजपा ने 132 सीटें जीतीं, जबकि अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा को 41 सीटें मिलीं। दिसंबर 2024 में, देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने और एकनाथ शिंदे और अजित पवार उप-मुख्यमंत्री बने।
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स्थानीय निकाय चुनाव से पहले
शिवसेना-यूबीटी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव अगले साल जनवरी में होने की संभावना है और इसलिए इस मामले में तत्काल सुनवाई की जरूरत है। इस पर पीठ ने कहा, 'हम 12 नवंबर को सभी पक्षों की सुनवाई करेंगे और अगर जरूरत पड़ी तो हम 13 नवंबर को सुनवाई जारी रख सकते हैं।' एकनाथ शिंदे की शिवसेना की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और नीरज किशन कौल पेश हुए।
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विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को शिवसेना यूबीटी ने दी है चुनौती
उद्धव गुट ने याचिका में कहा कि 2023 में विधायी बहुमत के आधार पर शिवसेना का चुनाव चिह्न एकनाथ शिंदे गुट को सौंपने का विधानसभा अध्यक्ष का फैसला सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के फैसले के खिलाफ है। 7 मई को शिवसेना यूबीटी ने सुप्रीम कोर्ट से उनकी याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की थी। जनवरी 2024 में, विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने एकनाथ शिंदे सहित उनकी पार्टी के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की शिवसेना-यूबीटी की याचिका खारिज कर दी थी। शिवसेना यूबीटी ने याचिका में कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का फैसला दलबदल करने वाले विधायकों को दंडित करने के बजाय उन्हें पुरस्कृत करने वाला था और वे असली शिवसेना हैं।
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याचिका में दावा किया गया कि अध्यक्ष ने यह मानकर गलती की कि शिवसेना के बहुसंख्यक विधायक शिवसेना की इच्छा का प्रतिनिधित्व करते हैं। अयोग्यता याचिकाओं पर अपने फैसले में, अध्यक्ष ने प्रतिद्वंद्वी खेमे के किसी भी विधायक को अयोग्य नहीं ठहराया। अध्यक्ष के फैसले के चलते महा विकास अघाड़ी की सरकार गिर गई और भाजपा शिवसेना की महायुति गठबंधन सरकार सत्ता में आई और एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने। 2024 के लोकसभा चुनावों में, शिंदे गुट ने सात सीटें जीतीं। महाराष्ट्र चुनावों में, पार्टी ने 57 सीटें जीतीं, भाजपा ने 132 सीटें जीतीं, जबकि अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा को 41 सीटें मिलीं। दिसंबर 2024 में, देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने और एकनाथ शिंदे और अजित पवार उप-मुख्यमंत्री बने।
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